रांचीः झारखंड की लोक सेवा समिति ने शुक्रवार को बारह हस्तियों को झारखंड रत्न और विशिष्ट सेवा सम्मान से नवाजा. लोक सेवा समिति के संस्थापक मो. नौशाद खान ने बताया कि ये संस्था तीस साल से समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित कर रही है. इस बार सात शख्सियत को झारखंड रत्न और पांच को विशिष्ट सेवा सम्मान दिया गया.
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सैयद अनवर हुसैन खान को मरणोपरांत झारखंड रत्न से नवाजा गया. मूल रूप से बिहार के भागलपुर और पटना के रहने वाले दिवंगत सैयद अनवर हुसैन खान का जन्म पटना में साल1907 में हुआ था. पटना में शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने भागलपुर से उच्च शिक्षा हासिल की. इसके बाद उन्होंने पटना लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री ली और साल 1932 में रांची शिफ्ट हो गए. उन्हें सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश बनने का भी मौका मिला लेकिन उन्होंने वकालत नहीं छोड़ी. उनके पौत्र और शहर के समाजसेवी सैयद फराज अब्बास के मुताबिक रांची में साल1967 के दंगों के दौरान उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए सभी धर्मों के बीच समन्वय बनाकर शांति और सौहार्द्र की पहल की थी. शिया मुस्लिम समुदाय की मस्जिद की स्थापना में भी उनकी खास भूमिका थी. वे रांची मेन रोड स्थित पब्लिक उर्दू लाइब्रेरी के संस्थापक भी रहे हैं. रांची में मिल्ली तालिमी मिशन की स्थापना में भी उनका योगदान रहा. रांची स्थित अंजुमन अस्पताल की स्थापना में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
![Lok Seva samiti](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11352215_samman1.jpg)
इसके साथ ही शहीद वीर बुधु भगत (मरणोपरांत), विष्णु अहीर, गोपाल मुरारका , महादेव टोप्पो (लेखन), महावीर नायक (झारखंडी संगीत) और सहनी उपेंद्र पाल नहन (कला-संस्कृति) को भी झारखंड रत्न सम्मान दिया गया. विशिष्ट सेवा सम्मान पाने वालों में अरविंद कुमार, सीमा देवी, बाल्मिकी साहु, राजकुमार नागवंशी और शील अनवर का नाम शामिल है. लोक सेवा समिति ने इस बार कुछ वैसे लोगों भी सम्मानित किया, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान निःस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की सेवा की.