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48 घंटे की रिमांड पर गैंगस्टर अमन साव, AK-47 बरामदगी की कोशिश में पुलिस

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Published : Jul 30, 2020, 10:49 PM IST

रांची के धुर्वा से पकड़े गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस ने 48 घंटे की रिमांड पर लिया है. बता दें कि पुलिस उसके दो एके- 47 की बरामदगी की कोशिश में है. अमन गैंग के शूटरों और अमन से पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं, जिसका सत्यापन किया जा रहा है.

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गैंगस्टर अमन साव (फाइल फोटो)

रांची: राजधानी रांची के धुर्वा से पकड़े गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस ने 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया है. अमन से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है. इसके अलावा अमन गैंग के चार अन्य शूटरों को भी 24 घंटे की रिमांड पर लिया गया था, जिन्हें वापस जेल भेज दिया गया है.

देखें पूरी खबर
कई नई बातें आई सामने अमन गैंग के शूटरों और अमन से पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं, जिसका सत्यापन किया जा रहा है. इस बीच अमन का सामना उसके राइट हैंड अभिजीत कुमार सिंह उर्फ सेंटी सिंह से कराया गया. इस दौरान सेंटी ने अमन के बारे में बताया कि वही उसका बॉस है. अमन के इशारे पर ही रांची, हजारीबाग, लातेहार, धनबाद सहित अलग-अलग जिलों में गैंग तैयार कर रहा था. जमीन के धंधे और कोयला के धंधों पर रंगदारी वसूली के लिए लोगों को टारगेट करता था और उनके नाम और फोन नंबरों की सूची अमन को उपलब्ध कराता था. फिलहाल, पुलिस अमन को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. उससे पूछताछ करने रामगढ़, हजारीबाग, लातेहार सहित अन्य जिलों की पुलिस रांची आएगी और उससे पूछताछ करेगी. इसके अलावा रांची पुलिस अमन साव से दो एके-47 हथियार बरामदगी की कोशिश में भी जुटी है. बता दें बीते 18 जुलाई को अमन साव को गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को जेल भेजने के साथ ही उसे रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पुलिस की ओर से अर्जी दी गई थी.

ये भी पढ़ें- झारखंड में 31 अगस्त तक लॉकडाउन, पुरानी रियायतें रहेंगी जारी

जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप के पास छोड़ आया है एके-47
गिरफ्तारी के बाद जेल जाने से पहले की पूछताछ में अमन साव ने बताया है कि वह दो एके-47 हथियार रखता था. जिसे पकड़े जाने से ठीक पहले पीएलएफआई के जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप के पास छोड़ आया है. चुटिया में 12 जुलाई को जब अमन साव के पांच शूटर पकड़े गए, तभी अमन खूंटी के तपकरा में ठिकाने लिए पीएलएफआई के जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप के पास पहुंच गया और अपना दोनों एके-47 हथियार छोड़ आया.

7 जिलों का मोस्टवांटेड है अमन
बता दें कि झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द और सात जिलों का मोस्टवांटेड गैंगस्टर अमन साव को रांची पुलिस ने अमन साव और शूटर जयशंकर दूबे उर्फ राहुल दूबे को धुर्वा से दबोचा था. पकड़े जाने के बाद अमन ने सुजीत सिन्हा के बारे में कई जानकारियां दी है. जिस पर रांची पुलिस सहित राज्य की अलग-अलग जिलों की पुलिस काम कर रही है. अमन के साथ पकड़ा गया दूसरा अपराधी कोविड-19 पॉजिटिव निकला था. इसके बाद उसे रिम्स में कैदियों के लिए बने आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.

ये भी पढ़ें- 2 अगस्त को 6 वार्ड में लगेगा कोरोना जांच शिविर, कोई भी व्यक्ति करा सकता है टेस्ट


राज्यभर में दर्ज हैं 49 मामले
अमन साव पर रांची में रंगदारी और अपराध की योजना बनाने से संबंधित चार मामले दर्ज हैं, जबकि राज्यभर के अलग-अलग थानों में 49 मामले दर्ज हैं. अमन साव को धनबाद, रांची, रामगढ़, पलामू, हजारीबाग, चतरा और लातेहार जिले की पुलिस के लिए चुनौती बन गया था. हजारीबाग के उरीमारी, बड़कागांव, डाड़ीकला, गिद्दी, केरेडारी थाना क्षेत्र, चतरा जिले के पिपरवार थाना क्षेत्र, लातेहार जिला के चंदवा थाना क्षेत्र में कार्यरत कोयला कंपनियों, ट्रांसपोर्टरों और उद्यमियों से लेवी की मांग करता था. लेवी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी के साथ-साथ वाहनों को जलाने की धमकी देता था.

