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कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम के लिए कार्यशाला का आयोजन, सिविल सर्जनों को किया गया प्रशिक्षित

कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम को लेकर रिम्स के ट्रामा सेंटर सभागार में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में सभी सिविल सर्जनों अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों को बचाव और रोकथाम संबंधी जानकारी दी गई.

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Published : Mar 15, 2020, 10:17 AM IST

workshop Organized on prevention of corona virus in ranchi
सिविल सर्जन

रांची: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार लगातार सजग दिख रही है. खतरनाक जानलेवा कोरोना वायरस के प्रसार, बचाव और रोकथाम के लिए सरकार आये दिन जागरूकता अभियान और कार्यशाला का आयोजन कर रही है. इसी को लेकर कोरोना वायरस के प्रसार, बचाव और रोकथाम के लिए राजधानी के रिम्स स्थित ट्रामा सेंटर सभागार में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

देखें पूरी खबर

सिविल सर्जनों को कोरोना के रोकथाम के लिए दी जानकारी

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर, सहित अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों को बचाव और रोकथाम संबंधी जानकारी दी गई. कार्यशाला में रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने यह बताया कि यदि कोरोना वायरस का कोई मरीज इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होता है तो उसकी इलाज से पहले डॉक्टरों को किस प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए.

राज्य के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को इस कार्यशाला में उदाहरण के साथ जानकारी दी गई कि कोरोना के मरीज का इलाज करने से पहले कैसे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी अपना बचाव कैसे करें. डॉक्टर अपने बचाव के लिए किन कपड़ों का उपयोग करें और किस प्रकार से अपने शरीर को विशेष लिबास से ढंके ताकि मरीज का इलाज के दौरान वायरस किसी भी तरीके से चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारियों के शरीर में कोरोना का वायरस न प्रवेश कर सकें.

वहीं, ट्रेनिंग लेने पहुंचे राज्य भर के सिविल सर्जन और स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने कार्यशाला में सभी बारीकियों को करीब से समझते हुए अपने बचाव को लेकर जानकारी प्राप्त की. कार्यशाला में ट्रेनिंग लेने पहुंचे खूंटी के सिविल सर्जन प्रभात कुमार और हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि यह टीओटी(ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर) बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब डॉक्टर सुरक्षित रहेंगे तभी दूसरे को बचा पाएंगे.

ये भी देखें- रांची: कोरोना का खौफ, रेल मंडल ने जारी किया विशेष गाइडलाइन

उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग को प्राप्त करने के बाद सभी स्वास्थ्य पदाधिकारी अपने जिले में जाकर प्रखंड और ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों को ट्रेंड करेंगे ताकि वह अपने नीचे के स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेंड कर सके।ट्रेनिंग के बाद राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को यह जानकारी हो कि करोना के मरीजों का इलाज करने के दरमियान स्वास्थ्य कर्मियों को किन-किन चीजों पर सावधानी बरतनी है. राज्य सरकार ने आयोजित इस कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त किए सिविल सर्जन और स्वास्थ्य पदाधिकारी अपने अपने जिले के आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल, सहिया,आंगनबाड़ी सेविका सहित सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के लिये प्रशिक्षित करने का काम करेंगे.

रांची: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार लगातार सजग दिख रही है. खतरनाक जानलेवा कोरोना वायरस के प्रसार, बचाव और रोकथाम के लिए सरकार आये दिन जागरूकता अभियान और कार्यशाला का आयोजन कर रही है. इसी को लेकर कोरोना वायरस के प्रसार, बचाव और रोकथाम के लिए राजधानी के रिम्स स्थित ट्रामा सेंटर सभागार में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

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सिविल सर्जनों को कोरोना के रोकथाम के लिए दी जानकारी

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर, सहित अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों को बचाव और रोकथाम संबंधी जानकारी दी गई. कार्यशाला में रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने यह बताया कि यदि कोरोना वायरस का कोई मरीज इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होता है तो उसकी इलाज से पहले डॉक्टरों को किस प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए.

राज्य के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को इस कार्यशाला में उदाहरण के साथ जानकारी दी गई कि कोरोना के मरीज का इलाज करने से पहले कैसे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी अपना बचाव कैसे करें. डॉक्टर अपने बचाव के लिए किन कपड़ों का उपयोग करें और किस प्रकार से अपने शरीर को विशेष लिबास से ढंके ताकि मरीज का इलाज के दौरान वायरस किसी भी तरीके से चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारियों के शरीर में कोरोना का वायरस न प्रवेश कर सकें.

वहीं, ट्रेनिंग लेने पहुंचे राज्य भर के सिविल सर्जन और स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने कार्यशाला में सभी बारीकियों को करीब से समझते हुए अपने बचाव को लेकर जानकारी प्राप्त की. कार्यशाला में ट्रेनिंग लेने पहुंचे खूंटी के सिविल सर्जन प्रभात कुमार और हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि यह टीओटी(ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर) बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब डॉक्टर सुरक्षित रहेंगे तभी दूसरे को बचा पाएंगे.

ये भी देखें- रांची: कोरोना का खौफ, रेल मंडल ने जारी किया विशेष गाइडलाइन

उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग को प्राप्त करने के बाद सभी स्वास्थ्य पदाधिकारी अपने जिले में जाकर प्रखंड और ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों को ट्रेंड करेंगे ताकि वह अपने नीचे के स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेंड कर सके।ट्रेनिंग के बाद राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को यह जानकारी हो कि करोना के मरीजों का इलाज करने के दरमियान स्वास्थ्य कर्मियों को किन-किन चीजों पर सावधानी बरतनी है. राज्य सरकार ने आयोजित इस कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त किए सिविल सर्जन और स्वास्थ्य पदाधिकारी अपने अपने जिले के आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल, सहिया,आंगनबाड़ी सेविका सहित सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के लिये प्रशिक्षित करने का काम करेंगे.

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