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'जोहार' से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शुरू किया संबोधन, कहा- धरती आबा से मिलती है देश प्रेम की प्रेरणा - रांची की खबर

राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू (DROUPADI MURMU) ने संसद के केंद्रीय कक्ष में शपथ ली. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ नेता व हस्तियां मौजूद रहे. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने उन्हें शपथ दिलायी.

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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू
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Published : Jul 25, 2022, 11:39 AM IST

Updated : Jul 25, 2022, 11:59 AM IST

दिल्ली: द्रोपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं. प्रधान न्‍यायाधीश एनवी रमना ने संसद के केंद्रीय कक्ष में द्रोपदी मुर्मू को शपथ दिलाई. द्रोपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. द्रोपदी मुर्मू ने अपने शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन की शुरुआत जोहार शब्द से करते हुए देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी और झारखंड के वीरों के योगदान की चर्चा की.

ये भी पढ़ें:- President Oath Taking Ceremony : देश की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू, CJI ने दिलाई शपथ

स्वतंत्रता संग्राम संघर्षों की अविरल धारा: अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने संथाल क्राति, आदिवासी क्रांति, कोल क्रांति और भील क्रांति स्वतंत्रता आंदोलन का जिक्र किया और कहा इन आंदोलनों ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान को सशक्त किया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्थान और देश प्रेम के लिए हमे बिरसा मुंडा से प्रेरणा मिली थी, उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि जनजातीय समुदाय के योगदान को देश भर में सहेजा जा रहा है.

देखें वीडियो

संथाली साड़ी में ली शपथ: द्रोपदी मुर्मू ने संथाली साड़ी में राष्ट्रपति पथ की शपथ ली, बता दें कि इस साड़ी में साड़ियों के एक छोर पर धारियों का काम होता है जिसे संथाली समुदाय की महिलाएं खास मौंके पर पहनती है. द्रौपदी मुर्म के लिए आज का दिन बेहद खास था इसलिए उन्होंने इस साड़ी का पहना था.

दिल्ली: द्रोपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं. प्रधान न्‍यायाधीश एनवी रमना ने संसद के केंद्रीय कक्ष में द्रोपदी मुर्मू को शपथ दिलाई. द्रोपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. द्रोपदी मुर्मू ने अपने शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन की शुरुआत जोहार शब्द से करते हुए देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी और झारखंड के वीरों के योगदान की चर्चा की.

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स्वतंत्रता संग्राम संघर्षों की अविरल धारा: अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने संथाल क्राति, आदिवासी क्रांति, कोल क्रांति और भील क्रांति स्वतंत्रता आंदोलन का जिक्र किया और कहा इन आंदोलनों ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान को सशक्त किया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्थान और देश प्रेम के लिए हमे बिरसा मुंडा से प्रेरणा मिली थी, उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि जनजातीय समुदाय के योगदान को देश भर में सहेजा जा रहा है.

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संथाली साड़ी में ली शपथ: द्रोपदी मुर्मू ने संथाली साड़ी में राष्ट्रपति पथ की शपथ ली, बता दें कि इस साड़ी में साड़ियों के एक छोर पर धारियों का काम होता है जिसे संथाली समुदाय की महिलाएं खास मौंके पर पहनती है. द्रौपदी मुर्म के लिए आज का दिन बेहद खास था इसलिए उन्होंने इस साड़ी का पहना था.

Last Updated : Jul 25, 2022, 11:59 AM IST
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