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गवर्नमेंट आई बैंक में सफल नेत्र प्रत्यारोपण में रिम्स सर्वश्रेष्ठ, नेशनल पूल में इनरॉलमेंट कराने की प्रक्रिया शुरू - Government Eye Bank

नेत्र प्रत्यारोपण के मामलों में राजधानी का रिम्स सबसे बेहतर अस्पताल बन गया है. पिछले साल रिम्स ने कुल 22 लोगों का सफल नेत्र प्रत्यारोपण का एक रिकार्ड बनाया है. रिम्स में 23 जुलाई 2018 को आई बैंक की शुरुआत की गई.

गवर्नमेंट आई बैंक में सफल नेत्र प्रत्यारोपण में रिम्स सर्वश्रेष्ठ
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Published : Sep 7, 2019, 1:17 PM IST

रांची: राजधानी के रिम्स में 23 जुलाई 2018 को आई बैंक की शुरुआत की गई. प्रत्यारोपण के साथ ही रिम्स में नेत्र प्रत्यारोपण की शुरुआत की गई. पिछले साल रिम्स ने कुल 22 लोगों का सफल नेत्र प्रत्यारोपण का एक रिकार्ड बनाया है. रिम्स के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. वीबी सिन्हा ने कहा कि रिम्स का गवर्मेंट आई बैंक सफल नेत्र प्रत्यारोपण के मामले में राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सर्वश्रेष्ठ है.

जानकारी देते नेत्र चिकित्सक

डॉ. राहुल प्रसाद ने बताया कि रिम्स का यह आंकड़ा राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में किए जाने वाले प्रत्यारोपण से अधिक है. मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने बताया कि देश भर के अस्पतालों से कॉर्नियां का आदान प्रदान करने के लिए एक नेशनल पूल है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूचित किया गया है कि नेशनल पूल में रिम्स के आई बैंक इनरॉलमेंट को कराने की प्रक्रिया चल रही है.

आई बैंक के प्रभारी डॉ आरके गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय आंकड़ों की बात करें, तो नेत्रदाताओं से जो कॉर्निया प्राप्त होते हैं उसमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा एनएफटी (नॉन सुटेबल फॉर ट्रांसप्लांट) यानी प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं. रिम्स को भी बीते एक साल में 25 नेत्रदाताओं से 49 कॉर्निया प्राप्त हुए, जिसमें से 19 कॉर्निया एनएफटी श्रेणी में थे. हालांकि 8 कॉर्निया रिम्स के पीजी छात्रों को नेत्र प्रत्यारोपण के प्रशिक्षण और अन्य शैक्षणिक कार्यों में उपयोग किए गए. इसमें 4 कॉर्निया ऐसे थे, जिसमें दाताओं का ब्लड सैंपल ही नहीं मिल पाया, जिसके कारण उसका प्रत्यारोपण किया जाना संभव नहीं था.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: पाकुड़ की जनता का मेनिफेस्टो

एनएफटी के बारे में डॉ राहुल प्रसाद ने बताया कि कॉर्निया लेने के बाद स्पेकुलर माइक्रोस्कोप और ब्लड सैंपल की जांच के बाद उसकी गुणवत्ता परखी जाती है. इसमें यह देखा जाता है कि वह कॉर्निया थेरापेटिक या ऑप्टिकल कैरेटोप्लास्टी के लिए उपयोगी है या नहीं. जो कॉर्निया उपयोगी नहीं पाए जाते हैं, उसे एनएफटी श्रेणी में रखा जाता है.

रांची: राजधानी के रिम्स में 23 जुलाई 2018 को आई बैंक की शुरुआत की गई. प्रत्यारोपण के साथ ही रिम्स में नेत्र प्रत्यारोपण की शुरुआत की गई. पिछले साल रिम्स ने कुल 22 लोगों का सफल नेत्र प्रत्यारोपण का एक रिकार्ड बनाया है. रिम्स के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. वीबी सिन्हा ने कहा कि रिम्स का गवर्मेंट आई बैंक सफल नेत्र प्रत्यारोपण के मामले में राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सर्वश्रेष्ठ है.

जानकारी देते नेत्र चिकित्सक

डॉ. राहुल प्रसाद ने बताया कि रिम्स का यह आंकड़ा राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में किए जाने वाले प्रत्यारोपण से अधिक है. मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने बताया कि देश भर के अस्पतालों से कॉर्नियां का आदान प्रदान करने के लिए एक नेशनल पूल है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूचित किया गया है कि नेशनल पूल में रिम्स के आई बैंक इनरॉलमेंट को कराने की प्रक्रिया चल रही है.

