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हार की हैट्रिक लगाने वाले AJSU सुप्रीमो सुदेश महतो की 'लाज' दाव पर, आगामी विधानसभा चुनाव होगा प्रतिष्ठा का सवाल

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Published : Sep 30, 2019, 6:43 PM IST

आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के लिए आगामी विधानसभा चुनाव निर्णायक साबित होने जा रहा है. क्योंकि पिछले तीन बार से वे चुनाव हार रहे हैं. इसबार वो जीत के लिए अभी से पूरी तैयारी कर रहे हैं. वहीं विपक्ष का कहना है कि इस बार भी सुदेश महतो को सिल्ली की जनता नहीं अपनाएगी.

सुदेश महतो, आजसू सुप्रीमो

रांची: सूबे की राजनीति में हमेशा 'सेंटर प्वाइंट' में रहने वाले आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के लिए आगामी विधानसभा चुनाव निर्णायक साबित होने जा रहा है. पिछले 5 साल में तीन बार अलग-अलग चुनाव में करारी शिकस्त झेलने वाले सुदेश महतो सिल्ली का अपना पुराना किला फिर से हासिल करने में लगे हैं. जिस सिल्ली विधानसभा सीट से सुदेश महतो साल 2000, 2005 और 2009 में विधायक बने, उस सिल्ली सीट पर एक बार विधानसभा चुनाव जबकि दूसरी बार उपचुनाव हार चुके हैं. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में सिल्ली विधानसभा सीट से उन्हें झामुमो के अमित महतो ने हराया. जबकि 2018 में उसी सीट पर हुए उपचुनाव पर अमित महतो की पत्नी सीमा महतो ने सुदेश महतो को धूल चटाई.

देखें पूरी खबर

5 साल में तीन बार देख चुके हैं हार का मुंह
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद सुदेश महतो सबसे कम उम्र के गृह मंत्री बने. 2000 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार 2009 तक तीन बार सिल्ली से विधायक भी रहे लेकिन 2014 में पासा पलटा और झामुमो के अमित महतो ने उन्हें हराया. अमित महतो को सुदेश महतो के मुकाबले 29 हजार अधिक मत पड़े. बाद में अमित महतो को न्यायालय से एक मामले में सजा दिए जाने के बाद उन्हें झारखंड विधानसभा के लिए अयोग्य करार कर दिया गया. सिल्ली विधानसभा सीट पर 2018 में उपचुनाव हुआ लेकिन सुदेश उपचुनाव भी अमित महतो की पत्नी से हार गए. अमित महतो की पत्नी सुदेश महतो को 13 हजार वोटों से हराने में सफल हुई. इतना ही नहीं इससे पहले 2014 में दिल्ली जाने का सपना लिए सुदेश आम चुनाव में भी खड़े हुए रांची लोकसभा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन करारी हार झेलनी पड़ी.

ये भी पढ़ें- रांची एयरपोर्ट पर मिले अर्जुन मुंडा और महेंद्र सिंह धोनी, काफी देर तक क्रिकेट और देश-दुनिया की हुई बातें

सुदेश नहीं सीमा पर है सिल्ली को भरोसा-जेएमएम
झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्पष्ट रूप से कहना है कि सुदेश महतो 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अपनी लाज नहीं बचा पाएंगे. पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि सुदेश महतो भले सिल्ली का बेटा होने का दावा करें लेकिन हकीकत यह है कि वहां लोगों को अब सीमा महतो पर ज्यादा भरोसा है. उन्होंने कहा कि दोबारा झारखंड मुक्ति मोर्चा उन्हें करारी शिकस्त देने के लिए तैयारी कर रहा है. पांडे ने कहा कि चूंकि आजसू पार्टी, बीजेपी के साथ है और बीजेपी के 'एंटी पीपुल' पॉलिसी की वजह से लोग आजिज हो रहे हैं यही वजह है कि इसका खामियाजा सुदेश महतो को भुगतना पड़ेगा.

