रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी राजभवन के सामने धरना देते दिखे. जब ईटीवी भारत की टीम ने उनसे बातचीत की तब पता चला यह बच्चे शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम में लागू की गई अंग्रेजी की किताब से परेशान हैं. बच्चे पाठ्यक्रम से इस किताब को हटाने की मांग कर रहे हैं.
झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चों को इंग्लिश की बेसिक जानकारी नहीं मिल रही है. इसी वजह है कि सरकारी स्कूल के बच्चे आज राजभवन के सामने पाठ्यक्रम से इंग्लिश विषय के इस किताब को हटाने के लिए धरना दे रहे हैं. इन बच्चों का कहना है कि झारखंड के प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के पास अंग्रेजी भाषा को सीखने के लिए 10 वर्ष का समय होता है फिर भी विद्यार्थी सही तरीके से अंग्रेजी भाषा नहीं सीख पाते हैं.
बच्चों का कहना है कि झारखंड सरकार छात्र-छात्राओं को पहली कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक अंग्रेजी के पाठ्य पुस्तक पढ़ने के दे दी है. अंग्रेजी की किताब स्टोरी और पोयम से भरी होती है, लेकिन उससे पहले बच्चों को अंग्रेजी की बेसिक शिक्षा नहीं दी जाती है. बेसिक शिक्षा दिए बगैर ही छात्र-छात्राओं को भाषा ज्ञान के पाठ्यपुस्तक को पाठ्यक्रम में जोड़ दिया गया है. इसके कारण झारखंड के सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं सही तरीके से अंग्रेजी नहीं सीख पाते हैं.
विद्यार्थियों की मानें तो पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को हिंदी से इंग्लिश सीखने की पुस्तक झारखंड सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए तो बेहतर होगा. नहीं तो शिक्षा व्यवस्था और शिक्षण प्रणाली इस राज्य की कभी नहीं सुधरेगी और सरकारी स्कूलों के बच्चे इंग्लिश बोलना तो दूर की बात इंग्लिश को सही तरीके से समझेंगे भी नहीं.