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राजधानी में 2 कोविड अस्पतालों के बेड फुल, वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हुई तो होगी दिक्कत

झारखंड में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. राज्य में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ने से अब रांची के दो कोविड-19 अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं. जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Two COVID-19 hospital bed full in ranchi
कोरोना
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Published : Jul 13, 2020, 9:18 AM IST

रांची: झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. नौबत ऐसी आ गई है कि राजधानी रांची के दो कोविड-19 अस्पतालों में बेड करीब-करीब फुल हो गए हैं. रिम्स अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड हैं. जिनमें से सिर्फ 21 खाली है. यहां 69 बेड सामान्य मरीजों के लिए है जो पूरी तरह भर चुका है. रिम्स में कोरोना मरीजों के लिए 10 आईसीयू बेड हैं जबकि 12 बेड वैसे संक्रमित मरीजों के लिए है जिनका डायलिसिस हो रहा है. गांधीनगर स्थित सीसीएल के अस्पताल में 60 बेड हैं जहां सिर्फ दो बेड खाली हैं. सिर्फ धुर्वा स्थित पारस अस्पताल में अभी बेड खाली हैं.

रिम्स प्रबंधन ने जिला प्रशासन से इस बाबत अवगत करा दिया है. नौबत ऐसी आ गई है कि रिम्स में इलाज के लिए आ रहे वैसे मरीजों को पारस या सीसीएल के अस्पताल में भेजा जा रहा है जिनमें किसी तरह का लक्षण नहीं दिख रहा है. खास बात है कि राजधानी में तीन कोविड-19 अस्पताल सरकार के नियंत्रण में है. जबकि मेडिका, मेदांता समेत अन्य निजी अस्पतालों में भी इलाज किया जा रहा है. आलम यह है कि निजी अस्पताल मेडिका में भी कोविड-19 मरीज के लिए बेड खाली नहीं है. कुल बेड के अनुपात में मेडिका अस्पताल में 10 बेड कोविड मरीजों के लिए रखे गए हैं.

ये भी देखें- झारखंड में घातक होता जा रहा कोरोना, दो दिनों में 7 लोगों की मौत, बंगाल सीमा सील

अहम बात है कि जिस तरीके से संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है उस लिहाज से बेड की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. नौबत यह आ गई है कि बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों को घर में ही क्वॉरेंटाइन रहने को कहा जा रहा है. रविवार को रांची में 15 मरीज मिले हैं जो राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों से सामने आए हैं. मेदांता के एक डॉक्टर भी संक्रमित मिले हैं. जाहिर सी बात है कि स्थिति अलार्म होती जा रही है और शुरुआती तैयारी के बाद व्यवस्था के विस्तार को लेकर कोई ठोस पहल नहीं दिख रहा है.

रांची: झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. नौबत ऐसी आ गई है कि राजधानी रांची के दो कोविड-19 अस्पतालों में बेड करीब-करीब फुल हो गए हैं. रिम्स अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड हैं. जिनमें से सिर्फ 21 खाली है. यहां 69 बेड सामान्य मरीजों के लिए है जो पूरी तरह भर चुका है. रिम्स में कोरोना मरीजों के लिए 10 आईसीयू बेड हैं जबकि 12 बेड वैसे संक्रमित मरीजों के लिए है जिनका डायलिसिस हो रहा है. गांधीनगर स्थित सीसीएल के अस्पताल में 60 बेड हैं जहां सिर्फ दो बेड खाली हैं. सिर्फ धुर्वा स्थित पारस अस्पताल में अभी बेड खाली हैं.

रिम्स प्रबंधन ने जिला प्रशासन से इस बाबत अवगत करा दिया है. नौबत ऐसी आ गई है कि रिम्स में इलाज के लिए आ रहे वैसे मरीजों को पारस या सीसीएल के अस्पताल में भेजा जा रहा है जिनमें किसी तरह का लक्षण नहीं दिख रहा है. खास बात है कि राजधानी में तीन कोविड-19 अस्पताल सरकार के नियंत्रण में है. जबकि मेडिका, मेदांता समेत अन्य निजी अस्पतालों में भी इलाज किया जा रहा है. आलम यह है कि निजी अस्पताल मेडिका में भी कोविड-19 मरीज के लिए बेड खाली नहीं है. कुल बेड के अनुपात में मेडिका अस्पताल में 10 बेड कोविड मरीजों के लिए रखे गए हैं.

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अहम बात है कि जिस तरीके से संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है उस लिहाज से बेड की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. नौबत यह आ गई है कि बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों को घर में ही क्वॉरेंटाइन रहने को कहा जा रहा है. रविवार को रांची में 15 मरीज मिले हैं जो राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों से सामने आए हैं. मेदांता के एक डॉक्टर भी संक्रमित मिले हैं. जाहिर सी बात है कि स्थिति अलार्म होती जा रही है और शुरुआती तैयारी के बाद व्यवस्था के विस्तार को लेकर कोई ठोस पहल नहीं दिख रहा है.

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