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खास थीम पर बनाया जा रहा रांची स्टेशन पूजा पंडाल, दिखाया जाएगा परमाणु विस्फोट के बाद बना मशरूम क्लाउड

रांची में दुर्गा पूजा की तैयारी जोर शोर से की जा रही है. पूरे शहर में एक से बढ़कर एक भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं. रांची स्टेशन के श्री दुर्गा पूजा समिति ने भी इस बार कुछ अलग करने की कोशिश की है (Ranchi station durga puja pandal). इस बार इन्होंने प्रकृति संरक्षण से जुड़े थीम पर पंडाल तैयार किया है (Pandal Built On Theme Of Nature Conservation).

puja pandal built on theme of nature conservation
puja pandal built on theme of nature conservation
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Published : Sep 21, 2022, 5:36 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 10:34 PM IST

रांची: राजधानी रांची में दुर्गोत्सव की तैयारी जोरों पर है. 26 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्र को लेकर पूजा पंडालों को खास तौर पर तैयार किया जा रहा है. वैसे तो रांची में 100 से ज्यादा पूजा पंडाल बन रहे हैं. मगर स्टेशन रोड स्थित पूजा पंडाल (Ranchi station durga puja pandal) लोगों का आकर्षण का केंद्र इस बार बनने वाला है. हर वर्ष की तरह इस बार भी रांची स्टेशन का श्री दुर्गा पूजा समिति दुर्गोत्सव की तैयारी में जुटा हुआ है.

ये भी पढ़ें: दो साल बाद पूजा की भव्य तैयारी, सुरक्षा को लेकर पुलिस ने भी कसी कमर

पूजा पंडाल को बनाने में करीब 30 कारीगर पिछले डेढ़ महीने से लगे हुए हैं. कमेटी के अध्यक्ष मुनचुन राय के अनुसार इस बार पूजा पंडाल में प्रकृति संरक्षण से जुड़ा हुआ थीम दिया गया है(Pandal Built On Theme Of Nature Conservation). उन्होंने कहा कि आज वैज्ञानिक युग में लोग रोबोट और मानव क्लोन बना रहे हैं, वही एक छोटे से वायरस कोरोना ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है. लोग अपनी सुविधा के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसी चिंता को व्यक्त करते हुए इस बार पूजा पंडाल को इंद्रधनुष के साथ मां के दरबार को परमाणु विस्फोट से होने वाले क्षति और पर्यावरण प्रदूषण को जोड़कर बनाया गया है. परमाणु बम के विस्फोट के बाद बना मशरूम क्लाउड विनाश का प्रतीक है. प्रकृति ने हमें पौष्टिक आहार दिए हैं लेकिन हमने खुद विनाश के कई साधन बना लिए हैं. यहां का पूजा पंडाल मशरूम क्लाउड के आकार का है. जिससे मां दुर्गा प्रकट होती दिखाई देंगी. पंडाल के मुख्य परिसर में लोहा की 500 गोलाकार आकृतियां होगी जहां दीए जलाए जाएंगे.

देखें वीडियो



प्रवेश द्वार पर विराजमान होंगे भगवान शिव: इस पूजा पंडाल को श्रद्धालुओं के लिए पंचमी से खोल दी जाएगी. पूजा पंडाल को तैयार करने में जुटे कोलकाता से आए कारीगरों का मानना है कि यह पूजा पंडाल भव्य और सुंदर होगा. प्रवेश द्वार पर भगवान शिव की मुखाकृति होगी जिसके नीचे से श्रद्धालु प्रवेश करेंगे. इसके बाद माता पार्वती के दर्शन होंगे. पूरे पंडाल का निर्माण वेस्ट लकड़ी से किया जा रहा है, जिसे आमतौर पर लोग जलावन या अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं. पंडाल के चारों ओर 10 फीट का घेरा होगा जहां सैकड़ों छोटे छोटे पेड़ दिखेंगे. इस पूजा पंडाल पर लगभग 40 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं.

इस पूजा पंडाल की यह है खासियत

  • इंद्रधनुष का निर्माण मिजोरम से 8000 मूली बांस मंगा कर किया गया है.
  • पूजा पंडाल में मां दुर्गा का दर्शन 1 मिनट में 2000 श्रद्धालु कर सकेंगे.
  • 25 फीट ऊंचा और 50 फीट चौड़ा इंद्रधनुष प्रकृति के रंगों को बिखेरेगा.
  • पूजा पंडाल में मूर्ति का आकार करीब 18 फीट का है.
  • लाइटिंग का खास प्रबंध की गई है जो श्रद्धालुओं का आकर्षण का केन्द्र होगा.
  • कोलकाता का करीब 30 कारीगर सजा रहे हैं मां का दरबार.

