रांची: पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) के तहत झारखंड के महिला किसानों को सौर ऊर्जा पंप की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. जरेडा को इस अभियान में स्विच ऑन फॉउडेशन और ब्रिटेन की एफसीडीओ द्वारा संचालित पीसीआर कार्यक्रम के तहत सहयोग प्राप्त हुआ है. राजधानी रांची में मंगलवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में इसपर विस्तार से चर्चा की गई.
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जरेडा निदेशक केके वर्मा ने कहा कि इस बात की तत्काल आवश्यकता है कि खेती के लिए जो ऊर्जा की जरूरत है उसे सौर ऊर्जा पर स्थानांतरित किया जाए. इस दिशा में जो क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है उसमें महिलाओं की अग्रणी भूमिका है. सौर ऊर्जा से हम आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ ले सकते हैं. आज समय की मांग है कि हम सौर ऊर्जा की ओर किसानों को अग्रसर करें. इस दिशा में आत्मनिर्भर सौर ऊर्जा वाटर पंप महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक प्रयास साबित हो रहा है. जरेडा राज्य में चार लाख आत्मनिर्भर सौर ऊर्जा वाटर पंप लगाने के लिए कृत संकल्पित है.
कृषि क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा के लिए काफी संभावनाएं
बैठक को संबोधित करते हुए डीएफआईडी के ऊर्जा सलाहकार और पीसीआर कार्यक्रम को संचालित कर रहे उदित माथुर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा के लिए अनंत संभावनाएं हैं. यह वक्त की मांग है कि हम इन संभावनाओं का लाभ उठाएं. आज कृषि क्षेत्र के भीतर स्वच्छ ऊर्जा के लिए एक जबरदस्त अवसर है. हमें इस अदभुत अवसर का लाभ उठाना चाहिए. वहीं स्विच ऑन फाउंडेशन के एमडी विनय जाजू ने कहा कि हम झारखंड सरकार के नेतृत्व में सेवा नेटवर्क के जरिए संथाल क्षेत्र में महिला किसानों को सोलर वाटर पंप लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. बैठक में वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक सुजीत चक्रवर्ती ने कहा कि हमारा फोकस संथाल क्षेत्र है. जहां पीएम कुसुम योजना के प्रति किसान उदासीन हैं. उन क्षेत्रों में महिला किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने के लिए जागरूक करेंगे.
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क्या है पीएम कुसुम योजना
किसानों की आय बढाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है. जिसमें तीन कंपोंनेंट है. इस योजना के पहले कंपोनेंट में किसान समूह या कॉपरेटिव समूह पंचायतों और किसान उत्पादक संगठनों द्वारा ग्रीड कनेक्टिविटी से 5 किलोमीटर के दायरे में अनुपयोगी बंजर भूमि पर 500 केवी से 2 मेगावाट क्षमता के सौर या अन्य नवीकरणीय ऊर्जा आधारित बिजली संयंत्र की स्थापना कराई जाएगी. कंपोंनेंट बी के तहत किसान या किसान समूहों द्वारा खेतों में पंपिंग सेट सौर ऊर्जा के जरिए लगाया जाएगा. वहीं कंपोंनेंट सी के तहत पहले से बिजली आधारित खेतों में लगे पंपों को सौर ऊर्जा में बदलने और ग्रीड को सौर ऊर्जा में बदलने का कार्य किया जाना है.
झारखंड में सुस्त है पीएम कुसुम योजना
2019 में शुरू हुई पीएम कुसुम योजना की रफ्तार झारखंड में सुस्त है. सर्वप्रथम 2020 के फरवरी तक कंपोंनेंट बी के तहत राज्य भर में 8000 सोलर पंप लगाने का लक्ष्य निर्धारित था. लेकिन आज तक लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. हालत यह है कि संथाल इलाके में इस योजना के प्रति किसान बेहद ही उदासीन हैं.
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झारखंड में सबसे ज्यादा सब्सिडी
झारखंड देश में पहला ऐसा राज्य है जहां पीएम कुसुम योजना के तहत सबसे ज्यादा सब्सिडी मिलती है. इस योजना के कंपोंनेंट बी के तहत लगनेवाले सौर ऊर्जा आधारित पंप की लागत पर होनेवाले खर्च पर केन्द्र सरकार 30 प्रतिशत और राज्य सरकार 67 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है. इस तरह से किसान को मात्र 3 से 4 फीसदी राशि पर सौर ऊर्जा पंप दी जा रही है. किसानों को 2HP सोलर पंपसेट के 5000, 3HP पंपसेट के लिए 7000 रुपये और 5HP पंपसेट के लिए 10,000 रुपये निर्धारित किया गया है.