रांचीः झारखंड के खुदरा शराब विक्रेताओं ने सोमवार को झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के बैनर तले राज्य उत्पाद आयुक्त अमित कुमार से मुलाकात की. उन्होंने कोरोना की वजह से हुई आर्थिक क्षति को देखते हुए सरकार से राहत देने की मांग की है.
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झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के प्रदेश सचिव निशांत सिंह ने कहा कि कोरोना काल और लॉकडाउन की वजह से खुदरा शराब विक्रेताओं को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. ऐसे में मार्च 2022 में समाप्त हो रहे लाइसेंस को सरकार एक साल के लिए अवधि विस्तार दे. इसी तरह विक्रय लाभांश जो अभी 12% मिलता है उसे बढ़ाकर 15% करने, हर माह की 25 तारीख तक राजस्व जमा करने की बाध्यता और उसे पूरा नहीं करने पर 5% की पेनाल्टी को कम कर 0.5% करने की मांग की है. इसके साथ ही शराब की नयी बंदोबस्ती के लिए तीन चार छोटे दुकानों का समूह बनाने की मांग भी की गयी है. जिससे कम पूंजी वाले और ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें भाग ले सकें.
सिंहभूम से आए शराब व्यवसायी कामेश्वर गोप ने कहा कि लोग समझते हैं कि शराब में खूब कमाई है. इसलिए नौकरी के बाद इस पेशे में आ गया कि मोटी कमाई करेंगे. लेकिन यहां तो सरकार की नीतियों के चलते शराब व्यवसायी को चाय पर भी आफत है. क्योंकि हमेशा व्यवसायी 25 तारीख को हर हाल में रेवेन्यू जमा की कोशिश में ही लगा रहता है. एक दिन भी देर हुई कि मोटी पेनाल्टी थोप दिया जाता है.
राज्य उत्पाद आयुक्त का आश्वासन
खुदरा शराब विक्रेता संघ की मांग और उनके द्वारा सौपें ज्ञापन के संदर्भ में राज्य उत्पाद आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि सरकार ने पूर्व में राहत दी है. अब इनकी मांगों में राजस्व का मामला है, इसलिए फैसला सरकार को लेना है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कुछ दिनों तक शराब व्यवसाय पर जरूर नकारात्मक असर पड़ा था. लेकिन फिर बाद में ज्यादातर शराब दुकानों की स्थिति ठीक रही है.
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राज्य में 650-675 अनुज्ञाधारी शराब दुकान
खुदरा शराब विक्रेता संघ के सचिव निशांत सिंह ने कहा कि राज्य में 1 हजार 456 वाइन शॉप हैं. जिसमें से 650 से 675 के करीब अनुज्ञाधारी शराब की दुकानें हैं. इसलिए सरकार को चाहिए कि वह इनकी मदद करें. जिससे उनकी आर्थिक क्षति को कम किया जा सके.