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HEC में विश्वकर्मा पूजा के नाम पर हो रही खानापूर्ति, कर्मचारियों में निराशा - HEC's FFC plant

17 सितंबर को एचईसी में विश्वकर्मा पूजा की धूम देखने के लिए झारखंड, बिहार और उड़ीसा से लोग आया करते थे, लेकिन आज इस उद्योग की दिन-प्रतिदिन स्थिति खराब होती जा रही है. इस वजह से विश्वकर्मा पूजा मनाने की चमक भी खत्म होती जा रही है.

एचईसी में विश्वकर्मा पूजा के नाम पर खानापूर्ति
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Published : Sep 16, 2019, 7:53 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 8:16 AM IST

रांची: देश का मातृ उद्योग कहा जाने वाला एचईसी अब सरकार की उदासीनता और लापरवाही का दंश झेलने को मजबूर है. एक समय में लोहे और बड़े-बड़े यंत्रों का निर्माता रहा देश का आन, बान और शान कहा जाने वाला एचईसी में विश्वकर्मा पूजा काफी धूमधाम से मनाई जाती थी.

एचईसी में विश्वकर्मा पूजा के नाम पर खानापूर्ति

एचईसी के रिटायर्ड कर्मचारी दिलीप सिंह बताते हैं कि आज से दो दशक पहले विश्वकर्मा पूजा के मौके पर कारखाना के सभी कर्मचारी तैयारी में जुट जाते थे. भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को खरीदने के लिए बंगाल और अन्य बड़े शहरों तक प्रबंधन के द्वारा लोगों को भेजा जाता था, लेकिन आज जैसे-जैसे एचईसी के दिन ढल रहे हैं वैसे-वैसे प्रतिमा का भी कद घटता जा रहा है.

विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर एचईसी के एफएफसी प्लांट, एचएमटीपी प्लांट, एचएमबीपी प्लांट, मुख्यालय बिल्डिंग सहित एचईसी के हॉस्पिटल भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता था. दो दशक पूर्व एचईसी में लगभग 20 से 22 हजार कर्मचारी कार्यरत हुआ करते थे, जिस वजह से विश्वकर्मा पूजा के मौके पर 22 हजार परिवार के लोग प्रतिमा को देखने और दर्शन करने पहुंचते थे. जिसका नजारा काफी भव्य हुआ करता था.

ये भी पढ़ें - कांग्रेस ने कहा 'हेमंत ही होंगे गठबंधन के नेता, रघुवर होंगे तड़ीपार'

पूजा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

वहीं एचईसी के वर्तमान कर्मचारी बताते हैं कि आज की तारीख में विश्वकर्मा पूजा मनाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है, महज अगरबत्ती और प्रसाद चढ़ाकर विश्वकर्मा पूजा मनाया जा रहा है. जिसे देखकर हम कर्मचारियों को काफी अफसोस होता है क्योंकि इस कारखाने में रखे लोहे के बड़े-बड़े और भारी-भरकम मशीनों के द्वारा सुई से लेकर चंद्रयान में उपयोग होने वाले यंत्र तक बनाए जाते हैं.

इन सबके बावजूद प्रबंधन और सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन पर कोई उत्साह नहीं देखा जाना निश्चित रूप से वर्तमान में काम कर रहे हजारों कामगारों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

गौरतलब है कि विश्वकर्मा पूजा के उपलक्ष पर हम लोहे के सामान, अपने वाहन सहित अपनी चलंत संपत्ति को पूजने का काम करते हैं वैसे में एचईसी जैसे बड़े उद्योग में बड़े-बड़े एवं भारी-भरकम मशीनों को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर साधारण तरीके पूजना सरकार एवं प्रबंधन के उदासीनता को दर्शाता है.

रांची: देश का मातृ उद्योग कहा जाने वाला एचईसी अब सरकार की उदासीनता और लापरवाही का दंश झेलने को मजबूर है. एक समय में लोहे और बड़े-बड़े यंत्रों का निर्माता रहा देश का आन, बान और शान कहा जाने वाला एचईसी में विश्वकर्मा पूजा काफी धूमधाम से मनाई जाती थी.

एचईसी में विश्वकर्मा पूजा के नाम पर खानापूर्ति

एचईसी के रिटायर्ड कर्मचारी दिलीप सिंह बताते हैं कि आज से दो दशक पहले विश्वकर्मा पूजा के मौके पर कारखाना के सभी कर्मचारी तैयारी में जुट जाते थे. भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को खरीदने के लिए बंगाल और अन्य बड़े शहरों तक प्रबंधन के द्वारा लोगों को भेजा जाता था, लेकिन आज जैसे-जैसे एचईसी के दिन ढल रहे हैं वैसे-वैसे प्रतिमा का भी कद घटता जा रहा है.

विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर एचईसी के एफएफसी प्लांट, एचएमटीपी प्लांट, एचएमबीपी प्लांट, मुख्यालय बिल्डिंग सहित एचईसी के हॉस्पिटल भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता था. दो दशक पूर्व एचईसी में लगभग 20 से 22 हजार कर्मचारी कार्यरत हुआ करते थे, जिस वजह से विश्वकर्मा पूजा के मौके पर 22 हजार परिवार के लोग प्रतिमा को देखने और दर्शन करने पहुंचते थे. जिसका नजारा काफी भव्य हुआ करता था.

