ETV Bharat / city

लॉकडाउन ने तोड़ी छोटे और मंझोले व्यवसायियों की कमर, आमदनी जीरो

झारखंड में लॉकडाउन का सीधा नुकसान छोटे और मंझोले व्यापारियों को हो रहा है. वे इन दिनों काफी परेशान हैं. बता दें कि प्रदेश में 5 लाख से अधिक ऐसे व्यापारी हैं जिनकी दुकानें कई दिनों से बंद पड़े हैं.

Lockdown in Jharkhand, small businessmen in jharkhand, Jharkhand businessmen, recurring expenditure, झारखंड में लॉकडाउन, छोटे व्यापारी परेशान, झारखंड के व्यवसायी परेशान, रेकरिंग एक्सपेंडिचर
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Apr 30, 2020, 5:40 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन का सीधा नुकसान छोटे और मंझोले व्यापारियों को हो रहा है. प्रदेश में 5 लाख से अधिक ऐसे व्यापारी हैं जिनकी दुकानों के शटर न तो उठ पा रहे हैं और न ही उनके सामान की बिक्री हो रही है. एक अनुमान के तौर पर रोजाना लगभग 50 करोड़ रुपए की बिक्री ठप पड़ी है. लगभग महीने भर से वैसी दुकानों के नहीं खुलने से छोटे और मंझोले व्यापारी चौतरफा मार झेल रहे हैं.

देखें पूरी खबर

आमदनी प्रभावित

एक तरफ उनकी आमदनी प्रभावित हो गई है. वहीं दूसरी तरफ उनके दुकानों में पड़े स्टॉक के फ्लो बंद होने से उनमें से कई आइटम एक्सपायर होने की कगार पर हैं. इतना ही नहीं उन दुकानों में काम करने वाले कामगारों को वेतन देने का नैतिक दायित्व भी उनके लिए परेशानी का सबब बन रहा है. वैसे तो राज्य में खाद्य सामग्री की दुकान खुली है, लेकिन छोटे और मंझले वैसे व्यापारी जिनकी कॉस्मेटिक, स्टेशनरी, पेंट, हार्डवेयर जैसी दुकान है, वह संकट से घिरे हैं.

ये भी पढ़ें- बॉक्साइट व्यवसाय पर तिहरी मार, थमी 50 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी की रफ्तार


सैकड़ों में है रोज कमाने-खाने वालों की गिनती
लॉकडाउन की वजह से वैसे व्यापारियों की दुकानें पूरी तरह से बंद हैं. राजधानी के पुस्तक पथ, अपर बाजार के लोहा पट्टी, महात्मा गांधी रोड, एचबी रोड के अलावा लालपुर जैसे इलाकों में दुकानों के शटर नहीं खुल रहे हैं. इतना ही नहीं उनकी वजह से छोटे रेस्टोरेंट या ठेले लगाकर खाने के सामान बेचने वाले लोग भी संकट से घिर गए हैं. नगर निगम के आंकड़ों की माने तो रोज कमाने-खाने वालों की गिनती सैकड़ों में है.

क्या कहती है उद्यमियों की संस्था एफजेसीसीआई
फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व उपाध्यक्ष और वरिष्ठ सदस्य दीनदयाल बर्णवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान में वैसे व्यापारी साथ तो खड़े हैं, लेकिन उनके सामने भी अपनी समस्याएं हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जिन व्यापारियों ने लोन लेकर अपना व्यापार शुरु किया है उनके माथे कर्ज का इंस्टॉलमेंट बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां कर्ज का इंस्टॉलमेंट बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ आमदनी न के बराबर है.

ये भी पढ़ें- हिंदपीढ़ी में दिखने लगा सीआरपीएफ की तैनाती का असर, लॉकडाउन तोड़ने वाले की हो रही पिटाई

आमदनी बंद, रेकरिंग एक्सपेंडिचर जस की तस
दीनदयाल बर्णवाल ने कहा कि वैसे उद्यमियों का रेकरिंग एक्सपेंडिचर जस का तस है. एक तरफ जहां उनकी दुकानों के किराये लग रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ निम्नतम बिजली बिल की अदायगी भी उन्हें करनी है. इतना ही नहीं हर दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों की वेतन भी समय से देनी होती है. इन सबके अलावा स्थानीय टैक्स और बैंक का लोन भी माथे पर है. ऐसे में आमदनी शून्य है और खर्च जस का तस.


