रांचीः राजधानी के चान्हो प्रखंड में एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने की योजना केंद्रीय आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा लाई गई है. जिसका शिलान्यास के साथ ही विरोध शुरू हो गया है. दरअसल जिस जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने की योजना है, वह जमीन वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन है. लिहाजा उस जमीन पर किसी तरह का छेड़छाड़ यहां के आदिवासी समाज को बर्दाश्त नहीं है. यही वजह है कि विरोध का शोर थम नहीं रहा है. आदिवासी समाजसेवियों की माने तो जब तक आवासीय विद्यालय को हस्तांतरित नहीं किया जाता है तब तक लड़ाई लड़ते रहेंगें.
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विरोध कर रहे आदिवासी समाजसेवियों के मुताबिक वो शिक्षा के विरोधी नहीं हैं. वो जानते हैं कि विकास की एकमात्र कुंजी शिक्षा ही है. विद्यालय बनने से आदिवासी समाज के बच्चे ही इससे लाभान्वित होंगे और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. लेकिन वो अपने महापुरुष के अस्तित्व को मिटाकर शिक्षा पाना नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि निरंतर स्कूल का विरोध कर रहे हैं.