रांचीः गणतंत्र दिवस के अवसर पर झारखंड पुलिस मुख्यालय में डीजीपी नीरज सिन्हा ने झंडोत्तोलन किया. इस दौरान डीजीपी ने अपने संबोधन की शुरुआत देश के लिए शहीद होने वाले क्रांतिकारियों को याद करके की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जला अस्थियां बारी-बारी, चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर लिए बिना गर्दन का मोल, कलम आज उनकी जय बोल. 73 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सबसे पहले हम उन शहीदों का नमन करते हैं. जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए कर्त्तव्य की बलिवेदी पर अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया.
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भारत का संविधान सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान हैः गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुए समारोह में झारखंड पुलिस मुख्यालय के सभी वरीय पुलिस अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान डीजीपी ने कहा कि जैसा कि सभी को ज्ञात है कि 15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने के उपरांत हमारे देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिये एक मजबूत संविधान की आवश्यकता हुई. भारत के संविधान को तैयार करने में दो साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा हस्तलिखित संविधान है. इस संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की ओर से अपनाया गया और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. जिसके साथ ही भारतीय गणतंत्र की स्थापना हुई.
झारखंड पुलिस एक बेहतरीन फोर्सः डीजीपी के अनुसार झारखंड पुलिस आज राज्य के आम लोगों की सुरक्षा एवं समाज में सम्मान के साथ जीने की परिस्थितियां पैदा करने के साथ-साथ राज्य को विकास की ओर अग्रसर करने के लिये अनुकूल वातावरण बनाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिये कटिबद्ध है. हमेशा से राज्य में असामाजिक तत्वों द्वारा एक अच्छे माहौल और परिवेश को बिगाड़ कर सामाजिक विद्वेष और अशांति का माहौल बनाने का प्रयास किया जाता रहा है. ऐसे समय में हमारा नैतिक कर्तव्य है कि राज्य में शान्ति व्यवस्था स्थापित रखने के लिए हम सदैव सजग, सतर्क एवं कृतसंकल्पित रहें.
डीजीपी ने कहा कि वर्ष 2020 से ही पूरा विश्व कोविड- 19 की वैश्विक महामारी से जूझ रहा है. राज्य में इस वैश्विक महामारी से स्वयं को सुरक्षित रखते हुये आम जनता को काफी हद तक सुरक्षित रखने में हम सभी पुलिसकर्मियों का योगदान अतुलनीय रहा है. संपूर्ण राज्य में आम जनता की सुरक्षा के लिये हमारे पदाधिकारियों एवं जवानों ने अपने जान की बाजी लगाकर जिस तरह कार्य किया है, उसकी सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है. इस कोरोना की विभीषिका के दौरान राज्य सरकार के निर्देशन में जिस प्रकार राज्य की जरूरतमंद आम जनता की सहायता पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने की, इसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है. इस राज्य में हमारी प्राथमिकता अपराधियों के विरूद्ध निरंतर कार्रवाई से आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाना ही नहीं , बल्कि नक्सली गतिविधियों को जड़ से उखाड़ फेंकना भी एक अहम लक्ष्य है. विगत कुछ दिनों में नक्सली संगठनों द्वारा अपनी पहचान बनाये रखने के इरादे से आतंक फैलाने का प्रयास किया गया, परंतु आपकी सक्रियता से वो अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो सके. जैसा कि हम जानते हैं, विगत दिनों में नक्सलियों के विरूद्ध झारखंड पुलिस ने लगातार सफलताएं प्राप्त की हैं. कई दुर्दांत नक्सली न सिर्फ गिरफ्तार किये गये हैं बल्कि विभिन्न पुलिस मुठभेड़ों में कई दुर्दान्त नक्सली मारे गये हैं. राज्य में नक्सलियों के विरूद्ध तंचालित कारगर अभियान सफल मुठभेड़ एवं उग्रवादियों के आत्मसमर्पण के फलस्वरूप आज हम यह कह सकते हैं कि नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र अब नगन्य हो चले हैं. हम राज्य के दूर - दराज ईलाकों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस के प्रति आम जनता के विश्वास में बढ़ोत्तरी के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं ताकि झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलियों का जनाधार अपनी अंतिम सांस लेने पर मजबूर हो जाये.
नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलताएं मिलीः डीजीपी ने बताया कि राज्य गठन के पश्चात् विरासत में मिले नक्सलवाद एवं सीमित संसाधनों के बावजूद झारखंड पुलिस द्वारा नक्सलियों के विरूद्ध कारगर अभियान चलाये गये. जिसके फलस्वरूप झारखंड गठन से अबतक कुल 9631 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें पोलित ब्यूरो सदस्य 03, सेंट्रल कमेटी सदस्य -03 , सैक सदस्य- 27 , रिजनल सदस्य - 11 , जोनल कमांडर -90 , सबजोनल कमांडर -263 एवं एरिया कमांडर 420 की गिरफ्तारी की गयी है.
भारी मात्रा में हथियार भी हुए हैं बरामदः इसके अलावे पुलिस द्वारा झारखंड गठन से अबतक पुलिस हथियार 524, रेगुलर हथियार 693 सहित कुल देसी हथियार 4342 , कारतूस- 187917, आईई डी 7212 एवं डेटोनेटर 164143 बरामद किये गये. इसके अतिरिक्त कुल 1020.73 लाख रूपये की लेवी राशि भी बरामद की गयी है. नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु बनाये गये आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का भी सकारात्मक फलाफल रहा है. जिसके तहत 229 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किए हैं. इसके अतिरिक्त पुलिस मुठभेड़ एवं ग्रामीणों के द्वारा कुल 931 नक्सली मारे गये हैं.
2021-22 में भी मिली बड़ी सफलता हैः हाल में झारखंड पुलिस द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध चलाये गये कारगर अभियानों के फलस्वरूप कुल 909 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें ( 01 ) एक पोलित ब्यूरो सदस्य ( 01 ) एक सेंट्रल कमेटी सदस्य ( 01 ) एक सैक सदस्य ( 02 ) दो रिजनल कमेटी सदस्य, ( 10 ) दस जोनल कमांडर ( 31 ) एकतीस सबजोनल कमांडर एवं (42) बयालीस एरिया कमांडर की गिरफ्तारी की गयी है. इसके अलावे 74 पुलिस हथियार , 23 रेगुलर हथियार सहित कुल 349 देसी हथियार, 14885 कारतूस, 629 आईईडी एवं 3878 डेटोनेटर बरामद किये गये हैं. इसके अतिरिक्त कुल 43.83 लाख रूपये की लेवी राशि भी बरामद की गयी.
राज्य के सभी साइबर आपराधिक गतिविधियों से ग्रसित क्षेत्रों में जोरदार तरीके से कार्रवाई की जा रही है. राज्य के साइबर अपराध गतिविधियों से ग्रसित क्षेत्रों में जोरदार तरीके से कार्रवाई की जा रही है. इन कार्रवाईयों के अतिरिक्त झारखंड पुलिस के द्वारा कुल 41 वीडियों का निर्माण कर सोशल मीडिया पर यू - ट्यूब में साइबर सुरक्षा के नाम से चैनल चलाकर युद्ध स्तर पर लोगों को साइबर ठगी से बचाव करने हेतु जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है.