रांची: बच्चों को अपराधिक प्रवृत्ति से बचाने और अपराध की तरफ झुकाव रखने वाले बच्चों को काउंसलिंग कर उन्हें सही रास्ते पर लाने के लिए रांची के कोतवाली थाने में मॉडर्न बालमित्र थाने की शुरुआत की गई है. इस बालमित्र थाने को बच्चों के अनुकूल बनाया गया है, पूरे थाना परिसर को कार्टून के जरिये सजाया गया है. साथ ही बच्चों को लेकर बने कानून की जानकारी भी दीवारों पर लिखी गई है.
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शोषण के शिकार बच्चों को मिलेगा घर जैसा माहौल
आमतौर पर बाल मजदूरी या फिर मानव तस्करों के चुंगल से छुड़ाए गए बच्चों को सीधे सीडब्ल्यूसी या फिर थाने ले जाया जाता है. लेकिन अब वैसे बच्चों को बालमित्र थाना लाया जाएगा और उन्हें वहां परिवार जैसे माहौल में काउंसलिंग कर एक-दो दिनों बाद आश्रय गृह भेजा जाएगा.
क्या होगा थाना का कार्य
- अनजाने में चोरी करने वाले बच्चे को दो से तीन बार समझाया जाएगा.
- इसके बावजूद नहीं मानने पर केस होगा और बाल अपराधी को जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड के निर्णय के बाद बाल सुधार गृह भेजा जाएगा.
- केस के अनुसंधानकर्ता इस तरह केस डायरी लिखेंगे कि बाल अपराधी को कम से कम दिनों के लिए सजा हो.
- शोषण के शिकार बच्चों को दिया जाएगा घर जैसा माहौल.