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निजी स्कूल 2 साल में बढ़ा सकेंगे 10 फीसदी फीस, शिक्षा विभाग ने जारी की गाइडलाइंस - schools will be able to increase 10 percent fee

झारखंड नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के नियम के अधीन नियमावली 2011 में संशोधन से संबंधित विषयों को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई. निजी स्कूलों को मान्यता देने को लेकर भी यहां चर्चा हुई और निजी स्कूलों को अहर्ता पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है. निजी स्कूल अहर्ता पूरा करने के साथ ही मान्यता लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं. विद्यालयों को 1 लाख रुपये की फिक्स डिपोजिट राशि सुरक्षा कोष के रूप में रखना अनिवार्य किया गया है.

निजी स्कूल 2 साल में बढ़ा सकेंगे 10 फीसदी फीस
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Published : Aug 26, 2019, 5:39 PM IST

रांची: नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली के तहत जिले के तमाम निजी स्कूल प्रबंधकों के साथ शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की एक बैठक राजधानी के विकास भवन में आयोजित की गई. बैठक के दौरान स्कूल प्रबंधकों को कई तरह की जानकारी के साथ ही उनके लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं. इस दौरान मान्यता के लिए निजी स्कूलों को अहर्ता पूरा करने को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक ने निर्देश जारी किया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

राज्य सरकार का शिक्षा विभाग अब निजी स्कूलों के मनमाने रवैए के खिलाफ नकेल कसने की तैयारी में है. कई बार स्कूलों को निर्देश देने के बावजूद स्कूल प्रबंधक अपने तरीके से ही स्कूलों में फीस वृद्धि कर रहे हैं. इसके अलावा मनमाने तरीके से शिक्षा विभाग के विपरीत निर्णय भी ले रहे हैं. इसी कड़ी में जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीडीसी की मौजूदगी में जिले के तमाम निजी स्कूल संचालकों के साथ रांची विकास भवन सभागार में विशेष बैठक आयोजित की गई.

ये भी पढ़ें- धनबाद: ससुराल से घर लौट रहे शख्स की ट्रैक्टर की चपेट में आने से दर्दनाक मौत

बैठक के दौरान झारखंड नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के नियम के अधीन नियमावली 2011 में संशोधन से संबंधित विषयों को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई. निजी स्कूलों को मान्यता देने को लेकर भी यहां चर्चा हुई और निजी स्कूलों को अहर्ता पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है. निजी स्कूल अहर्ता पूरा करने के साथ ही मान्यता लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं. विद्यालयों को 1 लाख रुपये की फिक्स डिपोजिट राशि सुरक्षा कोष के रूप में रखना अनिवार्य किया गया है.

आवेदन अनुमोदन करने के बाद विभाग द्वारा 3 महीने के अंदर विद्यालय का निरीक्षण कराया जाएगा और विद्यालय अगर मानकों, मापदंड और शर्तों के अनुरूप पाया गया, तो उन्हें समिति की बैठक के 15 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र और मान्यता दे दी जाएगी. इसके अलावा पूर्व से आरटीई के अंतर्गत मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों को इस नियमावली के लागू होने के 1 साल के अंदर दोबारा निरीक्षण कराना अनिवार्य किया गया है.

सीबीएसई, आईसीएसई, झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अंतर्गत संचालित मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों को भी आरटीई के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है. भूमि संबंधित अनिवार्यता भी रखी गई है. इसके अलावा फीस बढ़ोतरी को लेकर विद्यालयों को विशेष गाइडलाइन जारी की गई है. विद्यालय 2 साल के अंतराल में 10 फीसदी की ही फीस वृद्धि कर सकते हैं. जो विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन का अनुपालन नहीं करेंगे, उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

रांची: नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली के तहत जिले के तमाम निजी स्कूल प्रबंधकों के साथ शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की एक बैठक राजधानी के विकास भवन में आयोजित की गई. बैठक के दौरान स्कूल प्रबंधकों को कई तरह की जानकारी के साथ ही उनके लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं. इस दौरान मान्यता के लिए निजी स्कूलों को अहर्ता पूरा करने को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक ने निर्देश जारी किया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

राज्य सरकार का शिक्षा विभाग अब निजी स्कूलों के मनमाने रवैए के खिलाफ नकेल कसने की तैयारी में है. कई बार स्कूलों को निर्देश देने के बावजूद स्कूल प्रबंधक अपने तरीके से ही स्कूलों में फीस वृद्धि कर रहे हैं. इसके अलावा मनमाने तरीके से शिक्षा विभाग के विपरीत निर्णय भी ले रहे हैं. इसी कड़ी में जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीडीसी की मौजूदगी में जिले के तमाम निजी स्कूल संचालकों के साथ रांची विकास भवन सभागार में विशेष बैठक आयोजित की गई.

