रांची: झारखंड में पंचायत चुनाव का पहला चरण खत्म हो चुका है. अब दूसरे चरण का मतदान 19 मई को होना है. लेकिन प्रशासन की लापरवाही की खबरें अब भी आ रही है. ताजा मामला रांची का है, जहां पूर्णरूप से दृष्टिबाधित शिक्षकों को भी मतदान कार्य में शामिल होने के लिए रिमांइडर भेजा जा रहा है. प्रशासन के द्वारा बार बार नोटिस मिलने से ये शिक्षक परेशान हैं.
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शत प्रतिशत दिव्यांग हैं ये शिक्षक: राजधानी रांची के रहने वाले दृष्टिबाधित शिक्षकों को चुनाव कार्य के लिए बार-बार प्रशासन की ओर से रिमाइंडर भेजा जा रहा है. जबकि शिक्षक शत-प्रतिशत दिव्यांग की श्रेणी में हैं. शिक्षकों के अनुसार स्कूल, कॉलेज से जिला प्रशासन को इनके दृष्टि बाधित होने का प्रमाण दिया गया है. इसके बावजूद जब चुनाव सामग्री का वितरण हो रहा है, तब उन्हें भी सामग्री लेने के लिए बुलाया जा रहा है. दृष्टि बाधित होने के तमाम प्रमाण पत्र प्रशासन को देने के बाद भी दूसरे फेज के चुनाव के लिए इन्हें ड्यूटी पर तैनात करने को लेकर रिमाइंडर दिया जा रहा है. प्रशासन की इस लापरवाही से दृष्टिबाधित शिक्षक अचरज में हैं.
क्या कह रहे हैं शिक्षक: एसएस मेमोरियल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर मोहित कुमार लाल शत प्रतिशत दृष्टिबाधित दिव्यांग हैं. लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने चुनाव ड्यूटी के लिए इन्हें रिमाइंडर थमा दिया है. इनको दूसरे फेज के मतदान के लिए चुनाव ड्यूटी में तैनात किया गया है. दूसरी और राजकीयकृत प्राथमिक स्कूल पहाड़ी टोला में कार्यरत ज्ञान कुमार को भी चुनाव पदाधिकारी लगातार रिमाइंडर भेज रहे हैं. यह शिक्षक भी शत-प्रतिशत दृष्टिबाधित ही है. अब सवाल यह उठता है कि क्या ये शिक्षक चुनाव कार्य करा करा सकते हैं. इस मामले को लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों से भी हमारी टीम ने संपर्क साधने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.