नहीं पकड़ा जाए इस लिए जैमर का करता था इस्तेमाल
कुख्यात अपराधी अमन साव आईटीआई तकनीक की पूरी जानकारी रखता है. पकड़ा न जाए इस लिए वह हॉटस्पॉट डिवाइस और जैमर रखता था. छोटे जैमर की पहुंच 100 मीटर तक मोबाइल टावरों से मिले सिग्नल पकड़कर ही मोबाइल काम करता है. मगर, जैमर टावरों से मिलने वाले सिग्नल को मोबाइल तक पहुंचने ही नहीं देता है. ऐसे में सिग्नल (नेटवर्क) न मिलने के कारण मोबाइल पर कॉल संभव नहीं होता है. बाजार में छह से लेकर 25 हजार रुपए तक के छोटे मोबाइल जैमर मौजूद हैं, जिनकी रेंज दस से लगभग 100 मीटर तक की होती है. ये आकार में बहुत छोटे होते हैं, जिन्हें आसानी से अपने साथ ले जाया जा सकता है. इनका वजन भी एक किलोग्राम से कम ही होता है. इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों, सेना और पुलिस बड़े मोबाइल जैमरों का प्रयोग करते हैं, जिनकी रेंज काफी ज्यादा होती है.

ये भी पढ़ें- दो देसी कट्टा के साथ ASI का बेटा गिरफ्तार, पुलिस दफ्तर में भी चमकाता था हथियार

नहीं करता था फोन कॉल का इस्तेमाल

अमन पुलिस से बचने के लिए अपने साथ जैमर रखता था. जैमर की वजह से पुलिस टेक्निकल सर्विलांस के जरिए भी अमन साव की मौजूदगी का पता नहीं लगा पाती थी. वहीं, अगर कोई देख भी लेता था तो मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण तत्काल पुलिस को कॉल नहीं कर पाता था. अमन साव मोबाइल फोन कॉल का इस्तेमाल नहीं करता था, सिर्फ वाईफाई का चलाता था. अपने लोगों से फेसबुक, वाहट्अप, इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क करता था. पुलिस को इसी सोशल मीडिया के जरिए अमन साव का लोकेशन मिला, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई.

रांची: राजधानी रांची के धुर्वा से पकड़े गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस ने 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया है. अमन से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है. इसके अलावा अमन गैंग के चार अन्य शूटरों को भी 24 घंटे की रिमांड पर लिया गया था, जिन्हें वापस जेल भेज दिया गया है.

देखें पूरी खबर
कई नई बातें आई सामने अमन गैंग के शूटरों और अमन से पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं, जिसका सत्यापन किया जा रहा है. इस बीच अमन का सामना उसके राइट हैंड अभिजीत कुमार सिंह उर्फ सेंटी सिंह से कराया गया. इस दौरान सेंटी ने अमन के बारे में बताया कि वही उसका बॉस है. अमन के इशारे पर ही रांची, हजारीबाग, लातेहार, धनबाद सहित अलग-अलग जिलों में गैंग तैयार कर रहा था. जमीन के धंधे और कोयला के धंधों पर रंगदारी वसूली के लिए लोगों को टारगेट करता था और उनके नाम और फोन नंबरों की सूची अमन को उपलब्ध कराता था. फिलहाल, पुलिस अमन को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. उससे पूछताछ करने रामगढ़, हजारीबाग, लातेहार सहित अन्य जिलों की पुलिस रांची आएगी और उससे पूछताछ करेगी. इसके अलावा रांची पुलिस अमन साव से दो एके-47 हथियार बरामदगी की कोशिश में भी जुटी है. बता दें बीते 18 जुलाई को अमन साव को गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को जेल भेजने के साथ ही उसे रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पुलिस की ओर से अर्जी दी गई थी.

