रांची: दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के पद पर अरविंद विजय बिलुंग ने योगदान दिया है. नई शिक्षा नीति को किस रूप में बिलुंग देखते हैं और वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को लेकर बिलुंग की क्या राय है. कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर किस तरीके से वह सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की समस्याओं का निदान करेंगे. ऐसे ही कई सवालों को लेकर हमारी टीम ने उनसे बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि सबकी भागीदारी से समस्याओं को निपटाया जाएगा.
34 साल बाद मिली नई शिक्षा नीति
34 साल बाद भारत को अपनी नई शिक्षा नीति मिली है और इसके लागू होने से पहले कई चरण के विचार-विमर्श का दौर भी चलेगा. इस शिक्षा नीति में एक लचीलापन है. विशेष रूप से विद्यार्थियों को हर संभव मदद पहुंचाने की बात इस नीति में कही गई है. चाहे आर्ट्स, कॉमर्स, साइंस की पढ़ाई को लेकर ही हो या फिर ड्रॉपआउट की समस्या का निदान करना ही हो. इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए कई ऑप्शन दिए गए हैं. सिक्स क्लास के बाद बच्चों के लिए व्यावसायिक अध्ययन की बात कही गई है. जो फिलहाल लोग नाइंथ क्लास में सोचते हैं. वह बच्चे अब सिक्स क्लास में ही सोचने लगेंगे. फाइव क्लास तक बच्चे अपने प्रारंभिक शिक्षा अध्ययन करेंगे और क्लास सिक्स से वह प्रोफेशनल विषयों को लेकर पढ़ाई करेंगे.
शिक्षा नीति में है लचीलापन
बिलुंग का कहना है कि स्थानीय भाषा पर भी इस शिक्षा नीति को लेकर फोकस किया गया है. कुल मिलाकर कहें तो विभिन्न राज्यों के परिवेश में विभिन्न राज्य सरकारों के शिक्षा विभाग समीक्षा कर ही इस नीति को अपने-अपने प्रदेश में लागू करेंगे. आने वाले समय में शिक्षा नीति की समीक्षा और अध्ययन जरूरी है. वहीं दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के पठन-पाठन को लेकर भी उन्होंने समीक्षा शुरू कर दी है. शिक्षा पदाधिकारी अरविंद विजय बिलुंग का कहना है कि कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर परिस्थितियां अलग हैं. तमाम सरकारी स्कूलों की गतिविधियों की जानकारी वह हासिल कर रहे हैं. ऑनलाइन पठन-पाठन की क्या स्थिति है प्राचार्य और प्रधान अध्यापकों को जल्द ही वेबिनार के माध्यम से जोड़ा जाएगा और उनसे विचार-विमर्श कर कोविड-19 को लेकर क्या-क्या प्रभाव इस प्रमंडल के स्कूल और शिक्षा व्यवस्था पर पड़ा है. इस पर एक समीक्षा की जाएगी. वहीं अब तक कितने प्रतिशत बच्चों तक ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल पहुंचा है. इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. जहां भी समस्या होगी उस समस्या को दूर करने की कोशिश की जाएगी.
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नए शिक्षा पदाधिकारी से जिले के शिक्षा जगत से जुड़े पदाधिकारियों को कई उम्मीदें हैं. शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी पहले भी बिलुंग की कार्यप्रणाली से संतुष्ट रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर अरविंद विजय बिलुंग के ऊपर जिम्मेदारियां बढ़ी हैं.