रांचीः समाज में सबसे अधिक सम्मान शिक्षकों को मिलता है. इसका वजह है कि एक अच्छे शिक्षक ही समाज में बेहतर अधिकारी और अच्छा नागरिक निर्माण कर सकते हैं. 5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर शिक्षक दिवस (teacher's Day) समारोह आयोजित किया जाता है और शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है.
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राजधानी रांची के लालपुर स्थित एक निजी शैक्षणिक संस्था की ओर से शिक्षक दिवस समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह में चार दृष्टिबाधित शिक्षकों को सम्मानित किया गया. निजी शैक्षणिक संस्थान के स्थानीय हेड केपी सिंह ने कहा कि शिक्षक की समाज को रोशनी देते हैं. उन्होंने कहा कि कई ऐसे विशिष्ट शिक्षक हैं, जिनकी आंखों की रोशनी चली गई है. इसके बावजूद वर्षों तक बच्चों को शिक्षित करते रहे. लेकिन, वर्तमान में ये शिक्षक गुमनामी में खो गए हैं. उन्होंने कहा कि लोग इन शिक्षकों को जाने और प्रेरणा लें. इसलिए संस्था की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया है.
पढ़ाई के साथ हुनर भी सिखाने की जरूरत
दृष्टिबाधित शिक्षिका शिवानी तोपनो कहती हैं कि इस तरह के सम्मान से मनोबल ऊंचा होता है. उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित छात्रों को पढ़ाने के साथ-साथ कुछ हुनर भी सिखाने की जरूरत है, ताकि उन्हें नौकरी नहीं मिले, तो वह अपने हुनर से जीवन यापन कर सके. रांची के दृष्टिबाधित स्कूल में शिक्षक बसंत राय कहते हैं कि जिनकी आंखों की रोशनी चली जाती है, उनके जीवन में अंधेरा छा जाता है. लेकिन उन्हें बेहतर दिशा दिखाई जाए, तो ऐसे लोग भी समाज के लिए बेहतर काम कर सकते हैं.
समाज में शिक्षक का स्थान सबसे ऊंचा
संस्था के शिक्षक एमए खान ने बताया कि समाज में शिक्षकों का स्थान सबसे ऊंचा है. उन्होंने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जो शिक्षा को व्यवसायीकरण से जोड़कर देखते हैं. इससे लोगों का विश्वास शिक्षकों के प्रति कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि कोई शिक्षक अपनी कक्षा में छात्रों को पढ़ाता है, तो वह सिर्फ और सिर्फ एक शिक्षक होता है.