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रांची: आर्थिक तंगी से परेशान महिला ने की आत्महत्या, कुएं में कूदकर दी जान

रांची के लापुंग प्रखंड़ के सापुकेरा पंचायत के गरई गांव की एक महिला ने कुएं में कूदकर की आत्महत्या कर ली. घटना के संबंध में गांव के लोगों ने बताया कि मृतक का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था.

Women commited suicide in ranchi
शव निकालते लोग
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Published : Aug 5, 2020, 8:43 AM IST

बेड़ो, रांची: रांची जिला के अनुसूचित जनजाति बहुल लापुंग प्रखंड़ के सापुकेरा पंचायत के गरई गांव की एक महिला ने कुएं में कूदकर की आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान लक्ष्मी देवी के रूप में हुई. घटना के संबंध में गांव के लोगों ने बताया कि मृतक का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. वे प्रवासी मजदूर थे और काम नहीं मिल रहा था. साथ ही लाल, पीला कार्ड के अलावा जाॅब कार्ड भी नहीं था.

महिला सोमवार शाम को ही घर से निकली थी, रातभर परिवार के लोग उसकी तलाश करते रहे. दूसरे दिन परिजनों को गांव के बाहर एक कुएं के पास महिला का चप्पल दिखाई पड़ा. इसके बाद ग्रामीणों की मदद से कुएं से शव निकाला गया. महिला के पिता और पति ने बताया की घर में किसी से कुछ विवाद नहीं हुआ था. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार महिला काफी दिनों से बीमार चल रही थी. गरीबी के कारण उपचार नहीं करा पा रही थी, जिससे मानसिक तनाव में थी.

ये भी पढ़ें- धनबाद सिंदरी की शर्मिष्ठा सेन की अमेरिका में हत्या, कैंसर पर कर रही थी रिसर्च

वहीं घटना के बाद परिजनों ने गरीबी के कारण पोस्टमार्टम कराने में असमर्थता जाहिर की. जिसके बाद पंचचायत के मुखिया द्वारा परिजनों की सहमती से पंचायतनामा के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. गांव के लोगों ने बताया कि जेठू स्वांसी पत्नी के साथ बाहर मजदुरी करने जैनपुर गया था. वहां से आने के बाद उन्हें काम नहीं मिला. बेरोजगारी में गांव में ही गुलगुला बना कर बेचता था.प्रखंड के बीडीओ ने बताया कि महिला की मौत आर्थिक तंगी से नहीं हुई है. इन्हे अनाज उपलब्ध कराया गया था, इनके पास राशन कार्ड और जॉब कार्ड है या नहीं यह जांच के बाद बता पाएंगे. पंचायत के मुखिया जयंत बारला ने बताया कि उन्होंने दो बार 10-10 किलो आनाज दिया था.

बेड़ो, रांची: रांची जिला के अनुसूचित जनजाति बहुल लापुंग प्रखंड़ के सापुकेरा पंचायत के गरई गांव की एक महिला ने कुएं में कूदकर की आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान लक्ष्मी देवी के रूप में हुई. घटना के संबंध में गांव के लोगों ने बताया कि मृतक का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. वे प्रवासी मजदूर थे और काम नहीं मिल रहा था. साथ ही लाल, पीला कार्ड के अलावा जाॅब कार्ड भी नहीं था.

महिला सोमवार शाम को ही घर से निकली थी, रातभर परिवार के लोग उसकी तलाश करते रहे. दूसरे दिन परिजनों को गांव के बाहर एक कुएं के पास महिला का चप्पल दिखाई पड़ा. इसके बाद ग्रामीणों की मदद से कुएं से शव निकाला गया. महिला के पिता और पति ने बताया की घर में किसी से कुछ विवाद नहीं हुआ था. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार महिला काफी दिनों से बीमार चल रही थी. गरीबी के कारण उपचार नहीं करा पा रही थी, जिससे मानसिक तनाव में थी.

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वहीं घटना के बाद परिजनों ने गरीबी के कारण पोस्टमार्टम कराने में असमर्थता जाहिर की. जिसके बाद पंचचायत के मुखिया द्वारा परिजनों की सहमती से पंचायतनामा के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. गांव के लोगों ने बताया कि जेठू स्वांसी पत्नी के साथ बाहर मजदुरी करने जैनपुर गया था. वहां से आने के बाद उन्हें काम नहीं मिला. बेरोजगारी में गांव में ही गुलगुला बना कर बेचता था.प्रखंड के बीडीओ ने बताया कि महिला की मौत आर्थिक तंगी से नहीं हुई है. इन्हे अनाज उपलब्ध कराया गया था, इनके पास राशन कार्ड और जॉब कार्ड है या नहीं यह जांच के बाद बता पाएंगे. पंचायत के मुखिया जयंत बारला ने बताया कि उन्होंने दो बार 10-10 किलो आनाज दिया था.

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