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इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज प्रतियोगिता में रांची की टीम ले रही हिस्सा, निबंधन प्रक्रिया पूरी - इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज प्रतियोगिता

इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज प्रतियोगिता में रांची की टीम भी भाग ले रही है. इस प्रतियोगिता में निबंधन के बाद रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने इस इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज में मजबूती से अपनी दावेदारी के लिए तैयारियां तेज कर दी है.

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इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज प्रतियोगिता
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Published : Aug 5, 2020, 8:38 PM IST

रांची: केंद्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय अंतर्गत स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से आयोजित इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज प्रतियोगिता में रांची की टीम भी भाग ले रही है. इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन की ओर निबंधन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. केंद्र सरकार की योजना है कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से लोगों को साइकिल चलाने को लेकर प्रोत्साहित किया जाए, जिससे लोगों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी के साथ-साथ कम दूरी के लिए सस्ती दर पर परिवहन सेवा उपलब्ध हो और पर्यावरण के लिहाज से भी एक प्रदूषणरहित परिवहन सुविधा को बढ़ावा मिले.

विशेषज्ञों की मदद

खासकर प्रतियोगिता के पीछे विशेषज्ञों की ये भी सोच है कि कोविड-19 से उबरने के बाद भी लोग कम से कम सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का इस्तेमाल करें. इस प्रतियोगिता में निबंधन के बाद रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने इस इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज में मजबूती से अपनी दावेदारी के लिए तैयारियां तेज कर दी है. जल्द कॉर्पोरेशन की ओर से राजधानी के नागरिकों से विभिन्न कम्यूनिकेशन माध्यमों से सुझाव लिया जाएगा कि साइकलिंग को बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या कदम उठाया जा सकता है. इसके साथ ही सिविल सोसाइटी के सदस्यों, साइकिल क्लब, ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में काम कर रही एजेंसियों और विशेषज्ञों से भी राय ली जाएगी कि कैसे साइकिल चलाने वाले लोगों के लिए सड़कों पर सुरक्षित माहौल दिया जा सके. इसके साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने अगर अपने शहर को सहयोग करने की इच्छा जताई तो कॉर्पोरेशन उन विशेषज्ञों की मदद भी ले सकता है.

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साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत दृष्टि और पहल विकसित करना
दरअसल, भारत सरकार नें इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज की पहल कोविड-19 के जवाब में नागरिकों को साइकिल फ्रेंडली बनाने के लिए शहरों को प्रेरित करने और उनका समर्थन करने के लिए किया है. इस चुनौती का उद्देश्य शहरों को अपने नागरिकों के साथ जुड़ने में मदद करना है और साथ ही शहर भर में साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत दृष्टि और पहल विकसित करना है. इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसपोर्टेशन एंड डेवलपमेंट पॉलिसी इस चैलेंज और शहरों को विकसित करने और उनके प्रस्तावों को लागू करने में मिशन की सहायता करने के लिए स्मार्ट सिटीज मिशन का नॉलेज पार्टनर है.

अच्छा समर्थन मिला
बता दें कि इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज दो चरणों में पूरा किया जाएगा. यह चैलेंज 5 लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों, राज्यों की राजधानी और सभी स्मार्ट शहरों के समक्ष रखा गया है. स्मार्ट शहरों के लिए ये चैलेंज पैन सिटी आधारित होगा और केवल एबीडी क्षेत्र तक सीमित नहीं होगा. रांची स्मार्ट सिटी की ओर से पहले से ही साइकलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से एक योजना चलाया जा रहा है. जिसका लोगों से भी अच्छा समर्थन मिला है.

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साइकिलिंग में 50-65% की वृद्धि होगी

आईटीडीपी इंडिया प्रोग्राम की ओर से हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि शहरों में लॉकडाउन से बाहर आने पर साइकिलिंग में 50-65% की वृद्धि होगी. निजी मोटर वाहनों से यात्रा करने वालों के लिए साइकिल चलाना एक स्थायी विकल्प हो सकता है. साइकिल चलाना समाज के सभी वर्गों अमीर, गरीब, बच्चों, महिलाओं और अन्य लोगों के लिए नौकरियों, शिक्षा, मनोरंजन और अन्य रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए समान पहुंच प्रदान करता है.

