रांचीः रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी की बहन पर बच्ची को जबरन खींच कर ले जाए जाने का मामला सामने आया है. इसके साथ ही ह्यूमन ट्रैफिकिंग और बाल मजदूरी का भी का आरोप है. मामले के बारे में बताया गया कि बच्ची को बिहार के रोहतास से रांची लाकर बाल मजदूरी करवाया जा रहा था. जिसे दूसरे दिन बाल कल्याण समिति रांची (सीडब्ल्यूसी) ने बच्ची का बयान दर्ज किया है.
ट्रेजरी अफसर के यहां करती थी काम
बच्ची ने बयान में कहा है कि वह बिहार के रोहतास जिले के सीनियर ट्रेजरी ऑफिसर के घर में काम करती थी. जहां उनकी बहन बच्ची से जबरन काम करवाया जाता था. काम नहीं करने पर प्रताड़ित किया जाता था. अक्सर उसके साथ मारपीट होती थी. परेशान होकर वह गुरुवार की शाम भागकर खादगढ़ा बस स्टैंड पहुंची थी. वहां भी पीछे उसे लेने के लिए ऑफिसर की पत्नी (रिटायर्ड आईपीएस की बहन) जबरन ले जा रही थी. वहीं बस एजेंटों के रोकने पर हंगामा भी हुआ.
बच्ची को भेजा शेल्टर होम
मामले को बढ़ता देख पुलिस को सूचना दी गई. जिसके बाद पुलिस और सीडब्ल्यूसी के माध्यम से उसे शेल्टर होम भेजा गया था. बच्ची ने उस घर में जाने से इनकार कर दिया है. सीडब्ल्यूसी अब रोहतास से उसके परिजनों को रांची बुलवा रही है. उनके आने के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा. इधर, ट्रेजरी ऑफिसर की पत्नी और रिटायर्ड आईपीएस भी सीडब्ल्यूसी कार्यालय पहुंचे थे. उनका कहना है कि पिता की सहमति पर बच्ची की पढ़ाने के लिए रांची लाया गया था.
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बच्ची बोली गांव के मान सिंह ने भेजवाया रांची
बच्ची ने अपने बयान में कहा है कि उसके पिता से बातचीत के बाद गांव का ही रहने वाला मानसिंह नाम के व्यक्ति ने रोहतास के ट्रेजरी ऑफिसर से संपर्क कराया था. उनके माध्यम से ही काम के लिए रांची लाया गया था. रांची आकर वह प्रताड़ित हो रही थी. बच्ची से दोबारा बयान लेने के बाद सीडब्ल्यूसी कानूनी कार्रवाई के लिए लोअर बाजार और डोरंडा थाने को पत्र लिखेगी. इसके आधार पर डोरंडा थाने में एफआईआर दर्ज किया जाएगा. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी, सदस्य तनुश्री सरकार और कौशल किशोर के समक्ष बच्ची का बयान दर्ज किया गया.