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बैठक के दौरान झारखंड नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के नियम के अधीन नियमावली 2011 में संशोधन से संबंधित विषयों को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई. निजी स्कूलों को मान्यता देने को लेकर भी यहां चर्चा हुई और निजी स्कूलों को अहर्ता पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है. निजी स्कूल अहर्ता पूरा करने के साथ ही मान्यता लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं. विद्यालयों को 1 लाख रुपये की फिक्स डिपोजिट राशि सुरक्षा कोष के रूप में रखना अनिवार्य किया गया है.

आवेदन अनुमोदन करने के बाद विभाग द्वारा 3 महीने के अंदर विद्यालय का निरीक्षण कराया जाएगा और विद्यालय अगर मानकों, मापदंड और शर्तों के अनुरूप पाया गया, तो उन्हें समिति की बैठक के 15 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र और मान्यता दे दी जाएगी. इसके अलावा पूर्व से आरटीई के अंतर्गत मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों को इस नियमावली के लागू होने के 1 साल के अंदर दोबारा निरीक्षण कराना अनिवार्य किया गया है.

सीबीएसई, आईसीएसई, झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अंतर्गत संचालित मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों को भी आरटीई के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है. भूमि संबंधित अनिवार्यता भी रखी गई है. इसके अलावा फीस बढ़ोतरी को लेकर विद्यालयों को विशेष गाइडलाइन जारी की गई है. विद्यालय 2 साल के अंतराल में 10 फीसदी की ही फीस वृद्धि कर सकते हैं. जो विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन का अनुपालन नहीं करेंगे, उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

Intro:डे प्लान

रांची।

निशुल्क और और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली के तहत जिले के तमाम निजी स्कूल प्रबंधकों के साथ शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की एक बैठक राजधानी रांची के विकास भवन में आयोजित की गई .बैठक के दौरान स्कूल प्रबंधकों को कई तरह की जानकारी के साथ-साथ उनके लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं .निजी स्कूलों को मान्यता देने संबंधित विषय पर भी चर्चा हुई है.इस दौरान मान्यता के लिए स्कूलों को अहर्ता पूरा करने को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक ने निर्देश जारी किया है. इस दौरान फीस निर्धारण को लेकर भी विशेष रूप से चर्चा की गई है.


Body:राज्य सरकार के शिक्षा विभाग अब निजी स्कूलों के मनमाने रवैए के खिलाफ नकेल कसने की तैयारी में है .कई बार स्कूलों को निर्देश देने के बावजूद स्कूल प्रबंधक अपने तरीके से ही स्कूलों में फीस वृद्धि कर रहे हैं. इसके अलावे मनमाने तरीके से शिक्षा विभाग के विपरीत निर्णय भी ले रहे हैं. इसी कड़ी में जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीडीसी के मौजूदगी में जिले के तमाम निजी स्कूल संचालकों के साथ रांची के विकास भवन सभागार में विशेष बैठक आयोजित की गई. इस बैठक के दौरान झारखंड निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के नियम के अधीन नियमावली 2011 में संशोधन से संबंधित विषयों को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई .निजी स्कूलों को मान्यता देने को लेकर भी यहां चर्चा हुई और निजी स्कूलों को अहर्ता पूरा करने को लेकर निर्देश जारी किया गया है. निजी स्कूल अहर्ता पूरा करने के साथ ही मान्यता लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं .विद्यालयों को एक लाख रुपये का फिक्स डिपोजिट राशि सुरक्षा कोष के रूप में रखना अनिवार्य किया गया है. आवेदन अनुमोदन करने के बाद विभाग द्वारा 3 महीने के अंदर विद्यालय का निरीक्षण कराया जाएगा और विद्यालय के मानकों मापदंड और शर्तों के अनुरूप पाया गया तो उन्हें समिति की बैठक के 15 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र और मान्यता दे दी जाएगी .इसके अलावा पूर्व से आरटीई के अंतर्गत मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों को इस नियमावली के लागू होने के एक वर्ष के अंदर दोबारा निरीक्षण कराना अनिवार्य किया गया है. सीबीएसई ,आईसीएसई ,झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अंतर्गत संचालित मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों को भी आरटीई के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है. भूमि संबंधित अनिवार्यता भी रखी गई है. इसके अलावे फीस बढ़ोतरी को लेकर विद्यालयों को विशेष गाइडलाइन जारी किया गया है .


Conclusion:विद्यालय 2 वर्ष के अंतराल में 10 फीसदी की ही फीस वृद्धि कर सकते हैं .जो विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन का अनुपालन नहीं करेंगे उनका मान्यता रद्द कर दिया जाएगा.


बाइट-कमलाकांत सिंह, शिक्षा अधीक्षक, रांची
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