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Bokaro News: कसमार में 500 एकड़ जमीन में आम की बागवानी, बनेगा सबसे बड़ा उत्पादन करने वाला प्रखंड!

बोकारो का कसमार प्रखंड आम उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. करीब 500 एकड़ में आम की बागवानी की जा रही है. आम की बागवानी से महिला समूहों को भी अच्छी कमाई हो रही है.

Mango production in kasmar
Mango production in kasmar
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Published : Apr 15, 2023, 1:50 PM IST

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बोकारो: जिले का कसमार प्रखंड आने वाले कुछ वर्षों में जिले का सबसे बड़ा आम उत्पादन करने वाला प्रखंड बन जाएगा. यहां लगभग 500 एकड़ में मल्लिका और आम्रपाली सहित विभिन्न प्रजाति के आम की बागवानी की जा रही है. कसमार प्रखंड में केवल बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना के तहत 386 एकड़ में आम की बागवानी की गई है. वहीं कई किसानों ने लगभग 100 एकड़ से अधिक भूमि पर आम की बागवानी की है. आदिवासी बहुल गांव सुदी की महिलाओं के समूह ने भी 22 एकड़ भूमि पर आम की बागवानी की है, जो अब उनकी कमाई का जरिया बन गया है.

यह भी पढ़ें: बोकारो में असामाजिक तत्वों ने मंदिर और मूर्ति को किया क्षतिग्रस्त, इलाके में तनाव

सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में 20 एकड़, वर्ष 2018-19 में 02 एकड़ में बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना के तहत बागवानी की गई, लेकिन कम मेहनत और कम लागत में बगीचा तैयार होता देख किसानों ने वर्ष 2020-21 में 108 एकड़, वर्ष 2021 -22 में 100 एकड़ और वर्ष 2022-23 में 156 एकड़ भूमि पर आम की बागवानी की. प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, जिले में सबसे अधिक आम बागवानी कसमार प्रखंड में ही हुआ है.

सुदी की महिलाएं बनीं प्रेरणा: कसमार प्रखंड के मुरहूल सुदी पंचायत में आदिवासी कुर्मी बहुल गांव सुदी में वर्ष 2013-14 में महिलाओं ने आम बागवानी शुरू की थी. दो महिला समूह ने लगभग 22 एकड़ भूमि पर आम के लगभग 600 पेड़ लगाए थे, जो आज लहलहा रहे हैं. वर्ष 2022 में महिलाओं ने अपने बागान से अच्छी आय प्राप्त किया था. महिलाओं द्वारा आम बागवानी की सफलता से गांव के अलावा आसपास के लोग भी काफी प्रेरित हुए. इसके परिणाम स्वरूप मनरेगा के तहत लोगों ने कई एकड़ भूमि पर आम की बागवानी का काम शुरू कर दिया. समूह की महिला ने बताया कि इस वर्ष बारिश के कारण थोड़ा प्रभाव पड़ा है, लेकिन फिर भी अच्छा फल आने की उम्मीद है. अगर फल बच गए तो काफी अच्छी आय होगी.

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बोकारो: जिले का कसमार प्रखंड आने वाले कुछ वर्षों में जिले का सबसे बड़ा आम उत्पादन करने वाला प्रखंड बन जाएगा. यहां लगभग 500 एकड़ में मल्लिका और आम्रपाली सहित विभिन्न प्रजाति के आम की बागवानी की जा रही है. कसमार प्रखंड में केवल बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना के तहत 386 एकड़ में आम की बागवानी की गई है. वहीं कई किसानों ने लगभग 100 एकड़ से अधिक भूमि पर आम की बागवानी की है. आदिवासी बहुल गांव सुदी की महिलाओं के समूह ने भी 22 एकड़ भूमि पर आम की बागवानी की है, जो अब उनकी कमाई का जरिया बन गया है.

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में 20 एकड़, वर्ष 2018-19 में 02 एकड़ में बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना के तहत बागवानी की गई, लेकिन कम मेहनत और कम लागत में बगीचा तैयार होता देख किसानों ने वर्ष 2020-21 में 108 एकड़, वर्ष 2021 -22 में 100 एकड़ और वर्ष 2022-23 में 156 एकड़ भूमि पर आम की बागवानी की. प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, जिले में सबसे अधिक आम बागवानी कसमार प्रखंड में ही हुआ है.

सुदी की महिलाएं बनीं प्रेरणा: कसमार प्रखंड के मुरहूल सुदी पंचायत में आदिवासी कुर्मी बहुल गांव सुदी में वर्ष 2013-14 में महिलाओं ने आम बागवानी शुरू की थी. दो महिला समूह ने लगभग 22 एकड़ भूमि पर आम के लगभग 600 पेड़ लगाए थे, जो आज लहलहा रहे हैं. वर्ष 2022 में महिलाओं ने अपने बागान से अच्छी आय प्राप्त किया था. महिलाओं द्वारा आम बागवानी की सफलता से गांव के अलावा आसपास के लोग भी काफी प्रेरित हुए. इसके परिणाम स्वरूप मनरेगा के तहत लोगों ने कई एकड़ भूमि पर आम की बागवानी का काम शुरू कर दिया. समूह की महिला ने बताया कि इस वर्ष बारिश के कारण थोड़ा प्रभाव पड़ा है, लेकिन फिर भी अच्छा फल आने की उम्मीद है. अगर फल बच गए तो काफी अच्छी आय होगी.

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