रांची: झारखंड प्रदेश में राष्ट्रीय जनता दल का टूटना अब धीरे-धीरे तय माना जा रहा है, क्योंकि झारखंड के नए प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह को हटाने और उन पर पुनर्विचार करने को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व को गौतम सागर राणा के गुट ने 21 जून का डेडलाइन दिया था, जो समाप्त हो गया है.
झारखंड आरजेडी में दो गुट
लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह को हटाने को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व किसी तरह का विचार करते नजर नहीं आई. जिसको लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा का गुट राष्ट्रीय जनता दल पार्टी से अलग होकर एक अपनी अलग पार्टी बनाने या फिर विपक्षी दलों में शामिल होने का संकेत दे दिया है. 23 जून को गौतम सागर राणा का गुट एक नई राजनीति की घोषणा कर सकती है.
पार्टी के अंदर खाने में विरोध
झारखंड राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने कहा कि नए प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह को झारखंड का कमान सौंपा गया था, जिसको लेकर पार्टी के अंदर खाने में विरोध चलने लगा था. क्योंकि अभय सिंह की अध्यक्षता दल के अंदर किसी को स्वीकार्य नहीं है. उसी को लेकर पिछले दिनों आरजेडी के प्रमुख वरिष्ठ नेताओं और 24 जिला के जिला अध्यक्षों के साथ बैठक हुई थी और 21 तारीख का डेट लाइन दिया गया था. ताकि झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पर फिर विचार किया जा सके. झारखंड में आरजेडी को फिर से मजबूती की स्थिति में लाया जा सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
23 जून की महत्वपूर्ण बैठक
झारखंड में आरजेडी का टूटना अब तय माना जा रहा है और जिसका असर बिहार में भी देखने को मिलेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि 23 तारीख को आरजेडी के 24 जिला के जिला अध्यक्षों के साथ बैठक होगी. जिसके बाद एक अलग पार्टी की घोषणा की जाएगी या फिर अन्य विपक्षी दलों के साथ शामिल होने की बात सामने आएगी. यह 23 जून की महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया जाएगा.
गौतम सागर राणा पर लगते रहे आरोप
बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के आरजेडी का दामन छोड़ने के बाद लोकसभा चुनाव को देखते हुए आनन-फानन में गौतम सागर राणा को झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. जिसके बाद आरजेडी झारखंड में दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी और दोनों सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल की करारी हार हुई. हार के बाद से लगातार गौतम सागर राणा पर पार्टी के लोगों ने गंभीर आरोप लगाते रहे और साथी गौतम सागर राणा निर्देशानुसार आरजेडी के प्रतिनिधिमंडल रिम्स डायरेक्टर से मुलाकात कर लालू यादव के बुलेटिन जारी करने को लेकर ज्ञापन सौंपा.
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लगातार नए प्रदेश अध्यक्ष का विरोध
इससे नाराज होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने प्रतिनिधिमंडल को पार्टी से हटाने का निर्देश दिया था. लेकिन गौतम सागर राणा ने ऐसा नहीं किया. जिसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व ने झारखंड प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया और अभय सिंह को झारखंड प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया. उसी के बाद से आरजेडी झारखंड में दो गुटों में बट गई एक गुट गौतम सागर राणा का तो दूसरा अभय सिंह का. तब से लगातार नए प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह का विरोध किया जा रहा है.