झारखंड: राज्य सरकार और बोकारो स्टील के बीच विवाद हो गया है. राज्य सरकार लगभग 2 करोड़ की लागत से टाउन हॉल बनवा रही है. नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा जुडको के माध्यम से निर्माण कार्य कराया जा रहा है. इधर बोकारो स्टील ने बोकारो डीसी को पत्र लिखकर कथित अतिक्रमण पर चल रहे निर्माण कार्य को रोकने को कहा है. वहीं इसके उलट उपायुक्त ने बीएसएल के विद्युत विभाग को पत्र लिखकर 11 केवीए बिजली पोल को निर्माण स्थल से हटाने को कहा है.
ये भी पढ़ें: विस्थापित युवाओं का अनोखा आंदोलन, डीसी कार्यालय के पास दंडवत प्रणाम कर जताई नाराजगी
दो नवंबर 2022 को भवन का शिलान्यास किया गया था. बाद में उक्त स्थल का विरोध होने के ठीक 15 दिन बाद 17 नवंबर 2022 को बीएसएल सीजीएम पोपली ने उपायुक्त बोकारो को पत्र भेजकर निर्माण स्थल को बीएसएल का बताया. इधर बोकारो उपायुक्त ने इस स्थल पर मौजूद 11 केवीए बिजली पोल को हटाने के लिए बीएसएल के विद्युत विभाग को भी पत्र लिख दिया.
यूनियन सचिव ने क्या कहा: बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन के सचिव राजू सिंह ने कहा कि यह गंभीर मामला है. इसमें बोकारो स्टील के अधिकारियों की भी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है. कहा कि सीबीआई और सीवीसी को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी जाएगी.
बोकारो विधायक ने क्या कहा: बोकारो विधायक बिरंचि नारायण ने कहा कि यह जमीन बीएसएल की नहीं है. यह जमीन विस्थापितों की है. अगर इस तरह का अड़ंगा बोकारो स्टील प्रबंधन लगाती है तो इसके लिए आंदोलन किया जाएगा.
धनबाद सांसद ने क्या कहा: धनबाद के भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि टाउन हॉल का निर्माण हो रहा है. अब बोकारो स्टील इसको तोड़ भी नहीं सकती है. कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था. राज्य सरकार और केंद्र सरकार को समन्वय बनाकर काम करना चाहिए था. कहा कि सरकार को इस पर एनओसी भी ले लेनी चाहिए थी.