बोकारो: संस्थानों को लीज फेल का नोटिस भेजने, अतिक्रमित जमीनों पर डोजर चलाने के साथ-साथ अब आवासों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए बीएसएल प्रबंधन बड़ा और कड़ा कदम उठाने जा रहा है. आवासों की मैंपिग की जाएगी. इससे घरों में अवैध रूप से रह रहे लोगों की जानकारी मिल पाएगी.
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बोकारो स्टील संचार प्रमुख ने क्या कहा: बोकारो स्टील संचार प्रमुख मणिकांत धान ने कहा कि बीएसएल का लैंड एंड एस्टेट (हाउस अलॉटमेंट) विभाग अपने पूरे 37,000 आवासों का डोर-टू-डोर सर्वे कराकर वास्तविक स्थिति का पता लगाएगा. जिससे वैध और अवैध की संख्या सामने होगी. जिस पर कार्रवाई करने में आसानी होगी. वर्तमान में बीएसएल के कितने क्वार्टरों पर कब्जा है, कब से कब्जा है, किसने कब्जा किया है, आवास में कौन रह रहा है आदि ऐसे कई सवालों की प्वाइंट टू प्वाइंट जानकारी एकत्र की जाएगी. यह सर्वे प्राइवेट एजेंसी, नगर प्रशासन की सख्त निगरानी में करेगी. अगर सब ठीक रहा तो आगामी छह से आठ महीने में काम पूरा हो जाएगा और आवासों की वास्तविक स्थिति बीएसएल अधिकारियों के सामने आनी शुरू हो जाएगी.
बीएसएल आवासों पर अवैध कब्जा : बीएसएल आवासों में बढ़ता अवैध कब्जा एक बड़ी समस्या के रूप में बीएसएल प्रबंधन के समक्ष खड़ा है. इससे पिछले एक दशक ना सिर्फ वैधानिक तौर पर रहने वाले बीएसएल और रिटायर्ड कर्मचारी परेशान है, बल्कि पूरा प्रबंधन परेशान है. स्टील सिटी टाउनशिप में बीएसएल आवासों पर अवैध कब्जा नहीं है.
BSL में इतने हैं आवास: प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीएसएल टाउनशिप में 37,382 आवास है. जिनमें ए टाइप क्वार्टर 26 है, बी टाइप 537, सी टाइप 4006, डी टाइप 7664, ई टाइप 24,430 और एफ टाइप और हॉस्टल मिलाकर 723 क्वार्टर. इनमें करीब 400 क्वार्टरों पर एविक्शन आर्डर पास है. वर्तमान में अधिकारी समेत मात्र 10 हजार बीएसएल कर्मी कार्यरत है. 5000 आवास लीज किया गया है. कुछ आवास विभिन्न संस्थानों को दिया गया है. जिला प्रशासन के अलावे पुलिस महकमे को भी बीएसएल ने आवास दिया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 4000 से अधिक बीएसएल के आवासों पर अवैध कब्ज़ा है. बोकारो स्टील के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने भी इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से बोकारो के शहरी इलाके में आवासों का निर्माण कराया गया था, उसकी वर्तमान स्थिति की जानकारी लेने के उद्देश्य से यह सर्वे कराया गया है.