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बोकारो स्टील कंपनी में प्रदर्शन करने जा रहे विस्थापितों की पुलिस से धक्का-मुक्की, तीन दिन बाद मेन गेट की तालाबंदी का ऐलान

बोकारो स्टील कंपनी में गुरुवार को मुआवजा-नियोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन करने जा रहे पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों में जमकर धक्का-मुक्की हुई. हालांकि सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी कंपनी के प्रशासनिक भवन पर पहुंचने में सफल रहे. यहां उन्होंने प्रदर्शन कर मुआवजे और नौकरी की मांग उठाई और 70 घंटे प्रदर्शन का ऐलान किया.

protest in bokaro steel company
बोकारो स्टील कंपनी में प्रदर्शन
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Published : Sep 24, 2020, 5:22 PM IST

बोकारोः मुआवजा और नियोजन की मांग को लेकर गुरुवार को बोकारो स्टील कंपनी में प्रदर्शन करने जा रहे विस्थापितों की पुलिस से धक्का-मुक्की हुई, हालांकि प्रदर्शनकारी कंपनी के प्रशासनिक कार्यालय तक पहुंचने में कामयाब रहे.यहां विस्थापित संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पहुंची महिलाओं और पुरुषों ने प्रदर्शन कर जल्द नौकरी की मांग की. इस दौरान उन्होंने 72 घंटे प्रदर्शन का ऐलान किया और मांगे न मांगे जाने पर कंपनी के मेनगेट की तालाबंदी करने का ऐलान किया.

देखें पूरी खबर

इससे पहले सैकड़ों की संख्या में विस्थापित महिला और पुरुषों ने बोकारो के नया मोड़ स्थित बिरसा भगवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर प्रदर्शन शुरू किया. इसके बाद वे नया मोड़ पर ही बोकारो स्टील के प्रशासनिक कार्यालय की ओर बढ़े. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों की उनसे धक्का-मुक्की हो गई. हालांकि प्रदर्शनकारी आगे बढ़ते चले गए.

प्रशासनिक भवन के सामने रोका

बोकारो स्टील के प्रशासनिक भवन के सामने पहले से बैरिकेडिंग लगाकर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे जाने से आखिरकार रोक दिया. इस दौरान सिटी डीएसपी समेत पुलिस पदाधिकारी और मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे. अफसरों ने आंदोलनकारियों से इस दौरान वार्ता करने की भी कोशिश की.

ये भी पढ़ें-जमशेदपुरः बेसहारों के आश्रय पर पड़ी कोरोना की मार, मदद न मिलने से कर रहे आर्थिक तंगी का सामना

प्रबंधन पर बरगलाने का आरोप

प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष निवारण दिगार ने आरोप लगाया कि बोकारो स्टील प्रबंधन लगातार वार्ता के नाम पर विस्थापितों को बरगलाने का काम कर रहा है. ऐसे में हम लोगों ने यह निर्णय लिया है बोकारो स्टील के मुख्य द्वार को 72 घंटे तक बंद रखेंगे. इसके बाद भी अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो हम आगे की रणनीति भी तय करेंगे. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने तीन दिन बाद कंपनी के मेन गेट की तालाबंदी करने का भी ऐलान किया.

ये हैं मांगें

विस्थापितों की मांग है उनका नियोजन जल्द से जल्द शुरू किया जाए, जमीन के बदले राशि का जल्द भुगतान किया जाए, विस्थापित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिक्षा की व्यवस्था कराई जाए. बीएसएल प्रबंधन द्वारा विस्थापितों को परेशान किया जाना बंद किया जाए.

बोकारोः मुआवजा और नियोजन की मांग को लेकर गुरुवार को बोकारो स्टील कंपनी में प्रदर्शन करने जा रहे विस्थापितों की पुलिस से धक्का-मुक्की हुई, हालांकि प्रदर्शनकारी कंपनी के प्रशासनिक कार्यालय तक पहुंचने में कामयाब रहे.यहां विस्थापित संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पहुंची महिलाओं और पुरुषों ने प्रदर्शन कर जल्द नौकरी की मांग की. इस दौरान उन्होंने 72 घंटे प्रदर्शन का ऐलान किया और मांगे न मांगे जाने पर कंपनी के मेनगेट की तालाबंदी करने का ऐलान किया.

देखें पूरी खबर

इससे पहले सैकड़ों की संख्या में विस्थापित महिला और पुरुषों ने बोकारो के नया मोड़ स्थित बिरसा भगवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर प्रदर्शन शुरू किया. इसके बाद वे नया मोड़ पर ही बोकारो स्टील के प्रशासनिक कार्यालय की ओर बढ़े. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों की उनसे धक्का-मुक्की हो गई. हालांकि प्रदर्शनकारी आगे बढ़ते चले गए.

प्रशासनिक भवन के सामने रोका

बोकारो स्टील के प्रशासनिक भवन के सामने पहले से बैरिकेडिंग लगाकर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे जाने से आखिरकार रोक दिया. इस दौरान सिटी डीएसपी समेत पुलिस पदाधिकारी और मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे. अफसरों ने आंदोलनकारियों से इस दौरान वार्ता करने की भी कोशिश की.

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प्रबंधन पर बरगलाने का आरोप

प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष निवारण दिगार ने आरोप लगाया कि बोकारो स्टील प्रबंधन लगातार वार्ता के नाम पर विस्थापितों को बरगलाने का काम कर रहा है. ऐसे में हम लोगों ने यह निर्णय लिया है बोकारो स्टील के मुख्य द्वार को 72 घंटे तक बंद रखेंगे. इसके बाद भी अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो हम आगे की रणनीति भी तय करेंगे. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने तीन दिन बाद कंपनी के मेन गेट की तालाबंदी करने का भी ऐलान किया.

ये हैं मांगें

विस्थापितों की मांग है उनका नियोजन जल्द से जल्द शुरू किया जाए, जमीन के बदले राशि का जल्द भुगतान किया जाए, विस्थापित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिक्षा की व्यवस्था कराई जाए. बीएसएल प्रबंधन द्वारा विस्थापितों को परेशान किया जाना बंद किया जाए.

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