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सब्जियों की कीमतों में उछाल, लाल टमाटर के भाव ने उड़ाया लोगों का रंग

सब्जियों की कीमतों में लगातार उछाल है. इसकी वजह से खाने में पौष्टिक तत्वों की कमी और थाली से जायका गायब हो रहा है. आलम ये है कि 5 से 10 रुपया कीमत में बिकने वाला टमाटर अब 50 रुपये किलो बिक रहा है. इस वजह से किसानों को भी उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है.

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टमाटर के भाव
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Published : Jul 12, 2021, 10:16 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 2:11 PM IST

रांचीः राजधानी के बाजार में हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. कल तक 10 रुपया किलो बिकने वाला टमाटर आज 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. जिसका असर सीधे सामान्य और मध्यम वर्ग के लोगों की जेब पर पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें- सब्जी की बढ़ी कीमतों के कारण खून के आंसू रोने को मजबूर हैं लोग, किसान परेशान, बिचौलिये मालामाल

झारखंड में मानसून के प्रवेश करने और बारिश होने की वजह से सब्जियों की कीमतों काफी इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ लॉकडाउन और कोरोना महामारी के कारण लोग समय पर सब्जी की खेती नहीं कर पाए. दूसरी तरफ जिन लोगों ने खेती की, उनकी फसल हाल के दिनों में हुई बारिश की वजह से खेतों में ही सड़ गए. यही वजह है कि बाजार में 10 रुपये बिकने वाली सब्जियों की कीमत आज 40 रुपय से अधिक है.

देखे स्पेशल रिपोर्ट
राजधानी की सब्जी मंडियों में इन दिनों बरसात का असर दिखने लगा है. यही कारण है कि सब्जी के भाव में दोगुनी वृद्धि हुई है. सब्जी विक्रेताओं के अनुसार बरसात के मौसम में बाहर राज्यों से टमाटर आते हैं. जबकि आज ये हालत है कि लोकल बाजार से ही अधिक दामों में खरीदकर लाना पड़ रहा है. बारिश के कारण किसान का टमाटर खेत में ही बर्बाद हो गया. एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना के कारण किसानों के उत्पादन में काफी असर पड़ा है. दूसरी तरफ सब्जियां प्राकृतिक मार से खेत में ही सड़ गई. इसी कारण सब्जियों के दाम डेढ़ से दोगुना तक बढ़ गया है. विक्रेताओं की मानें तो कोरोना महामारी के कारण ग्राहक भी सब्जी खरीदने कमी कर रहे हैं, ऐसे में मुनाफा बहुत कम हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- 2021 : फलों और सब्जियों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष


बाजार में लगातार सब्जी की कीमतों में आई उछाल का मुख्य कारण किसानों की सब्जी खेतों में बर्बाद होने से है. हरी सब्जियों की कीमतों में इस बार थोड़ी उछाल आई है. लेकिन किसानों को इससे ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा है. क्योंकि बिचौलिए कम दाम में किसान से सब्जी खरीद कर बाजार ले जाते हैं और अधिक दाम में उन्हें मंडियों तक पहुंचा रहे हैं. रही बात टमाटर की कीमतों में आई उछाल से तो टमाटर की कीमत में और भी उछाल आने की आशंका है. क्योंकि बाहर राज्यों से अगर टमाटर ज्यादा आता तो रेट कम होता. लेकिन लोकल मार्केट से ही बाजार में टमाटर पहुंच रहे हैं और यहीं पर टमाटर महंगे मिल रहे हैं. क्योंकि इस बारिश में टमाटर की फसल नष्ट हो गई है. जब तक दूसरे राज्यों से टमाटर का आवक नहीं बढ़ती तब तक इसकी कीमत नियंत्रित नहीं होगी.

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बाजार में सब्जियों की कीमत

क्या कहता है बाजार भाव

सब्जीकीमत रु. प्रति किलोसब्जीकीमत रु. प्रति किलो
टमाटर40-50बोदी40-50
झिंगी40-50नेनुआ30-40
खीरा35-40परवल40
गाजर40फूलगोभी70-80
पत्तागोभी20-30शिमला मिर्च120
प्याज40धनिया पत्ता100-150
बीट40कुंदरी20
भिंडी30बैंगन40
हरी मिर्च60फ्रेंचबीन100
मूली30-40लौकी25-30
कोहड़ा20पालक साग50-60
करेला30आलू30
अदरक120लहसून120

*खुदरा सब्जी विक्रेता से ली गई बाजार की कीमत

इसे भी पढ़ें- बाजार में बिक रहा पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के फार्म के टमाटर, जल्द उपलब्ध होगा सब्जी और फल

राजधानी रांची सब्जी उत्पादन के लिए काफी मशहूर है. सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन रांची से सटे कृषि क्षेत्र इलाका पिठोरिया, इटकी, नगड़ी, ओरमांझी में होता है. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सही समय पर खेती नहीं कर पाए. दूसरी तरफ मानसून झारखंड में प्रवेश करने के कारण फसल बर्बाद हो गए. जिस कारण पिठोरिया, इटकी, नगड़ी से आने वाली सब्जियां भी अब राजधानी में महंगे दामों पर बिक रही है. जिसका सीधा असर साफ राजधानी के सब्जी बाजारों पर दिख रही है. यहां तक कि टमाटर जैसी कई सब्जियां बेंगलुरू जैसे राज्यों से झारखंड में आ रहे हैं, जिस वजह से हरी सब्जियों की कीमत में काफी उछाल है.

