रांची: रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित जनजातीय क्षेत्रीय भाषा विभाग में अनुबंध पर कार्यरत प्रोफेसरों ने जल्द से जल्द लंबित पारिश्रमिक भुगतान करने की मांग की है. इस मामले को लेकर एक बैठक भी की गई. इसके साथ ही परेशानियों से संबंधित ज्ञापन विभाग के विभागाध्यक्ष को सौंपा गया.
रांची विश्वविद्यालय में पठन-पाठन सुचारू तरीके से हो, साथ ही विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी को देखते हुए अनुबंध पर शिक्षकों को रखा गया है. अनुबंध पर कार्यरत सहायक प्राध्यापक इन दिनों काफी दयनीय स्थिति में हैं. रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग में भी कई शिक्षकों की नियुक्ति हुई है और इन शिक्षकों को जनवरी 2018 से सितंबर 2018 तक और मार्च 2019 से अब तक मानदेय भुगतान नहीं किया गया है.
ये भी पढे़ं: केंद्रीय कोविड सर्वेक्षण टीम पहुंची रांची, 10 दिनों तक 3 जिलों का लेगी जायजा
इस कोरोना महामारी में इन शिक्षकों को जीविकोपार्जन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन से ही इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय के अलावा विभाग को भी अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक इनकी पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया है. इसी के तहत अनुबंध प्रोफेसरों ने विभाग में एक बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई है. इन प्रोफेसरों का कहना है कि अगर इस मांग को जल्द से जल्द विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं मानती है तो 14 सितंबर से इस मांग को लेकर जनजातीय भाषा विभाग परिसर में शिक्षक सत्याग्रह आंदोलन करने को विवश होंगे.