लॉकडाउन समाप्त होने के बाद होगी मानसिक समस्या
लॉकडाउन टूटने के बाद बड़ी संख्या में व्यापारी मानसिक तनाव के दौर से गुजर सकते हैं. मनोचिकित्सक सिद्धार्थ सिन्हा कहते हैं कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद समस्या मैन पावर क्राइसिस की भी होगी. एक तरफ जहां व्यापारी और कर्मचारी दोनों मेंटल स्ट्रेस में हैं, वहीं दूसरी तरफ संयम से काम लेना होगा. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में नेगेटिव थॉट आना स्वाभाविक है और लोग अवसाद में चले जाएंगे. इसलिए उन्हें हर क्षण सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा. इसके लिए सबसे जरूरी है कि वह अपना स्लीप साइकिल मेंटेन करें.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में पीसीआर पुलिसकर्मियों पर वसूली का आरोप, सीसीआर डीएसपी को जांच का जिम्मा

'नींद पूरी जरूर करें'

दरअसल, अगर वह निंद्रा के चक्र को कंप्लीट करते हैं तो मानसिक समस्याएं कम हो सकती हैं. इसके अलावा लोगों के बीच हंसे-बोलें और नेगेटिव थॉट्स से जितना हो सके उतना बचें. मनोचिकित्सक ने कहा कि समस्या लॉकडाउन के बाद समाप्त हो जाएगी. थोड़े समय के बाद बिजनेस रिकवर हो सकता है, लेकिन नकारात्मक सोच लोगों की जिंदगी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.

ये भी पढ़ें- कोरोना मानसिक रूप से भी कर रहा बीमार, डिप्रेशन में जा रहे लोग



रिनपास और जिला प्रशासन ने जारी किए हैं हेल्पलाइन नंबर
वहीं, राज्य सरकार और रांची इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरो सेक्रेटरी जैसे मनोचिकित्सा के संस्थान ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं. सूत्रों की माने तो रिनपास में रोज 20 से अधिक ऐसे फोनकॉल आ रहे हैं, जिनमें लोग मानसिक समस्याओं के बारे में डिस्कस कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन की तरफ से भी जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर लोग बराबर संपर्क कर रहे हैं.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन का सीधा नुकसान छोटे और मंझोले व्यापारियों को हो रहा है. प्रदेश में 5 लाख से अधिक ऐसे व्यापारी हैं जिनकी दुकानों के शटर न तो उठ पा रहे हैं और न ही उनके सामान की बिक्री हो रही है. एक अनुमान के तौर पर रोजाना लगभग 50 करोड़ रुपए की बिक्री ठप पड़ी है. लगभग महीने भर से वैसी दुकानों के नहीं खुलने से छोटे और मंझोले व्यापारी चौतरफा मार झेल रहे हैं.

देखें पूरी खबर

आमदनी प्रभावित

एक तरफ उनकी आमदनी प्रभावित हो गई है. वहीं दूसरी तरफ उनके दुकानों में पड़े स्टॉक के फ्लो बंद होने से उनमें से कई आइटम एक्सपायर होने की कगार पर हैं. इतना ही नहीं उन दुकानों में काम करने वाले कामगारों को वेतन देने का नैतिक दायित्व भी उनके लिए परेशानी का सबब बन रहा है. वैसे तो राज्य में खाद्य सामग्री की दुकान खुली है, लेकिन छोटे और मंझले वैसे व्यापारी जिनकी कॉस्मेटिक, स्टेशनरी, पेंट, हार्डवेयर जैसी दुकान है, वह संकट से घिरे हैं.

