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एकलव्य आवासीय विद्यालय का नहीं थम रहा विरोध, कहा- महापुरुष का अस्तित्व मिटा कर नहीं चाहिए शिक्षा

रांची में अमर शहीद वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने का विरोध थम नहीं रहा है. कई आदिवासी सामाजिक संगठन सड़क पर उतर कर इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

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एकलव्य आवासीय विद्यालय का नहीं थम रहा विरोध
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Published : Nov 3, 2021, 6:57 AM IST

Updated : Nov 3, 2021, 7:17 AM IST

रांचीः राजधानी के चान्हो प्रखंड में एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने की योजना केंद्रीय आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा लाई गई है. जिसका शिलान्यास के साथ ही विरोध शुरू हो गया है. दरअसल जिस जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने की योजना है, वह जमीन वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन है. लिहाजा उस जमीन पर किसी तरह का छेड़छाड़ यहां के आदिवासी समाज को बर्दाश्त नहीं है. यही वजह है कि विरोध का शोर थम नहीं रहा है. आदिवासी समाजसेवियों की माने तो जब तक आवासीय विद्यालय को हस्तांतरित नहीं किया जाता है तब तक लड़ाई लड़ते रहेंगें.

ये भी पढ़ेंः एकलव्य आवासीय विद्यालय का नहीं थम रहा विरोध, कहा- महापुरुष का अस्तित्व मिटा कर नहीं चाहिए शिक्षा

विरोध कर रहे आदिवासी समाजसेवियों के मुताबिक वो शिक्षा के विरोधी नहीं हैं. वो जानते हैं कि विकास की एकमात्र कुंजी शिक्षा ही है. विद्यालय बनने से आदिवासी समाज के बच्चे ही इससे लाभान्वित होंगे और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. लेकिन वो अपने महापुरुष के अस्तित्व को मिटाकर शिक्षा पाना नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि निरंतर स्कूल का विरोध कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर
वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने के लिए जमीन का चयन जिला प्रशासन ने किया है. जो यहां के आदिवासी समाज को मंजूर नहीं है. बावजूद इसके इसी जमीन पर आवासीय विद्यालय बनाने पर सरकार और प्रशासन अड़ी है. इससे आदिवासी समाज और जिला प्रशासन के बीच टकराव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. जरूरत है बीच का रास्ता निकालने की ताकि आपसी टकराव खत्म हो और केंद्रीय आदिवासी कल्याण विभाग की योजना से लोग लाभान्वित भी हो सके.

रांचीः राजधानी के चान्हो प्रखंड में एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने की योजना केंद्रीय आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा लाई गई है. जिसका शिलान्यास के साथ ही विरोध शुरू हो गया है. दरअसल जिस जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने की योजना है, वह जमीन वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन है. लिहाजा उस जमीन पर किसी तरह का छेड़छाड़ यहां के आदिवासी समाज को बर्दाश्त नहीं है. यही वजह है कि विरोध का शोर थम नहीं रहा है. आदिवासी समाजसेवियों की माने तो जब तक आवासीय विद्यालय को हस्तांतरित नहीं किया जाता है तब तक लड़ाई लड़ते रहेंगें.

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विरोध कर रहे आदिवासी समाजसेवियों के मुताबिक वो शिक्षा के विरोधी नहीं हैं. वो जानते हैं कि विकास की एकमात्र कुंजी शिक्षा ही है. विद्यालय बनने से आदिवासी समाज के बच्चे ही इससे लाभान्वित होंगे और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. लेकिन वो अपने महापुरुष के अस्तित्व को मिटाकर शिक्षा पाना नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि निरंतर स्कूल का विरोध कर रहे हैं.

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वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने के लिए जमीन का चयन जिला प्रशासन ने किया है. जो यहां के आदिवासी समाज को मंजूर नहीं है. बावजूद इसके इसी जमीन पर आवासीय विद्यालय बनाने पर सरकार और प्रशासन अड़ी है. इससे आदिवासी समाज और जिला प्रशासन के बीच टकराव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. जरूरत है बीच का रास्ता निकालने की ताकि आपसी टकराव खत्म हो और केंद्रीय आदिवासी कल्याण विभाग की योजना से लोग लाभान्वित भी हो सके.
Last Updated : Nov 3, 2021, 7:17 AM IST

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