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चुआड़ विद्रोह के महानायक को दी श्रद्धांजलि, रामेश्वर उरांव बोले,- वीरों की धरती है झारखंड - चुआड़ विद्रोह के महानायक

रांची में दुर्गा सोरेन चौक के पास चुआड़ विद्रोह के महानायक और क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो को शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने रघुनाथ महतो को नमन किया.

Tribute paid to martyr Raghunath Mahto in ranchi
शहीद रघुनाथ महतो की शहादत दिवस
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Published : Apr 5, 2021, 6:48 PM IST

रांचीः नामकुम स्थित दुर्गा सोरेन चौक के समीप चुआड़ विद्रोह के महानायक और क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो को शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव शामिल हुए. उन्होंने कहा कि झारखंड की धरती सदियों से वीरों की धरती रही है. यहां के महापुरूषों ने देश की आजादी के लिए जल, जंगल, जमीन के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया और अपनी सभ्यता, संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति दी. यहां हर बारह वर्षों में संघर्ष होता था.

ये भी पढ़ें-बीजापुर मुठभेड़: शाह ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि, घायल जवानों से भी करेंगे मुलाकात

वीर सपूत शहीद रघुनाथ महतो

उन्होंने कहा कि शहीद रघुनाथ महतो का जन्म वर्तमान सरायकेला खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड के घुटियाडीह गांव में हुआ था. बचपन से ही उनके मानस पटल पर देशप्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी. वे सदैव अन्याय, अत्याचार और शोषण के खिलाफ लड़ने वाले वीर सपूत थे.

अंग्रेज जब किसानों से जबरन कर की वसूली करते थे, यहां तक कि आदिवासियों की जमीन छीनकर जमींदारों के हाथों हस्तांतरण करते थे. दूसरे क्षेत्र से आए हुए लोगों को यहां बसाया करते थे. तब उन्होंने ‘अपना गांव अपना राज-दूर भगाओ अंग्रेज राज’ का उद्घोष दिया था. रामेश्वर उरांव ने कहा कि ऐसे महापुरुषों के संघर्ष का परिणाम है कि आजाद भारत में अलग झारखंड राज्य में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में हुए संघर्षों में सभी समाज के लोगों का हाथ रहा है.

सशक्त नेता के रूप में उभरे

वहीं, विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि शहीद रघुनाथ महतो का देश की आजादी के लिए शुरू किया गया संघर्ष धीरे-धीरे आग की ज्वाला की तरह अंग्रेजों के खिलाफ पूरे जंगल महल में फैला. रघुनाथ एक कुशल रणनीतिकार भी थे, उनके भय से ईस्ट इंडिया कंपनी के लोग भी कांपते थे. रघुनाथ महतो बहुत तेजी से जंगल महल में अंग्रेजों के खिलाफ एक सशक्त नेता के रूप में उभरे, जिन्हें मुख्य रूप से कुड़मी, संथाल और भूमिज का पूर्ण सहयोग मिला. अंग्रेजों ने इस आंदोलन को चुआड़ आंदोलन का नाम दिया. इस अवसर पर पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, विधायक डॉ लंबोदर महतो, सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने भी अपने विचार रखे.

रांचीः नामकुम स्थित दुर्गा सोरेन चौक के समीप चुआड़ विद्रोह के महानायक और क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो को शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव शामिल हुए. उन्होंने कहा कि झारखंड की धरती सदियों से वीरों की धरती रही है. यहां के महापुरूषों ने देश की आजादी के लिए जल, जंगल, जमीन के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया और अपनी सभ्यता, संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति दी. यहां हर बारह वर्षों में संघर्ष होता था.

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वीर सपूत शहीद रघुनाथ महतो

उन्होंने कहा कि शहीद रघुनाथ महतो का जन्म वर्तमान सरायकेला खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड के घुटियाडीह गांव में हुआ था. बचपन से ही उनके मानस पटल पर देशप्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी. वे सदैव अन्याय, अत्याचार और शोषण के खिलाफ लड़ने वाले वीर सपूत थे.

अंग्रेज जब किसानों से जबरन कर की वसूली करते थे, यहां तक कि आदिवासियों की जमीन छीनकर जमींदारों के हाथों हस्तांतरण करते थे. दूसरे क्षेत्र से आए हुए लोगों को यहां बसाया करते थे. तब उन्होंने ‘अपना गांव अपना राज-दूर भगाओ अंग्रेज राज’ का उद्घोष दिया था. रामेश्वर उरांव ने कहा कि ऐसे महापुरुषों के संघर्ष का परिणाम है कि आजाद भारत में अलग झारखंड राज्य में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में हुए संघर्षों में सभी समाज के लोगों का हाथ रहा है.

सशक्त नेता के रूप में उभरे

वहीं, विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि शहीद रघुनाथ महतो का देश की आजादी के लिए शुरू किया गया संघर्ष धीरे-धीरे आग की ज्वाला की तरह अंग्रेजों के खिलाफ पूरे जंगल महल में फैला. रघुनाथ एक कुशल रणनीतिकार भी थे, उनके भय से ईस्ट इंडिया कंपनी के लोग भी कांपते थे. रघुनाथ महतो बहुत तेजी से जंगल महल में अंग्रेजों के खिलाफ एक सशक्त नेता के रूप में उभरे, जिन्हें मुख्य रूप से कुड़मी, संथाल और भूमिज का पूर्ण सहयोग मिला. अंग्रेजों ने इस आंदोलन को चुआड़ आंदोलन का नाम दिया. इस अवसर पर पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, विधायक डॉ लंबोदर महतो, सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने भी अपने विचार रखे.

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