ये भी पढ़ें- बॉक्साइट व्यवसाय पर तिहरी मार, थमी 50 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी की रफ्तार


सैकड़ों में है रोज कमाने-खाने वालों की गिनती
लॉकडाउन की वजह से वैसे व्यापारियों की दुकानें पूरी तरह से बंद हैं. राजधानी के पुस्तक पथ, अपर बाजार के लोहा पट्टी, महात्मा गांधी रोड, एचबी रोड के अलावा लालपुर जैसे इलाकों में दुकानों के शटर नहीं खुल रहे हैं. इतना ही नहीं उनकी वजह से छोटे रेस्टोरेंट या ठेले लगाकर खाने के सामान बेचने वाले लोग भी संकट से घिर गए हैं. नगर निगम के आंकड़ों की माने तो रोज कमाने-खाने वालों की गिनती सैकड़ों में है.

क्या कहती है उद्यमियों की संस्था एफजेसीसीआई
फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व उपाध्यक्ष और वरिष्ठ सदस्य दीनदयाल बर्णवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान में वैसे व्यापारी साथ तो खड़े हैं, लेकिन उनके सामने भी अपनी समस्याएं हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जिन व्यापारियों ने लोन लेकर अपना व्यापार शुरु किया है उनके माथे कर्ज का इंस्टॉलमेंट बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां कर्ज का इंस्टॉलमेंट बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ आमदनी न के बराबर है.

ये भी पढ़ें- हिंदपीढ़ी में दिखने लगा सीआरपीएफ की तैनाती का असर, लॉकडाउन तोड़ने वाले की हो रही पिटाई

आमदनी बंद, रेकरिंग एक्सपेंडिचर जस की तस
दीनदयाल बर्णवाल ने कहा कि वैसे उद्यमियों का रेकरिंग एक्सपेंडिचर जस का तस है. एक तरफ जहां उनकी दुकानों के किराये लग रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ निम्नतम बिजली बिल की अदायगी भी उन्हें करनी है. इतना ही नहीं हर दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों की वेतन भी समय से देनी होती है. इन सबके अलावा स्थानीय टैक्स और बैंक का लोन भी माथे पर है. ऐसे में आमदनी शून्य है और खर्च जस का तस.


लॉकडाउन समाप्त होने के बाद होगी मानसिक समस्या
लॉकडाउन टूटने के बाद बड़ी संख्या में व्यापारी मानसिक तनाव के दौर से गुजर सकते हैं. मनोचिकित्सक सिद्धार्थ सिन्हा कहते हैं कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद समस्या मैन पावर क्राइसिस की भी होगी. एक तरफ जहां व्यापारी और कर्मचारी दोनों मेंटल स्ट्रेस में हैं, वहीं दूसरी तरफ संयम से काम लेना होगा. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में नेगेटिव थॉट आना स्वाभाविक है और लोग अवसाद में चले जाएंगे. इसलिए उन्हें हर क्षण सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा. इसके लिए सबसे जरूरी है कि वह अपना स्लीप साइकिल मेंटेन करें.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में पीसीआर पुलिसकर्मियों पर वसूली का आरोप, सीसीआर डीएसपी को जांच का जिम्मा

'नींद पूरी जरूर करें'

दरअसल, अगर वह निंद्रा के चक्र को कंप्लीट करते हैं तो मानसिक समस्याएं कम हो सकती हैं. इसके अलावा लोगों के बीच हंसे-बोलें और नेगेटिव थॉट्स से जितना हो सके उतना बचें. मनोचिकित्सक ने कहा कि समस्या लॉकडाउन के बाद समाप्त हो जाएगी. थोड़े समय के बाद बिजनेस रिकवर हो सकता है, लेकिन नकारात्मक सोच लोगों की जिंदगी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.

ये भी पढ़ें- कोरोना मानसिक रूप से भी कर रहा बीमार, डिप्रेशन में जा रहे लोग



रिनपास और जिला प्रशासन ने जारी किए हैं हेल्पलाइन नंबर
वहीं, राज्य सरकार और रांची इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरो सेक्रेटरी जैसे मनोचिकित्सा के संस्थान ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं. सूत्रों की माने तो रिनपास में रोज 20 से अधिक ऐसे फोनकॉल आ रहे हैं, जिनमें लोग मानसिक समस्याओं के बारे में डिस्कस कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन की तरफ से भी जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर लोग बराबर संपर्क कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.