आई बैंक के प्रभारी डॉ आरके गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय आंकड़ों की बात करें, तो नेत्रदाताओं से जो कॉर्निया प्राप्त होते हैं उसमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा एनएफटी (नॉन सुटेबल फॉर ट्रांसप्लांट) यानी प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं. रिम्स को भी बीते एक साल में 25 नेत्रदाताओं से 49 कॉर्निया प्राप्त हुए, जिसमें से 19 कॉर्निया एनएफटी श्रेणी में थे. हालांकि 8 कॉर्निया रिम्स के पीजी छात्रों को नेत्र प्रत्यारोपण के प्रशिक्षण और अन्य शैक्षणिक कार्यों में उपयोग किए गए. इसमें 4 कॉर्निया ऐसे थे, जिसमें दाताओं का ब्लड सैंपल ही नहीं मिल पाया, जिसके कारण उसका प्रत्यारोपण किया जाना संभव नहीं था.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: पाकुड़ की जनता का मेनिफेस्टो

एनएफटी के बारे में डॉ राहुल प्रसाद ने बताया कि कॉर्निया लेने के बाद स्पेकुलर माइक्रोस्कोप और ब्लड सैंपल की जांच के बाद उसकी गुणवत्ता परखी जाती है. इसमें यह देखा जाता है कि वह कॉर्निया थेरापेटिक या ऑप्टिकल कैरेटोप्लास्टी के लिए उपयोगी है या नहीं. जो कॉर्निया उपयोगी नहीं पाए जाते हैं, उसे एनएफटी श्रेणी में रखा जाता है.

Intro:
रीजनल इंस्टीच्यूट ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी रिम्सके विभागाध्यक्ष डॉ वीबी सिन्हा ने कहा है कि रिम्स का गवर्मेंट आई बैंक सफल नेत्र प्रत्यारोपण के मामले में राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सर्वश्रेष्ठ है।

23 जुलाई 2018 को आई बैंक की शुरुआत की गई थी। प्रत्यारोपण के साथ रिम्स में नेत्र प्रत्यारोपण की शुरुआत की गई। पिछले साल रिम्स में कुल 22 लोगों का सफल नेत्र प्रत्यारोपण का एक रिकार्ड बनाया है।

डॉ राहुल प्रसाद ने बताया कि रिम्स का यह आंकड़ा राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में किए जाने वाले प्रत्यारोपण से अधिक है। शुक्रवार को रिम्स के प्रशासनिक भवन में रीजनल ऑप्थेलमोलॉजी इंस्टीच्यूट द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी गई। Body:मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने बताया कि देश भर के अस्पतालों से कॉर्नियां का आदान प्रदान करने के लिए एक नेशनल पूल है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूचित किया गया है कि नेशनल पूल में रिम्स के आई बैंक इनरॉलमेंट को इनरॉलमेंट कराने की प्रक्रिया चल रही है।

उपयोग के लायक नहीं होते हैं आधा से अधिक कॉर्निया:
आई बैंक के प्रभारी डॉ आरके गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय आंकड़ों की बात करें तो नेत्रदाताओं से जो कॉर्निया प्राप्त होते हैं उसमें से 50 प्रतिशत से अधिक एनएफटी (नान सुटेबल फॉर ट्रांस्प्लांट) यानी प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। रिम्स को भी गत एक वर्ष 25 नेत्रदाताओं से 49 कॉर्निया प्राप्त हुए। जिसमें से 19 कॉर्निया एनएफटी श्रेणी में थे। जबकि आठ कॉर्निया रिम्स के पीजी छात्रों को नेत्र प्रत्यारोपण के प्रशिक्षण व अन्य शैक्षणिक कार्यों में उपयोग किए गए। इसमें चार कॉर्निया ऐसे थे, जिसमें दाताओं का ब्लड सैंपल ही नहीं मिल पाया था। जिसके कारण उसका प्रत्यारोपण किया जान संभव नहीं था। एनएफटी के बारे में डॉ राहुल प्रसाद ने बताया कि कॉर्निया लेने के बाद स्पेकुलर माईक्रोस्कोप व ब्लड सैंपल की जांच के बाद उसकी गुणवत्ता परखी जाती है। जिसमें यह देखा जाता है कि वह कॉर्निया थेरापेटिक या ऑप्टिकल कैरेटोप्लास्टी के लिए उपयोगी है या नहीं। जो कॉर्निया उपयोगी नहीं पाए जाते हैं उसे एनएफटी श्रेणी में रखा जाता है।
Conclusion:रिम्स के नेत्र विभाग में 34 वे राष्ट्र नेत्रदान पखवाड़ा पर ईएनटी विभाग की तरफ से डॉक्टरों द्वारा नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था वही नेत्रदान अभियान से जुड़ने के लिए स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने भी लोगों से अपील की।

बाइट- वीबी सिन्हा,नेत्र विशेषज्ञ।
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