रांची: राजधानी रांची में दुर्गोत्सव की तैयारी जोरों पर है. 26 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्र को लेकर पूजा पंडालों को खास तौर पर तैयार किया जा रहा है. वैसे तो रांची में 100 से ज्यादा पूजा पंडाल बन रहे हैं. मगर स्टेशन रोड स्थित पूजा पंडाल (Ranchi station durga puja pandal) लोगों का आकर्षण का केंद्र इस बार बनने वाला है. हर वर्ष की तरह इस बार भी रांची स्टेशन का श्री दुर्गा पूजा समिति दुर्गोत्सव की तैयारी में जुटा हुआ है.

ये भी पढ़ें: दो साल बाद पूजा की भव्य तैयारी, सुरक्षा को लेकर पुलिस ने भी कसी कमर

पूजा पंडाल को बनाने में करीब 30 कारीगर पिछले डेढ़ महीने से लगे हुए हैं. कमेटी के अध्यक्ष मुनचुन राय के अनुसार इस बार पूजा पंडाल में प्रकृति संरक्षण से जुड़ा हुआ थीम दिया गया है(Pandal Built On Theme Of Nature Conservation). उन्होंने कहा कि आज वैज्ञानिक युग में लोग रोबोट और मानव क्लोन बना रहे हैं, वही एक छोटे से वायरस कोरोना ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है. लोग अपनी सुविधा के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसी चिंता को व्यक्त करते हुए इस बार पूजा पंडाल को इंद्रधनुष के साथ मां के दरबार को परमाणु विस्फोट से होने वाले क्षति और पर्यावरण प्रदूषण को जोड़कर बनाया गया है. परमाणु बम के विस्फोट के बाद बना मशरूम क्लाउड विनाश का प्रतीक है. प्रकृति ने हमें पौष्टिक आहार दिए हैं लेकिन हमने खुद विनाश के कई साधन बना लिए हैं. यहां का पूजा पंडाल मशरूम क्लाउड के आकार का है. जिससे मां दुर्गा प्रकट होती दिखाई देंगी. पंडाल के मुख्य परिसर में लोहा की 500 गोलाकार आकृतियां होगी जहां दीए जलाए जाएंगे.

देखें वीडियो



प्रवेश द्वार पर विराजमान होंगे भगवान शिव: इस पूजा पंडाल को श्रद्धालुओं के लिए पंचमी से खोल दी जाएगी. पूजा पंडाल को तैयार करने में जुटे कोलकाता से आए कारीगरों का मानना है कि यह पूजा पंडाल भव्य और सुंदर होगा. प्रवेश द्वार पर भगवान शिव की मुखाकृति होगी जिसके नीचे से श्रद्धालु प्रवेश करेंगे. इसके बाद माता पार्वती के दर्शन होंगे. पूरे पंडाल का निर्माण वेस्ट लकड़ी से किया जा रहा है, जिसे आमतौर पर लोग जलावन या अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं. पंडाल के चारों ओर 10 फीट का घेरा होगा जहां सैकड़ों छोटे छोटे पेड़ दिखेंगे. इस पूजा पंडाल पर लगभग 40 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं.

इस पूजा पंडाल की यह है खासियत

  • इंद्रधनुष का निर्माण मिजोरम से 8000 मूली बांस मंगा कर किया गया है.
  • पूजा पंडाल में मां दुर्गा का दर्शन 1 मिनट में 2000 श्रद्धालु कर सकेंगे.
  • 25 फीट ऊंचा और 50 फीट चौड़ा इंद्रधनुष प्रकृति के रंगों को बिखेरेगा.
  • पूजा पंडाल में मूर्ति का आकार करीब 18 फीट का है.
  • लाइटिंग का खास प्रबंध की गई है जो श्रद्धालुओं का आकर्षण का केन्द्र होगा.
  • कोलकाता का करीब 30 कारीगर सजा रहे हैं मां का दरबार.
Last Updated : Sep 21, 2022, 10:34 PM IST
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