रांची: चारा घोटाला वो मामला है, जिससे बिहार और झारखंड की राजनीति खूब प्रभावित हुई. साल 1995-96 में पहली बार चारा घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. जिसके बाद ये बातें सामने आई कि सरकार ने जानवरों के लिए चारा, दवा और पशुपालन से जुड़े उपकरणों को लेकर बहुत बड़े घोटाले को अंजाम दिया है.
सबसे बड़ी बात कि इसमें नौकरशाह, नेता और व्यापारी भी शामिल थे. चारा घोटाले में लगभग 900 करोड़ रुपए के सरकारी राजस्व का घोटाला का मामला सामने आया. इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया, लेकिन जैसे-जैसे जांच हुई इसकी परत खुलते गई और लालू प्रसाद यादव, जगन्नाथ मिश्र जैसे कई सफेदपोश नेता इसमें शामिल नजर आए.
चारा घोटाला के देवघर कोषागार, दुमका कोषागार और चाईबासा कोषागार के दो मामले सहित चारा घोटाला के कुल 4 मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अब एक और मामले में फैसले की ओर बढ़ रहे हैं. देश के बहुचर्चित चारा घोटाला का यह मामला रांची के डोरंडा कोषागार से जुड़ा है. इस मामले में कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई.
चारा घोटाला के पांच मामले
पहला मामला चाईबासा कोषागार आरसी 20A/96 से अवैध निकासी से है, जिसमें लगभग 37.7 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का आरोप है. मामले में लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा हुई.
- दूसरा मामला देवघर कोषागार आरसी 64A/96 से अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है, जिसमें लगभग 84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी गई है, जिसमें लालू प्रसाद यादव को साढे़ 3 साल की सजा हुई.
- तीसरा मामला चाईबासा कोषागार 68A/96 से अवैध निकासी का मामला है, जिसमें लगभग 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई, जिसमें लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई गई.
- चौथा मामला दुमका कोषागार आरसी 38A/96 से अवैध निकासी मामला है, जिसमें 313 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई, जिसमें लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग धाराओं में 7- 7 साल की सजा सुनाई गई.
- पांचवां मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा हुआ है, जिसमें अभी फैसला आना बांकी है. इसमें लगभग 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का आरोप है.
डोरंडा कोषागार आरसी 47A/96 से अवैध निकासी मामले में सीबीआई के विशेष न्यायालय में डे टू डे सुनवाई चल रही है. इस मामले में अभियुक्तों का 313 का बयान दर्ज किया जा रहा है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में मामले में जुड़े सभी अभियुक्तों का 313 का बयान दर्ज किया जा रहा है. इसी मामले में अदालत में लालू प्रसाद यादव का 313 का बयान गुरुवार को दर्ज होना है, जिसको लेकर जेल प्रशासन कड़ी सुरक्षा के बीच लालू प्रसाद यादव को कोर्ट की दहलीज पर हाजिर करेगी.
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हालांकि, लालू प्रसाद यादव को देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. इसके बावजूद दुमका, चाईबासा के दो मामले में सजायाफ्ता हैं. वहीं, डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में फैसला आना बांकी है.