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रांची नगर निगम को हर दिन 31 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान, मेयर ने जताई चिंता - रांची नगर निगम की खबरें

रांची नगर निगम के राजस्व में हो रहे नुकसान को देखते हुए मेयर आशा लकड़ा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. मेयर ने पत्र के माध्यम से कहा कि मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. के खिलाफ न्यायालय में कोई मामला नहीं है. लिहाजा नगर निगम परिषद् की बैठक में लिए निर्णय के तहत संबंधित एजेंसी को कार्य विस्तार देने पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

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मेयर आशा लकड़ा
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Published : Aug 26, 2020, 8:08 PM IST

रांची: होल्डिंग टैक्स, वाटर यूजर चार्ज और म्युनिसिपल ट्रेड लाइसेंस से रांची नगर निगम के राजस्व में हो रहे नुकसान को देखते हुए मेयर आशा लकड़ा ने बुधवार को नगर आयुक्त को पत्र लिखकर मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड को कार्य विस्तार देते हुए एकरारनामा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि एकरारनामा में यह स्पष्ट हो कि अगर उच्च न्यायालय की ओर से सूडा के पक्ष में निर्णय दिया जाएगा तो एकरारनामा खुद रद्द माना जाए.

एकरारनामा किया जाए

मेयर ने पत्र के माध्यम से कहा कि मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. के खिलाफ न्यायालय में कोई मामला नहीं है. लिहाजा नगर निगम परिषद् की बैठक में लिए निर्णय के तहत संबंधित एजेंसी को कार्य विस्तार देने पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि 9 जून को परिषद की बैठक में मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. को तीन साल के लिए कार्य विस्तार दिया गया है. सूडा के माध्यम से भी एजेंसी चयन करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इस संबंध में नगर निगम के अधिकार को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. तत्काल रांची नगर निगम परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय का अनुपालन करते हुए मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. को कार्य विस्तार देने के लिए एकरारनामा किया जाए.

ये भी पढ़ें- हाई स्कूल फिजिकल टीचर नियुक्ति मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब

'कई आवश्यक कार्य राजस्व के अभाव में बाधित होंगे'
मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त के आदेश पर वर्तमान में रांची नगर निगम खुद कर संग्रह कर रहा है, जो ना के बराबर है. जबकि पूर्व में मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. के माध्यम से जून 2020 से 11 अगस्त 2020 तक लगभग 19 करोड़ का राजस्व संग्रह किया गया है, जो प्रतिदिन के हिसाब से 31 लाख रुपए है. इस पर तथ्यात्मक दृष्टिकोण से प्रतिदिन होने वाले राजस्व संग्रह का आकलन करें तो निगम को प्रतिदिन 31 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. रांची नगर निगम को मात्र चार दिनों में 1.20 करोड़ राशि की नुकसान हो चुका है. ऐसे में निगम को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. अगर यह सिलसिला लंबी अवधि तक चला तो रांची नगर निगम के कई आवश्यक कार्य राजस्व के अभाव में बाधित होंगे.

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'नगर विकास विभाग के सचिव को जिम्मेदार'

रांची नगर निगम को प्रतिदिन हो रहे राजस्व के घाटे के लिए मेयर ने नगर विकास विभाग के सचिव को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव की हठधर्मिता के कारण रांची नगर को प्रतिदिन प्राप्त होने वाले राजस्व में भारी क्षति हुई है. हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद उन्होंने नई एजेंसी के चयन की प्रक्रिया भी पूरी कर दी. कोर्ट का फैसला आने तक रांची नगर निगम को आंतरिक स्रोतों से प्राप्त होने वाले राजस्व में घाटा होगा तो वर्तमान में शहर की सफाई और विकास से संबंधित कार्य प्रभावित होंगे. इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा.

रांची: होल्डिंग टैक्स, वाटर यूजर चार्ज और म्युनिसिपल ट्रेड लाइसेंस से रांची नगर निगम के राजस्व में हो रहे नुकसान को देखते हुए मेयर आशा लकड़ा ने बुधवार को नगर आयुक्त को पत्र लिखकर मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड को कार्य विस्तार देते हुए एकरारनामा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि एकरारनामा में यह स्पष्ट हो कि अगर उच्च न्यायालय की ओर से सूडा के पक्ष में निर्णय दिया जाएगा तो एकरारनामा खुद रद्द माना जाए.

एकरारनामा किया जाए

मेयर ने पत्र के माध्यम से कहा कि मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. के खिलाफ न्यायालय में कोई मामला नहीं है. लिहाजा नगर निगम परिषद् की बैठक में लिए निर्णय के तहत संबंधित एजेंसी को कार्य विस्तार देने पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि 9 जून को परिषद की बैठक में मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. को तीन साल के लिए कार्य विस्तार दिया गया है. सूडा के माध्यम से भी एजेंसी चयन करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इस संबंध में नगर निगम के अधिकार को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. तत्काल रांची नगर निगम परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय का अनुपालन करते हुए मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. को कार्य विस्तार देने के लिए एकरारनामा किया जाए.

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'कई आवश्यक कार्य राजस्व के अभाव में बाधित होंगे'
मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त के आदेश पर वर्तमान में रांची नगर निगम खुद कर संग्रह कर रहा है, जो ना के बराबर है. जबकि पूर्व में मेसर्स स्पैरो साॅफ्टेक प्रा. लि. के माध्यम से जून 2020 से 11 अगस्त 2020 तक लगभग 19 करोड़ का राजस्व संग्रह किया गया है, जो प्रतिदिन के हिसाब से 31 लाख रुपए है. इस पर तथ्यात्मक दृष्टिकोण से प्रतिदिन होने वाले राजस्व संग्रह का आकलन करें तो निगम को प्रतिदिन 31 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. रांची नगर निगम को मात्र चार दिनों में 1.20 करोड़ राशि की नुकसान हो चुका है. ऐसे में निगम को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. अगर यह सिलसिला लंबी अवधि तक चला तो रांची नगर निगम के कई आवश्यक कार्य राजस्व के अभाव में बाधित होंगे.

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'नगर विकास विभाग के सचिव को जिम्मेदार'

रांची नगर निगम को प्रतिदिन हो रहे राजस्व के घाटे के लिए मेयर ने नगर विकास विभाग के सचिव को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव की हठधर्मिता के कारण रांची नगर को प्रतिदिन प्राप्त होने वाले राजस्व में भारी क्षति हुई है. हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद उन्होंने नई एजेंसी के चयन की प्रक्रिया भी पूरी कर दी. कोर्ट का फैसला आने तक रांची नगर निगम को आंतरिक स्रोतों से प्राप्त होने वाले राजस्व में घाटा होगा तो वर्तमान में शहर की सफाई और विकास से संबंधित कार्य प्रभावित होंगे. इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा.

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