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महिलाओं की सुरक्षा के लिए खर्च होंगे 3 करोड़, 300 थानों में खोला जाएगा महिला हेल्प डेस्क

झारखंड में महिलाओं की समस्या सुनने के लिए 300 थानों में महिला हेल्प डेस्क खोला जा रहा है. इस डेस्क में महिला अधिकारी और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. जिसके बाद महिला पुलिसकर्मी यहां महिलाओं की शिकायतें सुनेंगी और तुरंत कार्रवाई करेगी.

women help desk will opened in 300 police stations of jharkhand
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Published : Dec 6, 2020, 6:32 PM IST

रांची: झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 300 थानों में निर्भया फंड से महिला हेल्प डेस्क खोला जा रहा है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर है. अनुमान लगाया जा रहा है कि नए साल पर सभी 300 थानों में महिलाओं की फरियाद सुनने के लिए महिला डेस्क बनाने का काम पूरा हो जाएगा.

देखें स्पेशल खबर



पत्राचार कर दी जानकारी
राज्य सरकार के गृह कारा और आपदा प्रबंधन विभाग ने इस संबंध में प्रधान महालेखाकार से पत्राचार किया है. राज्य सरकार के गृह विभाग ने लिखा है कि केंद्रीय सयेक्टर स्कीम के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिला हेल्प डेस्क खोलने की अनुमति दी है. इसके लिए 3 करोड़ की राशि राज्य सरकार ने 18 मार्च 2020 को योजना क्रियान्वयन के लिए विमुक्त की थी. लेकिन तब पैसे खर्च नहीं हो पाए. वित्तिय वर्ष में मुख्य सचिव ने राज्य स्तरीय प्राधिकृति समिति की बैठक कर पुन: इस राशि को खर्च के लिए पुनर्वधित किया है.

हर थाने को मिलेंगे एक-एक लाख
3 करोड़ की राशि में हर थाने को एक-एक लाख रुपये मिलेंगे. इन रुपयों से टेवल की खरीद पर 21.59 लाख, चेयर की खरीद पर 40.71 लाख, अलमीरा पर 26.01 लाख, टू व्हीलर पर 1.64 करोड़, लैंडलाइन और मोबाइल फोन पर 8.63 लाख रुपये खर्च होंगे. इन पैसों के निकासी और व्ययन पदाधिकारी एसपी सीआईडी को बनाया गया है. जबकि डीजीपी इन योजना के नियंत्री पदाधिकारी बनाए गए हैं. राज्य सरकार के गृह सचिव ने योजना को स्वीकृति भी दे दी है.

300 थानों में खोला जा रहा महिला हेल्प डेस्क
एनसीआरबी के आंकड़ों के हिसाब से महिला अपराध के मामले में राज्य 13वें स्थान पर हैं. एनसीआरबी और राज्य पुलिस के आंकड़ों के हिसाब से दुष्कर्म या यौन अपराध के अधिकांश मामलों में परचितों या रिश्तेदारों की भूमिका रही है. कई बार हिचक के कारण महिलाएं अपनी बात थाने तक नहीं रख पाती है. वहीं थानों में पुरूष पुलिसकर्मियों के कारण महिलाओं को बात रखने में सहज अनुभव नहीं होता है. ऐसे में पहले चरण में 300 थानों में महिला हेल्प डेस्क खोला जा रहा है. महिला हेल्प डेस्क में महिला अधिकारी और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. महिला पुलिसकर्मी यहां महिलाओं की शिकायतें सुनेंगी. इसके बाद उनकी जिम्मेदारी इस संबंध में कार्रवाई करने की होगी. अनुसंधान की दिक्कत न हो इसके लिए बाइक की खरीद भी महिला हेल्प डेस्क के लिए की जा रही है ताकि तत्काल भी महिला की शिकायत पर कार्रवाई की जा सकें.

महिला हेल्प डेस्क का नंबर होगा जारी
300 थानों में महिला हेल्प डेस्क के लिए अलग से मोबाइल और लैंडलाइन नंबर जारी किया जाएगा ताकि महिलाएं इन नंबरों पर संपर्क कर तत्काल मदद ले सकें. वहीं यह नंबर हर जिले में जारी उस व्हाट्सएप नंबर से अलग होगा जो वर्तमान में राज्य पुलिस ने जारी की है.

ये भी पढ़े- बीआईटी मेसरा में 12 दिसंबर को दीक्षांत समारोह का आयोजन, राज्यपाल होंगी मुख्य अतिथि

कारगर साबित होगा महिला हेल्प डेस्क
राज्य के डीजीपी एमवी राव ने बताया कि महिला हेल्प डेस्क खुलने से महिलाओं को पुलिस के सामने अपनी समस्या रखने में बेहद आसानी होगी. इसके लिए उन्हें थाने में महिला पुलिसकर्मी ही सामने मिलेंगी और वे खुलकर अपनी समस्याओं को उनके सामने रखेंगे ताकि उसका समाधान भी जल्द हो पाए.

