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शौचालय निर्माण में घोटाला कर सरकार को बदनाम करने की साजिश: आभा सिन्हा

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आभा सिन्हा ने कहा कि सिल्ली प्रखंड के बनता गांव में कागज पर ही अफसरों ने 200 शौचालय बनाकर गांव को ओडीएफ घोषित कराकर सरकार को बदनाम करने की साजिश की है. इसकी जांच होनी चाहिए.

Scam in toilet construction in Silli Ranchi
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आभा सिन्हा
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Published : Dec 20, 2020, 2:07 AM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आभा सिन्हा ने शनिवार को कहा है कि रांची जिला के सिल्ली प्रखंड के बनता गांव में कागज पर ही अफसरों ने 200 शौचालय बनाकर गांव को ओडीएफ घोषित कराकर राशि हजम कर सरकार को बदनाम करने की साजिश की है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: बोर्ड परीक्षा को लेकर JAC ने की समीक्षा बैठक, पदाधिकारियों को दिए कई निर्देश

उन्होंने कहा कि अफसरों ने अपने फायदे के लिए कागज पर शौचालय निर्माण दिखा कर राशि की निकासी कर ली. वहीं, पकड़े जाने के डर से लाभुकों को बिचौलिये की मदद से कुछ पैसे थमा दिया गया. बनता हजाम गांव में कुल 1066 शौचालय का निर्माण होना था. इसमें बेस लाइन सर्वे के तहत 735, लेफ्ट आउट बेस लाइन सर्वे के तहत 239 और एनएलबी के तहत 92 शौचालय बनाने का लक्ष्य था. अफसरों ने जमीन के बजाय कागज पर ही 200 शौचालय बनाकर लक्ष्य को पूर्ण बता दिया.

उन्होंने कहा कि सिल्ली के बनता हजाम गांव में एक ही लाभुक को दो-दो बार शौचालय निर्माण राशि का भुगतान किया गया है. कई ऐसे भी मामले सामने आये हैं, जिसमें एक ही घर के सभी लोगों के नाम पर राशि की निकासी की गयी है. मगर घर में एक भी शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं है. गांव के 30 प्रतिशत शौचालयों का निर्माण आधा-अधूरा ही हुआ है. वैसे शौचालय को भी पूर्ण बता कर राशि की निकासी कर ली गयी है, जो अफसरों की कारगुजारियों का परिचायक है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अविलंब राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में हुए शौचालय निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी अफसरों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कराने की मांग की है ताकि जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आभा सिन्हा ने शनिवार को कहा है कि रांची जिला के सिल्ली प्रखंड के बनता गांव में कागज पर ही अफसरों ने 200 शौचालय बनाकर गांव को ओडीएफ घोषित कराकर राशि हजम कर सरकार को बदनाम करने की साजिश की है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि अफसरों ने अपने फायदे के लिए कागज पर शौचालय निर्माण दिखा कर राशि की निकासी कर ली. वहीं, पकड़े जाने के डर से लाभुकों को बिचौलिये की मदद से कुछ पैसे थमा दिया गया. बनता हजाम गांव में कुल 1066 शौचालय का निर्माण होना था. इसमें बेस लाइन सर्वे के तहत 735, लेफ्ट आउट बेस लाइन सर्वे के तहत 239 और एनएलबी के तहत 92 शौचालय बनाने का लक्ष्य था. अफसरों ने जमीन के बजाय कागज पर ही 200 शौचालय बनाकर लक्ष्य को पूर्ण बता दिया.

उन्होंने कहा कि सिल्ली के बनता हजाम गांव में एक ही लाभुक को दो-दो बार शौचालय निर्माण राशि का भुगतान किया गया है. कई ऐसे भी मामले सामने आये हैं, जिसमें एक ही घर के सभी लोगों के नाम पर राशि की निकासी की गयी है. मगर घर में एक भी शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं है. गांव के 30 प्रतिशत शौचालयों का निर्माण आधा-अधूरा ही हुआ है. वैसे शौचालय को भी पूर्ण बता कर राशि की निकासी कर ली गयी है, जो अफसरों की कारगुजारियों का परिचायक है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अविलंब राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में हुए शौचालय निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी अफसरों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कराने की मांग की है ताकि जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके.

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