रांची: हेमंत सरकार के खेल मंत्री हफीजुल हसन और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो फिर से चर्चा में हैं. लेकिन इसबार मामला राजनीतिक बयानबाजी से नहीं बल्कि जेएससीए के पदाधिकारी से स्टेडियम में किए गये दुर्व्यवहार से जुड़ा है. यह मामला करीब साढ़े पांच माह बाद उठा. 1 मई को आमसभा में इसे जेएससीए के एक पूर्व कद्दावर पदाधिकारी ने उठाया. उनकी तरफ से कहा गया कि था कि दुर्व्यवहार को नजरअंजाद नहीं किया जा सकता. चाहे सामने वाला कोई बड़ी शख्सियत ही क्यों न हो.
भाषण के दौरान 2012 में मुंबई क्रिकेट संघ द्वारा शाहरूख खान की वानखेड़े स्टेडियम में एंट्री पर बैन का दृष्टांत रखा गया था. फिर दोनों मंत्रियों के स्टेडियम में एंट्री पर बैन की बात हुई थी, लेकिन ईटीवी भारत की टीम ने जब जेएससीए के अध्यक्ष संजय सहाय से पूछा तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रियों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी. उनसे यह पूछा गया कि मंत्रियों द्वारा आपके पदाधिकारी के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में प्रबंधन ने आखिर क्या किया? क्या कोई निंदा प्रस्ताव लाया गया? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसको बाद में देखा जाएगा. उनसे यह पूछा गया कि क्या आमसभा की वीडियो रिकॉर्डिंग जारी की जाएगी. इसपर उन्होंने चुप्पी साध ली. जेएससीए के सचिव देवाशीष चक्रवर्ती से भी ये सवाल पूछा गया, उन्होंने कहा कि आमसभा में इस तरह की कोई बात नहीं हुई थी. लेकिन सूत्रों का कहना है कि बात खुलने पर अब लीपोपोती की जा रही है. अगर ऐसा नहीं है तो आमसभा से जुड़े वीडियो को क्यों नहीं जारी किया जा रहा है.
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प्रोटोकॉल को लेकर भड़के थे दोनों मंत्री: दरअसल, 19 नवंबर 2021 को रांची के जेएससीए इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच टी-20 क्रिकेट मैच हुआ था. तब दोनों मंत्री नार्थ पेवेलियन के वीआईपी बॉक्स का पास लेकर मैच देखने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें ऐसी जगह बिठा दिया गया था जहां से मैच देखना मुश्किल हो रहा था. बॉक्स का ग्लास भी डैमेज हालत में था. इसको लेकर खेल मंत्री हफीजुल हसन जेएससीए के कर्मी पर भड़क गये थे और कर्मी को खूब खरी-खोटी सुनाई थी. दोनों मंत्री इस बात से नाराज थे कि उनके आवभगत में प्रोटोकॉल की अनदेखी की गई. विवाद बढ़ने पर संयुक्त सचिव राजीव बधान ने मामला संभालने की कोशिश की थी. मंत्रियों की नाराजगी से जुड़ा वीडियों खूब वायरल हुआ था. उस दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बतौर स्पेशल गेस्ट मैच देखने गये थे. उनके हस्तक्षेप से बाद मामला शांत हुआ था.
दोनों मंत्रियों का विवादों से रहा है नाता: दोनों मंत्रियों का विवादों से गहरा नाता रहा है. शिक्षा मंत्री का भोजपुरी भाषा और बिहारी पर कमेंट को लेकर खूब राजनीति हुई थी. इसी तरह मंत्री हफीजुल हसन का अक्टूबर 2021 में सिमडेगा में आयोजित नेशनल जूनियर हॉकी महिला चैंपियनशीप के फाइनल में देर से पहुंचना चर्चा के केंद्र में था. क्योंकि उन्हें विलंब से पहुंचने के पीछे तर्क दिया था कि नमाज का वक्त हो गया था, इसलिए पहुंचने में देरी हो गई. यही नहीं पिछले माह गढ़वा की एक इफ्तार पार्टी में दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री हफीजुल ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि देश में एक धर्म विशेष के साथ जो हो रहा है वह सबको पता है. अगर उनके 20 प्रतिशत लोगों का नुकसान होता है तो आपके 70 प्रतिशत लोग भी सुरक्षित नहीं रहेंगे. हालाकि उन्होंने बाद में सफाई देते हुए कहा था कि उनके बयान को गलत तरीके से चलाया गया.
कई वजहों से सुर्खियों में रहा है जेएससीए स्टेडियम: रांची के धुर्वा स्थित एचईसी की जमीन पर जेएससीए इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हुआ है. इसका उद्घाटन जनवरी 2013 में हुआ था. यहां कई टेस्ट, वनडे, टी-20 मैच हो चुके हैं. इसकी बुनियाद टाटा स्टील के साथ विवाद की वजह से पड़ी थी. दरअसल, कई साल पहले टाटा के कीनन स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच एक मैच होना था जिसे बैंगलोर शिफ्ट करना पड़ा था. इसी के बाद इसके निर्माण की पहल हुई थी. एचईसी के साथ भी जेएससीए का विवाद हुआ. एचईसी प्रबंधन का आरोप था कि कई शर्तों के साथ स्टेडियम बनाने के लिए 32 एकड़ जमीन दी गई थी. लेकिन स्टेडियम के नाम में एचईसी शब्द नहीं जोड़ा गया.