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बाजार में सब्जियों की कीमत

रांचीः राजधानी के बाजार में हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. कल तक 10 रुपया किलो बिकने वाला टमाटर आज 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. जिसका असर सीधे सामान्य और मध्यम वर्ग के लोगों की जेब पर पड़ रहा है.

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झारखंड में मानसून के प्रवेश करने और बारिश होने की वजह से सब्जियों की कीमतों काफी इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ लॉकडाउन और कोरोना महामारी के कारण लोग समय पर सब्जी की खेती नहीं कर पाए. दूसरी तरफ जिन लोगों ने खेती की, उनकी फसल हाल के दिनों में हुई बारिश की वजह से खेतों में ही सड़ गए. यही वजह है कि बाजार में 10 रुपये बिकने वाली सब्जियों की कीमत आज 40 रुपय से अधिक है.

देखे स्पेशल रिपोर्ट
राजधानी की सब्जी मंडियों में इन दिनों बरसात का असर दिखने लगा है. यही कारण है कि सब्जी के भाव में दोगुनी वृद्धि हुई है. सब्जी विक्रेताओं के अनुसार बरसात के मौसम में बाहर राज्यों से टमाटर आते हैं. जबकि आज ये हालत है कि लोकल बाजार से ही अधिक दामों में खरीदकर लाना पड़ रहा है. बारिश के कारण किसान का टमाटर खेत में ही बर्बाद हो गया. एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना के कारण किसानों के उत्पादन में काफी असर पड़ा है. दूसरी तरफ सब्जियां प्राकृतिक मार से खेत में ही सड़ गई. इसी कारण सब्जियों के दाम डेढ़ से दोगुना तक बढ़ गया है. विक्रेताओं की मानें तो कोरोना महामारी के कारण ग्राहक भी सब्जी खरीदने कमी कर रहे हैं, ऐसे में मुनाफा बहुत कम हो रहा है.

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बाजार में लगातार सब्जी की कीमतों में आई उछाल का मुख्य कारण किसानों की सब्जी खेतों में बर्बाद होने से है. हरी सब्जियों की कीमतों में इस बार थोड़ी उछाल आई है. लेकिन किसानों को इससे ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा है. क्योंकि बिचौलिए कम दाम में किसान से सब्जी खरीद कर बाजार ले जाते हैं और अधिक दाम में उन्हें मंडियों तक पहुंचा रहे हैं. रही बात टमाटर की कीमतों में आई उछाल से तो टमाटर की कीमत में और भी उछाल आने की आशंका है. क्योंकि बाहर राज्यों से अगर टमाटर ज्यादा आता तो रेट कम होता. लेकिन लोकल मार्केट से ही बाजार में टमाटर पहुंच रहे हैं और यहीं पर टमाटर महंगे मिल रहे हैं. क्योंकि इस बारिश में टमाटर की फसल नष्ट हो गई है. जब तक दूसरे राज्यों से टमाटर का आवक नहीं बढ़ती तब तक इसकी कीमत नियंत्रित नहीं होगी.

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बाजार में सब्जियों की कीमत

क्या कहता है बाजार भाव

सब्जीकीमत रु. प्रति किलोसब्जीकीमत रु. प्रति किलो
टमाटर40-50बोदी40-50
झिंगी40-50नेनुआ30-40
खीरा35-40परवल40
गाजर40फूलगोभी70-80
पत्तागोभी20-30शिमला मिर्च120
प्याज40धनिया पत्ता100-150
बीट40कुंदरी20
भिंडी30बैंगन40
हरी मिर्च60फ्रेंचबीन100
मूली30-40लौकी25-30
कोहड़ा20पालक साग50-60
करेला30आलू30
अदरक120लहसून120

*खुदरा सब्जी विक्रेता से ली गई बाजार की कीमत

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राजधानी रांची सब्जी उत्पादन के लिए काफी मशहूर है. सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन रांची से सटे कृषि क्षेत्र इलाका पिठोरिया, इटकी, नगड़ी, ओरमांझी में होता है. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सही समय पर खेती नहीं कर पाए. दूसरी तरफ मानसून झारखंड में प्रवेश करने के कारण फसल बर्बाद हो गए. जिस कारण पिठोरिया, इटकी, नगड़ी से आने वाली सब्जियां भी अब राजधानी में महंगे दामों पर बिक रही है. जिसका सीधा असर साफ राजधानी के सब्जी बाजारों पर दिख रही है. यहां तक कि टमाटर जैसी कई सब्जियां बेंगलुरू जैसे राज्यों से झारखंड में आ रहे हैं, जिस वजह से हरी सब्जियों की कीमत में काफी उछाल है.

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बाजार में सब्जियों की कीमत
Last Updated : Jul 13, 2021, 2:11 PM IST
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