जनता ने किया सुदेश महतो को खारिज-कांग्रेस
वहीं कांग्रेस ने कहा कि जिस तरीके से सुदेश महतो लगातार चुनाव हारते आ रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि हालांकि महतो इस बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए हर तरह का समझौता करेंगे. बता दें की सरकार में शामिल आजसू पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में 10 से अधिक विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मन बना रही है. जिसमें पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो भी उम्मीदवार होंगे. हालांकि इस बाबत पार्टी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, पार्टी का कहना है कि चुनाव लड़ने और सीट बंटवारे पर अभी निर्णय होना बाकी है.

रांची: सूबे की राजनीति में हमेशा 'सेंटर प्वाइंट' में रहने वाले आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के लिए आगामी विधानसभा चुनाव निर्णायक साबित होने जा रहा है. पिछले 5 साल में तीन बार अलग-अलग चुनाव में करारी शिकस्त झेलने वाले सुदेश महतो सिल्ली का अपना पुराना किला फिर से हासिल करने में लगे हैं. जिस सिल्ली विधानसभा सीट से सुदेश महतो साल 2000, 2005 और 2009 में विधायक बने, उस सिल्ली सीट पर एक बार विधानसभा चुनाव जबकि दूसरी बार उपचुनाव हार चुके हैं. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में सिल्ली विधानसभा सीट से उन्हें झामुमो के अमित महतो ने हराया. जबकि 2018 में उसी सीट पर हुए उपचुनाव पर अमित महतो की पत्नी सीमा महतो ने सुदेश महतो को धूल चटाई.

देखें पूरी खबर

5 साल में तीन बार देख चुके हैं हार का मुंह
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद सुदेश महतो सबसे कम उम्र के गृह मंत्री बने. 2000 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार 2009 तक तीन बार सिल्ली से विधायक भी रहे लेकिन 2014 में पासा पलटा और झामुमो के अमित महतो ने उन्हें हराया. अमित महतो को सुदेश महतो के मुकाबले 29 हजार अधिक मत पड़े. बाद में अमित महतो को न्यायालय से एक मामले में सजा दिए जाने के बाद उन्हें झारखंड विधानसभा के लिए अयोग्य करार कर दिया गया. सिल्ली विधानसभा सीट पर 2018 में उपचुनाव हुआ लेकिन सुदेश उपचुनाव भी अमित महतो की पत्नी से हार गए. अमित महतो की पत्नी सुदेश महतो को 13 हजार वोटों से हराने में सफल हुई. इतना ही नहीं इससे पहले 2014 में दिल्ली जाने का सपना लिए सुदेश आम चुनाव में भी खड़े हुए रांची लोकसभा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन करारी हार झेलनी पड़ी.

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सुदेश नहीं सीमा पर है सिल्ली को भरोसा-जेएमएम
झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्पष्ट रूप से कहना है कि सुदेश महतो 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अपनी लाज नहीं बचा पाएंगे. पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि सुदेश महतो भले सिल्ली का बेटा होने का दावा करें लेकिन हकीकत यह है कि वहां लोगों को अब सीमा महतो पर ज्यादा भरोसा है. उन्होंने कहा कि दोबारा झारखंड मुक्ति मोर्चा उन्हें करारी शिकस्त देने के लिए तैयारी कर रहा है. पांडे ने कहा कि चूंकि आजसू पार्टी, बीजेपी के साथ है और बीजेपी के 'एंटी पीपुल' पॉलिसी की वजह से लोग आजिज हो रहे हैं यही वजह है कि इसका खामियाजा सुदेश महतो को भुगतना पड़ेगा.

जनता ने किया सुदेश महतो को खारिज-कांग्रेस
वहीं कांग्रेस ने कहा कि जिस तरीके से सुदेश महतो लगातार चुनाव हारते आ रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि हालांकि महतो इस बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए हर तरह का समझौता करेंगे. बता दें की सरकार में शामिल आजसू पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में 10 से अधिक विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मन बना रही है. जिसमें पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो भी उम्मीदवार होंगे. हालांकि इस बाबत पार्टी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, पार्टी का कहना है कि चुनाव लड़ने और सीट बंटवारे पर अभी निर्णय होना बाकी है.

