बोकारो: प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की ओर लोग आकर्षित नहीं हो रहे हैं. शहर से काफी दूर ग्रामीण इलाके में इस प्रोजेक्ट का बनना, बड़ा कारण माना जा रहा है. विभागीय अधिकारी का कहना है कि शहर से दूर होने के कारण लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं. चास-बोकारो एरिया में ही इनकी रोजी-रोटी का प्रबंध है. ऐसे में घर दूर होने पर इन्हें यातायात में दिक्कत होगी.
360 लोगों ने काराई बुकिंग: चास नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी घटक के तहत कालापाथर में 26.92 करोड़ की लागत से गरीब और असहायों के रहने के लिए तीन एकड़ जमीन में 480 आवास का निर्माण कराया है. यहां के आवासों के लिए जरूरतमंदों ने 5000 रुपये देकर रजिस्ट्रेशन कराया है. 360 लोगों ने 20 हजार रुपये देकर बुकिंग कराई. जबकि 120 लोगों ने अभी तक बुकिंग नहीं कराई है.
लाभुक को 3.11 लाख रुपये है देने: बुकिंग नहीं होने के कारण अब नए लाभुकों को मौका दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार आवास की लागत 5.61 लाख रुपये है. इसमें से लाभुक को मात्र 3.11 लाख रुपये ही देने हैं. बाकी ढाई लाख रुपये सरकार देगी. इसे लेने के लिए पहले पांच हजार रुपये देकर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. फिर बीस हजार रुपये देकर बुकिंग करानी पड़ती है. इसके बाद 71 हजार 500 रुपये चार किस्तों में जमा करना है.
स्लम फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य: चास नगर निगम क्षेत्र के शहरी बेघरों को सब्सिडी पर आवास बनाकर उपलब्ध कराया जा रहा है. ये आवास ऐसे लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा. जिनकी प्रति वर्ष आय तीन लाख रुपये से कम है. केंद्र सरकार की ओर से स्लम फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य दिया गया है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए नगर निगम सक्रिय है.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग: स्थानीय लोगों का मानना है कि गलत स्थल चयन के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है और आज लोग इन आवासों को लेना नहीं चाहते हैं. चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने कहा कि शहर से दूर होने के कारण आवास लेने में लोग रुचि नहीं ले रहे हैं. लोगों को कमाने जाने लिए चास और बोकारो की दूरी बढ़ जाएगी. इस कारण लोगों की रुचि इस ओर कम हुई है. अनिल ने कहा कि कुछ लोग आवास जरूर ले रखे हैं. लेकिन बैंक से लोन नहीं मिलने के कारण कुछ आवास नहीं लिया जा सका है.