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रांची विश्वविद्यालय में फिल्म मेकिंग एंड प्रोडक्शन कोर्स की शुरुआत, सिर्फ एक छात्र ने लिया एडमिशन

रांची विश्वविद्यालय में इस साल फिल्म मेंकिंग एंड प्रोडक्शन का कोर्स शुरू किया गया है. हालांकि इस कोर्स में अबतक सिर्फ एक छात्र ने एडमेशिन लिया है. जिसकी वजह से इस कोर्स में नामांकन की तिथि बढ़ा दी गई है.

film making and production course in Ranchi University
film making and production course in Ranchi University
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Published : Aug 2, 2022, 3:52 PM IST

Updated : Aug 2, 2022, 4:30 PM IST

रांची: रांची विश्वविद्यालय में इस सत्र से नए कोर्स की शुरुआत हो रही है. इसी कड़ी में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के अंतर्गत एमए इन फिल्म मेकिंग एंड प्रोडक्शन कोर्स शुरू किया गया है. हालांकि, इस कोर्स को संचालित करने के लिए जिस मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है वह विश्वविद्यालय के पास नहीं है. इस वजह से नामांकन में विद्यार्थियों का रुझान इस ओर नहीं दिख रहा है.

ये भी पढ़ें: झारखंड के विश्वविद्यालयों में एक साथ लागू होगी नई शिक्षा नीति, सब्जेक्ट मैपिंग का काम शुरू


किसी भी कोर्स या पाठ्यक्रम को संचालित करने के लिए उस कोर्स से जुड़ी सुविधाओं का होना भी आवश्यक है. फिल्म मेकिंग जैसे टेक्निकल कोर्स के लिए कई बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ ट्रेंड शिक्षकों की भी जरूरत होती है. लेकिन रांची विश्वविद्यालय बिना किसी तैयारी के ही फिल्म मेकिंग और प्रोडक्शन कोर्स की शुरुआत इसी सत्र से कर दिया है. 10 मार्च तक नामांकन के लिए फार्म की तिथि निर्धारित की गई थी. लेकिन विद्यार्थियों ने इस कोर्स में रुचि नहीं दिखाई. नामांकन की अवधि बीत गई और इस बीच मात्र एक विद्यार्थी ने नामांकन लिया है. एक बार फिर नामांकन की तिथि बढ़ाई गई है.

देखें वीडियो

रांची विश्वविद्यालय के ही सेवानिवृत्त डॉ सुशील अंकन को ट्रेनर के रूप में बहाल किया गया है. स्टूडियो के नाम पर एक कमरे के सिवा इस कोर्स को संचालित करने के लिए कुछ नहीं है. कहा जा रहा है कि अनुबंध पर शिक्षकों को रखा जाएगा, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है. जानकार कहते हैं कि कोर्स शुरू करने में जल्दीबाजी हुई है. फिल्म मेकिंग एंड प्रोडक्शन कोर्स के लिए जिस स्तर का स्टूडियो एक्सपर्ट शिक्षकों की आवश्यकता होती है. इस दिशा में विश्वविद्यालय प्रशासन ने विचार ही नहीं किया. ना तो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्टूडियो तैयार किए गए और ना ही शिक्षकों की व्यवस्था की गई.


हालांकि इस विभाग के डायरेक्टर विष्णु चरण महतो अपने स्तर से ही विभिन्न तरह की व्यवस्थाओं को करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि नई कोर्स है इसे लेकर जागरूकता की कमी है. इसके बावजूद सुविधाओं को बेहतर बनाने में विभाग जुटी हुई है. विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू आरके शर्मा की माने तो इसे लेकर विश्वविद्यालय को और तैयारी करनी होगी. नामांकन के लिए विज्ञापन निकाला गया है. आने वाले समय में नामांकन होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने की कोशिश हो रही है. विश्वविद्यालय ने इस कोर्स को इंट्रोड्यूस किया है राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय में यह कोर्स संचालित नहीं होती है.

रांची: रांची विश्वविद्यालय में इस सत्र से नए कोर्स की शुरुआत हो रही है. इसी कड़ी में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के अंतर्गत एमए इन फिल्म मेकिंग एंड प्रोडक्शन कोर्स शुरू किया गया है. हालांकि, इस कोर्स को संचालित करने के लिए जिस मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है वह विश्वविद्यालय के पास नहीं है. इस वजह से नामांकन में विद्यार्थियों का रुझान इस ओर नहीं दिख रहा है.

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किसी भी कोर्स या पाठ्यक्रम को संचालित करने के लिए उस कोर्स से जुड़ी सुविधाओं का होना भी आवश्यक है. फिल्म मेकिंग जैसे टेक्निकल कोर्स के लिए कई बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ ट्रेंड शिक्षकों की भी जरूरत होती है. लेकिन रांची विश्वविद्यालय बिना किसी तैयारी के ही फिल्म मेकिंग और प्रोडक्शन कोर्स की शुरुआत इसी सत्र से कर दिया है. 10 मार्च तक नामांकन के लिए फार्म की तिथि निर्धारित की गई थी. लेकिन विद्यार्थियों ने इस कोर्स में रुचि नहीं दिखाई. नामांकन की अवधि बीत गई और इस बीच मात्र एक विद्यार्थी ने नामांकन लिया है. एक बार फिर नामांकन की तिथि बढ़ाई गई है.

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रांची विश्वविद्यालय के ही सेवानिवृत्त डॉ सुशील अंकन को ट्रेनर के रूप में बहाल किया गया है. स्टूडियो के नाम पर एक कमरे के सिवा इस कोर्स को संचालित करने के लिए कुछ नहीं है. कहा जा रहा है कि अनुबंध पर शिक्षकों को रखा जाएगा, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है. जानकार कहते हैं कि कोर्स शुरू करने में जल्दीबाजी हुई है. फिल्म मेकिंग एंड प्रोडक्शन कोर्स के लिए जिस स्तर का स्टूडियो एक्सपर्ट शिक्षकों की आवश्यकता होती है. इस दिशा में विश्वविद्यालय प्रशासन ने विचार ही नहीं किया. ना तो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्टूडियो तैयार किए गए और ना ही शिक्षकों की व्यवस्था की गई.


हालांकि इस विभाग के डायरेक्टर विष्णु चरण महतो अपने स्तर से ही विभिन्न तरह की व्यवस्थाओं को करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि नई कोर्स है इसे लेकर जागरूकता की कमी है. इसके बावजूद सुविधाओं को बेहतर बनाने में विभाग जुटी हुई है. विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू आरके शर्मा की माने तो इसे लेकर विश्वविद्यालय को और तैयारी करनी होगी. नामांकन के लिए विज्ञापन निकाला गया है. आने वाले समय में नामांकन होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने की कोशिश हो रही है. विश्वविद्यालय ने इस कोर्स को इंट्रोड्यूस किया है राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय में यह कोर्स संचालित नहीं होती है.

Last Updated : Aug 2, 2022, 4:30 PM IST
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