रांची: केंद्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय अंतर्गत स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से आयोजित इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज प्रतियोगिता में रांची की टीम भी भाग ले रही है. इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन की ओर निबंधन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. केंद्र सरकार की योजना है कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से लोगों को साइकिल चलाने को लेकर प्रोत्साहित किया जाए, जिससे लोगों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी के साथ-साथ कम दूरी के लिए सस्ती दर पर परिवहन सेवा उपलब्ध हो और पर्यावरण के लिहाज से भी एक प्रदूषणरहित परिवहन सुविधा को बढ़ावा मिले.

विशेषज्ञों की मदद

खासकर प्रतियोगिता के पीछे विशेषज्ञों की ये भी सोच है कि कोविड-19 से उबरने के बाद भी लोग कम से कम सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का इस्तेमाल करें. इस प्रतियोगिता में निबंधन के बाद रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने इस इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज में मजबूती से अपनी दावेदारी के लिए तैयारियां तेज कर दी है. जल्द कॉर्पोरेशन की ओर से राजधानी के नागरिकों से विभिन्न कम्यूनिकेशन माध्यमों से सुझाव लिया जाएगा कि साइकलिंग को बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या कदम उठाया जा सकता है. इसके साथ ही सिविल सोसाइटी के सदस्यों, साइकिल क्लब, ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में काम कर रही एजेंसियों और विशेषज्ञों से भी राय ली जाएगी कि कैसे साइकिल चलाने वाले लोगों के लिए सड़कों पर सुरक्षित माहौल दिया जा सके. इसके साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने अगर अपने शहर को सहयोग करने की इच्छा जताई तो कॉर्पोरेशन उन विशेषज्ञों की मदद भी ले सकता है.

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साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत दृष्टि और पहल विकसित करना
दरअसल, भारत सरकार नें इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज की पहल कोविड-19 के जवाब में नागरिकों को साइकिल फ्रेंडली बनाने के लिए शहरों को प्रेरित करने और उनका समर्थन करने के लिए किया है. इस चुनौती का उद्देश्य शहरों को अपने नागरिकों के साथ जुड़ने में मदद करना है और साथ ही शहर भर में साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत दृष्टि और पहल विकसित करना है. इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसपोर्टेशन एंड डेवलपमेंट पॉलिसी इस चैलेंज और शहरों को विकसित करने और उनके प्रस्तावों को लागू करने में मिशन की सहायता करने के लिए स्मार्ट सिटीज मिशन का नॉलेज पार्टनर है.

अच्छा समर्थन मिला
बता दें कि इंडिया साइकिल्स फॉर चेंज चैलेंज दो चरणों में पूरा किया जाएगा. यह चैलेंज 5 लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों, राज्यों की राजधानी और सभी स्मार्ट शहरों के समक्ष रखा गया है. स्मार्ट शहरों के लिए ये चैलेंज पैन सिटी आधारित होगा और केवल एबीडी क्षेत्र तक सीमित नहीं होगा. रांची स्मार्ट सिटी की ओर से पहले से ही साइकलिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से एक योजना चलाया जा रहा है. जिसका लोगों से भी अच्छा समर्थन मिला है.

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साइकिलिंग में 50-65% की वृद्धि होगी

आईटीडीपी इंडिया प्रोग्राम की ओर से हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि शहरों में लॉकडाउन से बाहर आने पर साइकिलिंग में 50-65% की वृद्धि होगी. निजी मोटर वाहनों से यात्रा करने वालों के लिए साइकिल चलाना एक स्थायी विकल्प हो सकता है. साइकिल चलाना समाज के सभी वर्गों अमीर, गरीब, बच्चों, महिलाओं और अन्य लोगों के लिए नौकरियों, शिक्षा, मनोरंजन और अन्य रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए समान पहुंच प्रदान करता है.

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