रोकथाम के लिए अब तक क्या हुई कवायद

  • महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध और हिंसा की शिकायतों के लिए हाल ही में सभी जिलों में व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं. इसके साथ ही डीएसपी स्तर के अधिकारियों को नोडल अफसर बनाया गया है.
  • रांची, जमशेदपुर समेत कई जिलों में शक्ति एप पूर्व से चल रहा है. इस एप के जरिए लाइव लोकेशन देकर महिलाएं मदद ले सकती हैं.
  • स्कूल, कॉलेज के आसपास छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए महिला शक्ति कमांडों की तैनाती की गई थी.

रांची: झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 300 थानों में निर्भया फंड से महिला हेल्प डेस्क खोला जा रहा है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर है. अनुमान लगाया जा रहा है कि नए साल पर सभी 300 थानों में महिलाओं की फरियाद सुनने के लिए महिला डेस्क बनाने का काम पूरा हो जाएगा.

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पत्राचार कर दी जानकारी
राज्य सरकार के गृह कारा और आपदा प्रबंधन विभाग ने इस संबंध में प्रधान महालेखाकार से पत्राचार किया है. राज्य सरकार के गृह विभाग ने लिखा है कि केंद्रीय सयेक्टर स्कीम के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिला हेल्प डेस्क खोलने की अनुमति दी है. इसके लिए 3 करोड़ की राशि राज्य सरकार ने 18 मार्च 2020 को योजना क्रियान्वयन के लिए विमुक्त की थी. लेकिन तब पैसे खर्च नहीं हो पाए. वित्तिय वर्ष में मुख्य सचिव ने राज्य स्तरीय प्राधिकृति समिति की बैठक कर पुन: इस राशि को खर्च के लिए पुनर्वधित किया है.

हर थाने को मिलेंगे एक-एक लाख
3 करोड़ की राशि में हर थाने को एक-एक लाख रुपये मिलेंगे. इन रुपयों से टेवल की खरीद पर 21.59 लाख, चेयर की खरीद पर 40.71 लाख, अलमीरा पर 26.01 लाख, टू व्हीलर पर 1.64 करोड़, लैंडलाइन और मोबाइल फोन पर 8.63 लाख रुपये खर्च होंगे. इन पैसों के निकासी और व्ययन पदाधिकारी एसपी सीआईडी को बनाया गया है. जबकि डीजीपी इन योजना के नियंत्री पदाधिकारी बनाए गए हैं. राज्य सरकार के गृह सचिव ने योजना को स्वीकृति भी दे दी है.

300 थानों में खोला जा रहा महिला हेल्प डेस्क
एनसीआरबी के आंकड़ों के हिसाब से महिला अपराध के मामले में राज्य 13वें स्थान पर हैं. एनसीआरबी और राज्य पुलिस के आंकड़ों के हिसाब से दुष्कर्म या यौन अपराध के अधिकांश मामलों में परचितों या रिश्तेदारों की भूमिका रही है. कई बार हिचक के कारण महिलाएं अपनी बात थाने तक नहीं रख पाती है. वहीं थानों में पुरूष पुलिसकर्मियों के कारण महिलाओं को बात रखने में सहज अनुभव नहीं होता है. ऐसे में पहले चरण में 300 थानों में महिला हेल्प डेस्क खोला जा रहा है. महिला हेल्प डेस्क में महिला अधिकारी और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. महिला पुलिसकर्मी यहां महिलाओं की शिकायतें सुनेंगी. इसके बाद उनकी जिम्मेदारी इस संबंध में कार्रवाई करने की होगी. अनुसंधान की दिक्कत न हो इसके लिए बाइक की खरीद भी महिला हेल्प डेस्क के लिए की जा रही है ताकि तत्काल भी महिला की शिकायत पर कार्रवाई की जा सकें.

महिला हेल्प डेस्क का नंबर होगा जारी
300 थानों में महिला हेल्प डेस्क के लिए अलग से मोबाइल और लैंडलाइन नंबर जारी किया जाएगा ताकि महिलाएं इन नंबरों पर संपर्क कर तत्काल मदद ले सकें. वहीं यह नंबर हर जिले में जारी उस व्हाट्सएप नंबर से अलग होगा जो वर्तमान में राज्य पुलिस ने जारी की है.

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कारगर साबित होगा महिला हेल्प डेस्क
राज्य के डीजीपी एमवी राव ने बताया कि महिला हेल्प डेस्क खुलने से महिलाओं को पुलिस के सामने अपनी समस्या रखने में बेहद आसानी होगी. इसके लिए उन्हें थाने में महिला पुलिसकर्मी ही सामने मिलेंगी और वे खुलकर अपनी समस्याओं को उनके सामने रखेंगे ताकि उसका समाधान भी जल्द हो पाए.

रोकथाम के लिए अब तक क्या हुई कवायद

  • महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध और हिंसा की शिकायतों के लिए हाल ही में सभी जिलों में व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं. इसके साथ ही डीएसपी स्तर के अधिकारियों को नोडल अफसर बनाया गया है.
  • रांची, जमशेदपुर समेत कई जिलों में शक्ति एप पूर्व से चल रहा है. इस एप के जरिए लाइव लोकेशन देकर महिलाएं मदद ले सकती हैं.
  • स्कूल, कॉलेज के आसपास छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए महिला शक्ति कमांडों की तैनाती की गई थी.
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