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REALITY CHECK: सरकार की अपील से नहीं पड़ता फर्क, रिम्स परिसर में धड़ल्ले से लग रहे ठेले-खोमचे

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Published : Jul 24, 2020, 8:52 AM IST

रांची में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद लोग इस संकट में लापरवाही बरत रहे हैं. रिम्स परिसर के कई ऐसे जगहों पर लोग कोविड-19 के नियामावली की धज्जियां उड़ाते हुए ठेले खोमचे लगाकर अपना व्यापार चला रहे हैं.

Reality check from RIMS campus regarding Corona
ठेले-खोमचे

रांची: राजधानी सहित पूरे राज्य में कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या परेशानी का कारण बनता जा रहा है. स्वास्थ विभाग अपनी तरफ से कोरोना के इस संकट से लड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. इसके साथ ही राज्यवासियों से भी अपील की जा रही है कि कोरोना की इस लड़ाई में एहतियात और सुरक्षा को अपनाकर सरकार का साथ दें. लेकिन राज्य सरकार की लाख अपील के बावजूद लापरवाही का आलम बदस्तूर जारी है.

देखें पूरी खबर

रिम्स परिसर का रियलिटी चेक

एहतियात और सुरक्षा को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी के सबसे सेंसेटिव जगह रिम्स परिसर का जब रियलिटी चेक किया तो देखा गया कि कोरोना के इस संकट में भी लोग लापरवाही को नहीं छोड़ रहे हैं. रिम्स परिसर में कई ऐसे जगह जहां पर लोग कोविड-19 की नियामावली की धज्जियां उड़ाते हुए ठेले खोमचे लगाकर अपना व्यापार करने को मजबूर हैं.

रिम्स परिसर में ठेले खोमचे लगाकर व्यापार कर रहे लोगों को जब ईटीवी भारत की टीम ने सुरक्षा और एहतियात का हवाला दिया तो उन्होंने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि अगर हम कोरोना के डर से व्यापार करना बंद कर देंगे तो हम लोग भुखमरी की कगार पर आने को मजबूर हो जाएंगे. लोगों ने कहा कि जान हथेली पर रखकर कोरोना के संकट में भी लोग रिम्स में व्यापार करने को मजबूर हैं.

ये भी देखें- झामुमो का आरोप: फर्जी है गोड्डा सांसद की डिग्री, सांसद ने कहा- फर्जी आरटीआई का हवाला दे रहा है जेएमएम

वहीं, ठेले खोमचे लगाने वाले लोगों ने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि अगर सरकार हमारे विषय में सोचती और हम लोगों को फिलहाल खाना-पीना और जीवन यापन की सुविधा मुहैया कराती तो हम लोग इस संकट की घड़ी में इस तरह का खतरा मोल नहीं लेते.

रिम्स प्रबंधन की तरफ से कोई मदद नहीं

वहीं, अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज के परिजनों ने कहा कि रिम्स प्रबंधन की तरफ से भी कोई मदद नहीं की जा रही है. इसलिए मरीज और परिजनों के लिए परिसर में लगा ठेला खोमचा ही एकमात्र साधन है.

रोज कमाने-खाने वाले लोग परेशान

कोविड वार्ड के बाहर ऑटो चालक भी ऑटो लेकर यात्रियों की आवाजाही कर रहे हैं. किसी भी तरह की सुरक्षा और एहतियात का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. ऐसे में राज्य सरकार को भी लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि रोज कमाने खाने वाले लोगों को रोटी मिल सके.

सरकार से दो वक्त के लिए रोटी की गुहार

रिम्स के बाहर ठेल-खोमचे लगाने वाले लोगों का कहना है सरकार हमें दो वक्त की रोटी और जीवन यापन के लिए सुविधा मुहैया करा देती है, तो हम लोग इस तरह रिस्क लेकर बिल्कुल काम नहीं करेंगे.

रांची: राजधानी सहित पूरे राज्य में कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या परेशानी का कारण बनता जा रहा है. स्वास्थ विभाग अपनी तरफ से कोरोना के इस संकट से लड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. इसके साथ ही राज्यवासियों से भी अपील की जा रही है कि कोरोना की इस लड़ाई में एहतियात और सुरक्षा को अपनाकर सरकार का साथ दें. लेकिन राज्य सरकार की लाख अपील के बावजूद लापरवाही का आलम बदस्तूर जारी है.

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रिम्स परिसर का रियलिटी चेक

एहतियात और सुरक्षा को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी के सबसे सेंसेटिव जगह रिम्स परिसर का जब रियलिटी चेक किया तो देखा गया कि कोरोना के इस संकट में भी लोग लापरवाही को नहीं छोड़ रहे हैं. रिम्स परिसर में कई ऐसे जगह जहां पर लोग कोविड-19 की नियामावली की धज्जियां उड़ाते हुए ठेले खोमचे लगाकर अपना व्यापार करने को मजबूर हैं.

रिम्स परिसर में ठेले खोमचे लगाकर व्यापार कर रहे लोगों को जब ईटीवी भारत की टीम ने सुरक्षा और एहतियात का हवाला दिया तो उन्होंने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि अगर हम कोरोना के डर से व्यापार करना बंद कर देंगे तो हम लोग भुखमरी की कगार पर आने को मजबूर हो जाएंगे. लोगों ने कहा कि जान हथेली पर रखकर कोरोना के संकट में भी लोग रिम्स में व्यापार करने को मजबूर हैं.

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वहीं, ठेले खोमचे लगाने वाले लोगों ने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि अगर सरकार हमारे विषय में सोचती और हम लोगों को फिलहाल खाना-पीना और जीवन यापन की सुविधा मुहैया कराती तो हम लोग इस संकट की घड़ी में इस तरह का खतरा मोल नहीं लेते.

रिम्स प्रबंधन की तरफ से कोई मदद नहीं

वहीं, अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज के परिजनों ने कहा कि रिम्स प्रबंधन की तरफ से भी कोई मदद नहीं की जा रही है. इसलिए मरीज और परिजनों के लिए परिसर में लगा ठेला खोमचा ही एकमात्र साधन है.

रोज कमाने-खाने वाले लोग परेशान

कोविड वार्ड के बाहर ऑटो चालक भी ऑटो लेकर यात्रियों की आवाजाही कर रहे हैं. किसी भी तरह की सुरक्षा और एहतियात का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. ऐसे में राज्य सरकार को भी लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि रोज कमाने खाने वाले लोगों को रोटी मिल सके.

सरकार से दो वक्त के लिए रोटी की गुहार

रिम्स के बाहर ठेल-खोमचे लगाने वाले लोगों का कहना है सरकार हमें दो वक्त की रोटी और जीवन यापन के लिए सुविधा मुहैया करा देती है, तो हम लोग इस तरह रिस्क लेकर बिल्कुल काम नहीं करेंगे.

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