बोकारोः सेल बोकारो स्टील प्लांट के आवासों की स्थिति जर्जर हो चुकी है. यही कारण है कि बोकारो स्टील प्लांट में काम करने वाले कर्मी और उनके परिवार वाले डर के साए में इन आवासों में रहने को मजबूर हैं. लोगों को हमेशा डर बना रहता है कि पता नहीं कब और भवन का कौन सा हिस्सा उनके ऊपर गिर पड़े.
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रविवार को सेक्टर 8A में हादसा हुआ है. जहां बोकारो स्टील के कर्मी परशुराम कुमार के आवास संख्या 2443 में ऊपर से दो तले के बालकनी का छज्जा भर-भराकर गिर गया. छज्जे का भरी-भरकम मलबा उनके आउट हाउस स्थित कमरे में गिरा. घर वालों का कहना है कि महज कुछ सेकेंड पहले ही वहां पर मौजूद एक छोटा बच्चा उस जगह हट गया था. बच्चे के वहां से हटाने के बाद ही बालकनी के छज्जे का मलबा गिरा था. इसके बाद आउट हाउस की छत टूट कर नीचे आ गयी. लोगों का कहना है कि गनीमत रही कि रात को ये हादसा नहीं हुआ, क्योंकि वो लोग इसी स्थान पर सोते हैं.
मरम्मती के लिए 2018 से ही हो रहा पत्राचारः सेलकर्मी का कहना है कि वर्ष 2018 से ब्लॉक के छज्जे की मरम्मती के लिए पत्र लिखा जा रहा है लेकिन प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. हम लोग पूरी तरह से डरे सहमे हुए रहते हैं और रात की नींद भी उड़ चुकी है. घर पर रह रही महिलाएं इतनी डरी सहमी हुईं हैं कि वह मीडिया से बात करते हुए रो पड़ीं.
बता दें कि वर्षों पहले बने बीएसएल आवास की स्थिति जर्जर हो गई है. आवास का छज्जा गिरने या प्लास्टर का मलबा गिरने की घटनाएं लगातार घटित हो रही हैं. हाल में ही सेक्टर 12 में पूरे आवासीय खंड की सीढ़ी गिर गयी थी. जिसके बाद बीएसएल अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने रेस्क्यू कर क्वार्टर में फंसे लोगों को बाहर निकाला था.