रांची: रमेश बैस झारखंड के नए राज्यपाल बनाए गए हैं. उन्हें द्रौपदी मुर्मू की जगह झारखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है. रमेश बैस छत्तीसगढ़ के भाजपा के बड़े नेता रहे हैं.
रमेश बैस का राजनीतिक सफर-
- रमेश बैस 1978 में रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए थे और 1980 से 1984 तक मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य भी रहे.
- वे 1989 में रायपुर, मध्यप्रदेश से पहली बार 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे और 11वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा में फिर से निर्वाचित हुए थे.
- रमेश बैस अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.
कभी चुनाव नहीं हारे रमेश बैस
रमेश बैस ने कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल और श्यामाचरण शुक्ल जैसे नेताओं को हराया है. छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी 2009 में रमेश बैस से चुनाव हार चुके हैं. रमेश बैस की एक खास बात यह है कि वे कभी चुनाव नहीं हारे. लगातार चुनाव जीतने के बाद भी 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद माना जा रहा था कि उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है. लेकिन चुनाव के बाद उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया.
रमेश बैस लाल कृष्ण आडवाणी के काफी करीबी माने जाते हैं. वे केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के भी काफी करीबी थे. सुषमा स्वराज से उनके पारिवारिक संबंध रहे. सुषमा स्वराज रमेश बैस को अपना भाई मानती थीं.
पांच साल कार्यकाल पूरा करने वाली पहली राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू
झारखंड में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली द्रौपदी मुर्मू पहली राज्यपाल बनीं. झारखंड में अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल द्रौपदी मुर्मू का रहा. 18 मई 2015 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था. वह 6 साल से अधिक वक्त के लिए झारखंड की राज्यपाल रहीं.
झारखंड के अब तक के राज्यपाल-
राज्यपाल | कार्यकाल |
प्रभात कुमार | 15 नवंबर 2000-3 फरवरी 2002 |
विनोदचंद्र पांडे | 4 फरवरी 2002-14 जुलाई 2002 |
एम रमा जोइस | 15 जुलाई 2002-11 जून 2003 |
वेद मारवाह | 12 जून 2003-9 दिसंबर 2004 |
सैय्यद सिब्ते रजी | 10 दिसंबर 2004-25 जुलाई 2009 |
के शंकर नारायणन | 26 जुलाई 2009-21 जनवरी 2010 |
एम ओ हरान फारुक मारिकार | 22 जनवरी 2010-3 सितंबर 2011 |
सईद अहमद | 4 सितंबर 2011-18 मई 2015 |
द्रौपदी मुर्मू | 18 मई 2015-6 जुलाई 2021 |
रमेश बैस | वर्तमान |