रांची: चीन समेत दुनिया के कई देशों में पांव पसार चुके कोरोना वायरस का खौफ गहराता जा रहा है. इस वायरस से बचाव के मद्देनजर हेमंत सोरेन सरकार ने भी कई अहम फैसले लिए हैं. झारखंड के 488 ऐसे लोग हैं, जो अलग-अलग देशों से वापस आए हैं और इनकी पूरी सूची केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से साझा की है.
इन 488 लोगों में से 175 लोगों में अभी तक कोरोना वायरस के इंफेक्शन का कोई लक्षण नहीं पाया गया है फिर भी सभी की निगरानी की जा रही है. दूसरी खास बात यह है कि अब प्रशासन से जुड़े लोग किसी के घर में घुसकर संदिग्ध की जांच कर सकेंगे. इस दौरान अगर काम में अड़चन डाला गया तो वैसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी. एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत राज्य सरकार की ओर से इस बाबत आदेश जारी किया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि फिलहाल कोरोना वायरस से बचने का एकमात्र रास्ता है बचाव. मास्क और सेनीटाइजर को एसेंशियल कमोडिटीज बताते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि अगर इसकी कालाबाजारी होती है तो वैसे दुकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
17 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद
झारखंड में 17 मार्च से सभी यूनिवर्सिटी, कॉलेज-स्कूल, शैक्षणिक संस्थान और कोचिंग केंद्र बंद रहेंगे. सभी स्विमिंग पूल, क्लब, पार्क, सभी मल्टीप्लेक्स सभी सिनेमा हॉल, चिड़ियाघर, इको पार्क, म्यूजियम, जिम, बायोडायवर्सिटी पार्क जैसे स्थलों को भी बंद करने का आदेश जारी किया गया है.
क्या-क्या कर रही है सरकार
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में आइसोलेशन सेंटर स्थापित किया जा चुका है. इसके साथ ही सभी पब्लिक सेक्टर के अस्पतालों और निजी अस्पतालों में आइसोलेशन सेंटर जल्द शुरू करने का निर्देश दिया गया है. फिलहाल, जमशेदपुर के एमजीएम में टेस्टिंग लैब की व्यवस्था की गई है. बहुत जल्दी अव्यवस्था रांची के रिम्स में भी शुरू हो जाएगी. इसके अलावा सभी पांच प्रमंडलों में 1-1 टेस्टिंग केंद्र की स्थापना की जाएगी.
पूरे राज्य में 300 चिकित्सक और पारा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया है. 20 मार्च 2020 तक सभी जिलों में आवश्यक संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों को इस आपदा से निपटने योग्य बनाने के लिए प्रशिक्षित करने का काम पूरा कर लिया जाएगा. सरकार ने आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने और जांच केंद्रों के लिए जरूरी मशीन और उपकरणों को खरीदने के लिए 200 करोड़ रुपए कर्णांकित करने का फैसला लिया है. इसके अलावा राज्य के सभी रेलवे स्टेशन और बस पड़ाव पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेल्प डेस्क स्थापित करने का फैसला हुआ है. पूरे राज्य में बच्चों के लिए अलग से आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने का भी निर्देश दिया गया है.
विधानसभा परिसर में दर्शकों का प्रवेश वर्जित
झारखंड में बजट सत्र चल रहा है और कार्यवाही को देखने के लिए काफी दर्शक पहुंचते हैं. इस को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 17 मार्च से विधानसभा परिसर में दर्शकों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया है. इसके साथ ही हर तरह के सरकारी कॉन्फ्रेंस और समारोह को 14 अप्रैल तक स्थगित करने का फैसला लिया गया है. खास बात है कि सरकार ने सभी छात्रावासों को बंद करने का निर्णय लिया है, लेकिन जहां जरूरी होगा वहां गरीब परिवार के बच्चों को हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जाएगी.
झारखंड के लिए किस तरह की है चुनौती
सरकार का मानना है कि जैसे-जैसे महानगरों में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ेगा उन महानगरों में काम कर रहे हैं झारखंड के मजदूर अपने घरों की ओर पहुंचेंगे. ऐसी स्थिति में दो महत्वपूर्ण स्टेप उठाने का फैसला लिया गया है. रेलवे स्टेशन और बस पड़ाव पर उनकी प्रारंभिक जांच सुनिश्चित की जाएगी. खाद्यान्न वितरण पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के तहत प्राप्त राशि ऐसे परिवारों को उपलब्ध कराई जाएगी. जिनका रोजगार खत्म होने की स्थिति में आर्थिक संकट में फंसने की संभावना हो.
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15 दिन बाद निर्णय की होगी समीक्षा
सरकार ने फैसला लिया है कि बचाव के उपाय के बीच 15 दिन के बाद आगे किस तरह का निर्णय लेना है. इसकी समीक्षा की जाएगी. अब जिलों के डीसी को अधिकार होगा कि वह किसी भी संदिग्ध की जानकारी मिलने पर अपनी कानूनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए फैसले ले सकेंगे.
जेल में नए कैदियों की होगी निगरानी
सरकार ने फैसला लिया है कि जेल में आने वाले नए कैदियों को अलग रखकर उनकी निगरानी की जाएगी. इस बाबत जेल आईजी को निर्देश भी दे दिया गया है.
सरहुल और रामनवमी को लेकर सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपील की है कि लोग धार्मिक स्थलों और सामाजिक समारोह में शामिल होने से बचें. सरहुल और रामनवमी में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं. ऐसे वक्त में एक दूसरे का ख्याल रखते हुए भीड़ में शामिल होने से बचना जरुरी है. इसके सभी को सहयोग करना पड़ेगा.