रांची: यूजीसी नेट क्वालिफाइड दिव्यांग युवक राजेश कुमार को राजभवन की ओर से एक लाख रुपये बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया गया. यह रकम राजेश के अकाउंट में भेजा गया है. राजेश राजभवन के सामने बकाया मानदेय भुगतान और दोबारा नौकरी में बहाल करने की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे हुए हैं. पिछले 34 दिनों से राजेश सिद्धू कान्हू विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ धरना दे रहे हैं.
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पिछले 34 दिनों से राजेश कुमार नाम का एक दिव्यांग शिक्षक मानदेय भुगतान की मांग और दोबारा नौकरी में बहाल करने की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं. जानकारी के अनुसार राजभवन को इसकी जानकारी मिलने के बाद बकाया मानदेय का भुगतान राजभवन की ओर से अपने अधिकार क्षेत्र से किया गया है. राजेश करीब एक साल तक सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में मौखिक आदेश के तहत एक शिक्षक के तौर पर पठन-पाठन करवा रहे थे. लेकिन उन्हें विद्यालय प्रबंधन की ओर से मानदेय नहीं दिया जा रहा था.
मामले को लेकर उन्होंने राजभवन में शिकायत की थी. जिसके बाद उन्हें विश्वविद्यालय ने पठन-पाठन कार्य से मुक्त कर दिया था और इसके बाद लगातार राजेश विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के समक्ष आंदोलन पर थे. दुमका में दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात करने की कोशिश भी की थी. इसी बीच अपनी मांगों को लेकर राजेश रांची पहुंचे और राजभवन के सामने धरने पर बैठ गए. जब इसकी शिकायत राजभवन तक पहुंची. तो राजभवन ने स्वत संज्ञान लेते हुए राजेश का बकाया एक लाख रुपया उनके अकाउंट में भेजा है. हालांकि राजेश अभी भी राजभवन के पास धरने पर ही बैठे हुए हैं. राजेश ने कहा कि उन्हें फिर से शिक्षक के पद पर विश्वविद्यालय प्रबंधन बहाल करें तब ही वह धरना स्थल से उठेंगे.