Intro:बाइट 1 विनोद पांडे केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता झामुमो
बाइट 2 लाल किशोर नाथ शाहदेव, प्रवक्ता जेपीसीसी

रांची। सूबे की राजनीति में हमेशा 'सेंटर पॉइंट' में रहने वाले आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के लिए आगामी विधानसभा चुनाव निर्णायक साबित होने जा रहा है। पिछले 5 साल में तीन बार अलग-अलग चुनाव में करारी शिकस्त झेलने वाले सुदेश महतो सिल्ली का अपना पुराना किला फिर से हासिल करने में लगे हैं। जिस सिल्ली विधानसभा सीट से सुदेश सन 2000, 2005 और 2009 में विधायक बने उसे सिल्ली सीट पर एक बार विधानसभा चुनाव जबकि दूसरी बार उपचुनाव हार चुके हैं। 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में सिल्ली विधानसभा सीट से उन्हें झामुमो के अमित महतो ने हराया। जबकि 2018 में उसी सीट पर हुए उपचुनाव पर अमित महतो की पत्नी सीमा महतो ने सुदेश महतो को धूल चटाई।


Body:5 साल में तीन बार हार का देख चुके हैं मुंह
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद महतो सबसे कम उम्र के गृह मंत्री बने। 2000 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार 2009 तक तीन बार सिल्ली से विधायक भी रहे लेकिन 2014 में पासा पलटा और झामुमो के अमित महतो ने उन्हें हराया। अमित महतो को सुदेश महतो के मुकाबले 29 हजार अधिक मत पड़े। बाद में अमित महतो को न्यायालय द्वारा एक मामले में सजा दिए जाने के बाद उन्हें झारखंड विधानसभा के लिए अयोग्य करार कर दिया गया। सिल्ली विधानसभा सीट पर 2018 में उपचुनाव हुआ लेकिन सुदेश उपचुनाव भी अमित महतो की पत्नी से हार गए। अमित महतो की पत्नी सुदेश महतो को 13 हजार वोटों से हराने में सफल हुई। इतना ही नहीं इससे पहले 2014 में दिल्ली जाने का सपना लिए सुदेश आम चुनाव में भी खड़े हुए रांची लोकसभा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन करारी हार झेलनी पड़ी।


Conclusion:क्या कहते हैं विपक्षी दल
झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्पष्ट रूप से कहना है कि सुदेश महतो 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अपनी लाज नहीं बचा पाएंगे। पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि सुदेश महतो भले सिल्ली का बेटा होने का दावा करें लेकिन हकीकत यह है कि वहां लोगों को अब सीमा महतो पर ज्यादा भरोसा है। उन्होंने कहा कि दोबारा झारखंड मुक्ति मोर्चा उन्हें करारी शिकस्त देने के लिए तैयारी कर रहा है। पांडे ने कहा कि चूंकि आजसू पार्टी, बीजेपी के साथ है और बीजेपी के 'एंटी पीपुल' पॉलिसी की वजह से लोग आज़िज़ हो रहे हैं यही वजह है कि इसका खामियाजा महतो को भुगतना पड़ेगा। वहीं कांग्रेस ने कहा कि जिस तरीके से सुदेश महतो लगातार चुनाव हारते आ रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि हालांकि महतो इस बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए हर तरह का समझौता करेंगे। बता दें की सरकार में शामिल आजसू पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में 10 से अधिक विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मन बना रही हैं। जिसमें पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो भी उम्मीदवार होंगे। हालांकि इस बाबत पार्टी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। पार्टी का कहना है कि चुनाव लड़ने और सीट बंटवारे पर अभी निर्णय होना बाकी है।
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