ये भी पढ़ें - कांग्रेस ने कहा 'हेमंत ही होंगे गठबंधन के नेता, रघुवर होंगे तड़ीपार'

पूजा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

वहीं एचईसी के वर्तमान कर्मचारी बताते हैं कि आज की तारीख में विश्वकर्मा पूजा मनाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है, महज अगरबत्ती और प्रसाद चढ़ाकर विश्वकर्मा पूजा मनाया जा रहा है. जिसे देखकर हम कर्मचारियों को काफी अफसोस होता है क्योंकि इस कारखाने में रखे लोहे के बड़े-बड़े और भारी-भरकम मशीनों के द्वारा सुई से लेकर चंद्रयान में उपयोग होने वाले यंत्र तक बनाए जाते हैं.

इन सबके बावजूद प्रबंधन और सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन पर कोई उत्साह नहीं देखा जाना निश्चित रूप से वर्तमान में काम कर रहे हजारों कामगारों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

गौरतलब है कि विश्वकर्मा पूजा के उपलक्ष पर हम लोहे के सामान, अपने वाहन सहित अपनी चलंत संपत्ति को पूजने का काम करते हैं वैसे में एचईसी जैसे बड़े उद्योग में बड़े-बड़े एवं भारी-भरकम मशीनों को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर साधारण तरीके पूजना सरकार एवं प्रबंधन के उदासीनता को दर्शाता है.

Intro:देश का मातृ उद्योग कहा जाने वाला एचईसी अब सरकार की उदासीनता और लापरवाही का दंश झेलने को मजबूर है।

एक समय में लोहे और बड़े-बड़े यंत्रों का निर्माता रहा एवं देश का आन बान शान कहा जाने वाला एचईसी में विश्वकर्मा पूजा काफी धूमधाम से मनाई जाती थी।

17 सितंबर को एचईसी में विश्वकर्मा पूजा की धूम देखने के लिए झारखंड, बिहार और उड़ीसा तक से लोग आया करते थे, लेकिन आज इस उद्योग की दिन प्रतिदिन स्थिति खराब होने की वजह से विश्वकर्मा पूजा मनाने की चमक भी समाप्त होती जा रही है।

Body:एचईसी के रिटायर्ड कर्मचारी दिलीप सिंह बताते हैं कि आज से दो दशक पहले विश्वकर्मा पूजा के मौके पर कारखाना के सभी कर्मचारी तैयारी में जुट जाते थे, भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को खरीदने के लिए बंगाल और अन्य बड़े शहरों तक प्रबंधन के द्वारा लोगों को भेजा जाता था, लेकिन आज जैसे जैसे एचईसी के दिन ढल रहे हैं वैसे-वैसे प्रतिमा का भी कद घटता जा रहा है।

दिलीप सिंह बताते हैं कि विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर एचईसी के एफएफसी प्लांट,एचएमटीपी प्लांट, एचएमबीपी प्लांट, मुख्यालय बिल्डिंग सहित एचईसी के हॉस्पिटल भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता था क्योंकि दो दशक पूर्व विश्वकर्मा भगवान की कृपा से यहां पर लगभग 20 से 22 हजार कर्मचारी कार्यरत हुआ करते थे, जिस वजह से विश्वकर्मा पूजा के मौके पर 22 हजार परिवार भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को देखने और दर्शन करने पहुंचते थे जिसका नजारा काफी भव्य हुआ करता था।

वही एचईसी के वर्तमान कर्मचारी रमाशंकर बताते हैं कि आज की तारीख में विश्वकर्मा पूजा मनाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है,महज अगरबत्ती और प्रसाद चढ़ाकर विश्वकर्मा पूजा मनाया जा रहा है।

जिसे देखकर हम कर्मचारियों को काफी अफसोस होता है क्योंकि इस कारखाने में रखे लोहे के बड़े बड़े और भारी-भरकम मशीनों के द्वारा सुई से लेकर चंद्रयान में उपयोग होने वाले यंत्र तक बनाए जाते हैं, उसके बावजूद भी प्रबंधन और सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन पर कोई उत्साह नहीं देखा जाना निश्चित रूप से वर्तमान में काम कर रहे हजारों कामगारों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।Conclusion:गौरतलब है कि विश्वकर्मा पूजा के उपलक्ष पर हम लोहे के सामान, अपने वाहन सहित अपनी चलंत संपत्ति को पूजने का काम करते हैं वैसे में एचईसी जैसे बड़े उद्योग में बड़े-बड़े एवं भारी-भरकम मशीनों को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर साधारण तरीके से मनाना और पूजना सरकार एवं प्रबंधन के उदासीनता को दर्शाता है।

बाइट-दीलिप सिंह, रिटायर्ड एचईसी पदाधिकारी
बाइट- रमाशंकर, एचईसी, कर्मचारी
पीटीसी- हितेश कुमार, संवाददाता
Last Updated : Sep 17, 2019, 8:16 AM IST
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