रांची: जिले के लापुंग थाना क्षेत्र के चालांगी गांव के केवटटोली में जंगली हाथी की चपेट में आने से एक मजदूर बेहोश हो गया. अस्पताल ले जाने के बाद इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के न रहने के कारण विधायक के प्रतिनिधियों ने सुदामा महली के नेतृत्व में काफी हंगामा किया और कहा कि चिकित्सक होते तो अनिल होरो की जान बच सकती थी.
लापुंग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह से 3:30 बजे तक कोई भी चिकित्सक नहीं था. दुर्भाग्य की बात तो यह थी कि सुबह इलाज के अभाव में मृत्यु के बाद शाम 4:00 बजे तक भारी लापरवाही और उदासीनता के कारण शव हॉस्पिटल में पड़ा रहा. शव को शाम 4:00 बजे के बाद पोस्टमार्टम में भेजा जा सका. वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि चिकित्सकों के न रहने के कारण लापुंग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.
केवट टोली गांव में अहले सुबह 15 से 16 जंगली हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश कर गया, जिससे गांव वालों में भगदड़ मच गई. लोगों ने एकजुट होकर जंगली हाथियों को भगाने का प्रयास किया. इसी प्रयास में मोतिया मजदूर का काम करने वाले अनिल होरो के घर के पास जंगली हाथी पहुंच गया.
जंगली हाथी ने उसे सूंढ़ से झटका देकर फेंक दिया, जिससे अनिल होरो बेहोश हो गया. उसे बाहरी चोट नहीं लगी लेकिन आंतरिक चोटों के कारण वह बेहोश हो गया, जबकि पुलिस का कहना है कि अनिल की मौत हाथी को खदेड़ने के दौरान गिरने से हुई है. वहीं, इसके बाद ग्रामीणों ने बेहोश पड़े अनिल होरो को हॉस्पिटल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई.
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अनिल होरो की मौत के बाद उसकी पत्नी और 3 बच्चों का रो-रोकर हाल बेहाल है. गांव वालों ने विधायक बंधु तिर्की और सरकार से अनिल होरो की मौत के बाद मुआवजा देने की मांग की है. घटना के बाद शाम 4:00 बजे तक वन विभाग के कोई अधिकारी और कर्मचारी भी गांव नहीं पहुंच पाए और इस बीच ग्रामीणों में भारी दहशत और आक्रोश व्याप्त है.