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जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप के पास छोड़ आया है एके-47
गिरफ्तारी के बाद जेल जाने से पहले की पूछताछ में अमन साव ने बताया है कि वह दो एके-47 हथियार रखता था. जिसे पकड़े जाने से ठीक पहले पीएलएफआई के जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप के पास छोड़ आया है. चुटिया में 12 जुलाई को जब अमन साव के पांच शूटर पकड़े गए, तभी अमन खूंटी के तपकरा में ठिकाने लिए पीएलएफआई के जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप के पास पहुंच गया और अपना दोनों एके-47 हथियार छोड़ आया.

7 जिलों का मोस्टवांटेड है अमन
बता दें कि झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द और सात जिलों का मोस्टवांटेड गैंगस्टर अमन साव को रांची पुलिस ने अमन साव और शूटर जयशंकर दूबे उर्फ राहुल दूबे को धुर्वा से दबोचा था. पकड़े जाने के बाद अमन ने सुजीत सिन्हा के बारे में कई जानकारियां दी है. जिस पर रांची पुलिस सहित राज्य की अलग-अलग जिलों की पुलिस काम कर रही है. अमन के साथ पकड़ा गया दूसरा अपराधी कोविड-19 पॉजिटिव निकला था. इसके बाद उसे रिम्स में कैदियों के लिए बने आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.

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राज्यभर में दर्ज हैं 49 मामले
अमन साव पर रांची में रंगदारी और अपराध की योजना बनाने से संबंधित चार मामले दर्ज हैं, जबकि राज्यभर के अलग-अलग थानों में 49 मामले दर्ज हैं. अमन साव को धनबाद, रांची, रामगढ़, पलामू, हजारीबाग, चतरा और लातेहार जिले की पुलिस के लिए चुनौती बन गया था. हजारीबाग के उरीमारी, बड़कागांव, डाड़ीकला, गिद्दी, केरेडारी थाना क्षेत्र, चतरा जिले के पिपरवार थाना क्षेत्र, लातेहार जिला के चंदवा थाना क्षेत्र में कार्यरत कोयला कंपनियों, ट्रांसपोर्टरों और उद्यमियों से लेवी की मांग करता था. लेवी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी के साथ-साथ वाहनों को जलाने की धमकी देता था.

नहीं पकड़ा जाए इस लिए जैमर का करता था इस्तेमाल
कुख्यात अपराधी अमन साव आईटीआई तकनीक की पूरी जानकारी रखता है. पकड़ा न जाए इस लिए वह हॉटस्पॉट डिवाइस और जैमर रखता था. छोटे जैमर की पहुंच 100 मीटर तक मोबाइल टावरों से मिले सिग्नल पकड़कर ही मोबाइल काम करता है. मगर, जैमर टावरों से मिलने वाले सिग्नल को मोबाइल तक पहुंचने ही नहीं देता है. ऐसे में सिग्नल (नेटवर्क) न मिलने के कारण मोबाइल पर कॉल संभव नहीं होता है. बाजार में छह से लेकर 25 हजार रुपए तक के छोटे मोबाइल जैमर मौजूद हैं, जिनकी रेंज दस से लगभग 100 मीटर तक की होती है. ये आकार में बहुत छोटे होते हैं, जिन्हें आसानी से अपने साथ ले जाया जा सकता है. इनका वजन भी एक किलोग्राम से कम ही होता है. इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों, सेना और पुलिस बड़े मोबाइल जैमरों का प्रयोग करते हैं, जिनकी रेंज काफी ज्यादा होती है.

ये भी पढ़ें- दो देसी कट्टा के साथ ASI का बेटा गिरफ्तार, पुलिस दफ्तर में भी चमकाता था हथियार

नहीं करता था फोन कॉल का इस्तेमाल

अमन पुलिस से बचने के लिए अपने साथ जैमर रखता था. जैमर की वजह से पुलिस टेक्निकल सर्विलांस के जरिए भी अमन साव की मौजूदगी का पता नहीं लगा पाती थी. वहीं, अगर कोई देख भी लेता था तो मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण तत्काल पुलिस को कॉल नहीं कर पाता था. अमन साव मोबाइल फोन कॉल का इस्तेमाल नहीं करता था, सिर्फ वाईफाई का चलाता था. अपने लोगों से फेसबुक, वाहट्अप, इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क करता था. पुलिस को इसी सोशल मीडिया के जरिए अमन साव का लोकेशन मिला, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई.

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