रांची: सूबे के डीजीपी अजय सिंह मंगलवार (2 मई) को एक्शन में नजर आए. राज्य में चल रहे अवैध खनन, लंबित कांडों की स्थिति और कोर्ट की सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे आवश्यक कदमों की जानकारी ली. डीजीपी ने निर्देश दिया है कि किसी भी हाल में राज्य में अवैध खनन नहीं होना चाहिए. बैठक में टास्क फोर्स को झारखंड के सात जिलों में चल रहे अवैध खनन पर ब्रेक लगाने की जिम्मेदारी दी गई है.
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लंबित कांडों का निष्पादन जल्द हो: डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया लंबित कांडों के निष्पादन के लिए जोर-शोर से कार्य चल रहे हैं. रेंज स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है. मंगलवार को रांची रेंज सहित पूरे राज्य में लंबित कांडों के निष्पादन की स्थिति क्या है इसकी समीक्षा की गई. इस दौरान डीजीपी के द्वारा जल्द से जल्द लंबित कांडों के निष्पादन की जिम्मेदारी सभी जिलों के एसपी को दी है. मंगलवार को रांची रेंज में लंबित कांडों को लेकर विशेष समीक्षा की गई.
अवैध खनन पर हर हाल में लगाएं ब्रेक: झारखंड के 7 जिलों में अवैध खनन एक बड़ी समस्या है. आर्थिक अपराध के पीछे अवैध खनन मुख्य वजह है. इसे देखते हुए राज्य में एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है. जिसके ऊपर यह जिम्मेदारी है कि वह अवैध खनन के ऊपर ब्रेक लगाए. मंगलवार की समीक्षा बैठक में डीजीपी ने टास्क फोर्स के द्वारा किए गए कार्यों की भी समीक्षा की. खासकर सात जिले जिनमें बहुत ज्यादा अवैध खनन की शिकायतें आ रही हैं, वहां के पुलिस अधीक्षकों को उस पर ब्रेक लगाने की हिदायत भी डीजीपी ने दी.
न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा की समीक्षा: झारखंड के सभी कोर्ट, जेल, जजों और न्यायिक अधिकारियों के आवासीय सुरक्षा को लेकर भी समीक्षा की. झारखंड पुलिस के आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता अमोल होमकर ने बताया कि राज्य के सभी जेल परिसर, कोर्ट कार्यालय की सुरक्षा को लेकर क्या क्या कदम उठाए गए है, इसकी समीक्षा भी डीजीपी ने की. समीक्षा के दौरान कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरे की क्या स्थिति है, दूसरे सुरक्षा उपकरण की स्थिति किया, कितने बल तैनात है इस पर भी डीजीपी ने जानकारी ली. डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश दिया गया है कि जहां-जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, वहां सीसीटीवी लगाने वाले विभाग से सामंजस्य बिठाकर जल्द से जल्द सीसीटीवी कैमरे लगाने के काम को पूरा करें. गौरतलब है कि हाल में ही सभी न्यायिक अधिकारियों के सुरक्षा को लेकर भी पुलिस ने ऑडिट किया गया था. ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ही सुरक्षा को लेकर समीक्षा की गई.