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रेलवे की दीवारों पर दिख रही लोककलाएं, ऐसे बदल रही तस्वीर - Sohrai Arts

रांची रेलवे मंडल इन दिनों अपने सभी रेलवे स्टेशनों को झारखंड की प्रसिद्ध पेंटिंग सोहराय के जरिए आकर्षक बनाने में जुट गई है. इससे बिहार-झारखंड की कला संस्कृति से आम लोगों को अवगत कराने की कोशिश की जा रही है.

सोहराय कला से सजा रांची रेल मंडल
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Published : Jul 10, 2019, 4:28 PM IST

रांची: रेल स्टेशन को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए रांची रेल मंडल अपनी योजना के तहत सोहराय कला के जरिए वॉल पेंटिंग करवा रही है. स्टेशन परिसर में सोहराय पेंटिंग उकेरी जा रही है. 64वें रेलवे अवॉर्ड सेरेमनी के आयोजन को लेकर भी रांची रेल मंडल के लिए यह तैयारी की जा रही है.

देखें पूरी खबर

14 जुलाई को रांची रेल मंडल द्वारा रेलवे अवॉर्ड सेरेमनी की मेजबानी की जा रही है. इस सेरेमनी में केंद्रीय रेल मंत्री के अलावा रेलवे के तमाम लोग रांची पहुंचेंगे. इधर, सोहराय आर्ट के जरिए रेलवे स्टेशन को सुंदर और आकर्षक बनाने की योजना रांची रेल मंडल द्वारा पहले ही बनाई गई थी, लेकिन इस कार्यक्रम को लेकर विभाग थोड़ा ज्यादा रेस है.

इस योजना के पहले चरण में रांची और हटिया रेलवे स्टेशन के दीवारों पर कलाकारों द्वारा सोहराय पेंटिंग के तहत विभिन्न प्रकार की आकृतियों का निर्माण किया जा रहा है. हटिया स्टेशन से बिरसा चौक तक सड़क के बीच स्थित डिवाइडर पर भी सोहराय पेंटिंग की जा रही है.

ये भी पढ़ें- JMM का एक दिवसीय धरना, कहा- चंद दिनों की मेहमान है BJP सरकार

इस पेंटिंग के जरिए बिहार-झारखंड की कला संस्कृति से आम लोगों को अवगत कराने की कोशिश की जा रही है. जबकि दीवार पर की गई चित्रकारी से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश भी दिया जा रहा है. रेल मंडल के परिचालन विभाग के वरीय अधिकारी नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि इसके जरिए लोगों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है और झारखंड की कला संस्कृति के बारे में लोग जान भी पा रहे हैं.

रांची: रेल स्टेशन को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए रांची रेल मंडल अपनी योजना के तहत सोहराय कला के जरिए वॉल पेंटिंग करवा रही है. स्टेशन परिसर में सोहराय पेंटिंग उकेरी जा रही है. 64वें रेलवे अवॉर्ड सेरेमनी के आयोजन को लेकर भी रांची रेल मंडल के लिए यह तैयारी की जा रही है.

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14 जुलाई को रांची रेल मंडल द्वारा रेलवे अवॉर्ड सेरेमनी की मेजबानी की जा रही है. इस सेरेमनी में केंद्रीय रेल मंत्री के अलावा रेलवे के तमाम लोग रांची पहुंचेंगे. इधर, सोहराय आर्ट के जरिए रेलवे स्टेशन को सुंदर और आकर्षक बनाने की योजना रांची रेल मंडल द्वारा पहले ही बनाई गई थी, लेकिन इस कार्यक्रम को लेकर विभाग थोड़ा ज्यादा रेस है.

इस योजना के पहले चरण में रांची और हटिया रेलवे स्टेशन के दीवारों पर कलाकारों द्वारा सोहराय पेंटिंग के तहत विभिन्न प्रकार की आकृतियों का निर्माण किया जा रहा है. हटिया स्टेशन से बिरसा चौक तक सड़क के बीच स्थित डिवाइडर पर भी सोहराय पेंटिंग की जा रही है.

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इस पेंटिंग के जरिए बिहार-झारखंड की कला संस्कृति से आम लोगों को अवगत कराने की कोशिश की जा रही है. जबकि दीवार पर की गई चित्रकारी से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश भी दिया जा रहा है. रेल मंडल के परिचालन विभाग के वरीय अधिकारी नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि इसके जरिए लोगों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है और झारखंड की कला संस्कृति के बारे में लोग जान भी पा रहे हैं.

Intro:रांची।

रांची रेल मंडल ने अपने तमाम रेल स्टेशनों को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए एक योजना के तहत झारखंड के प्रसिद्ध सोहराय कला के जरिए वॉल पेंटिंग करवा रही है .स्टेशन परिसर के चारों ओर और रेलवे के बाहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी सोहराई कला की अद्भुत पेंटिंग उकेरी जा रही है .हालांकि 64वें रेलवे अवॉर्ड सेरेमनी के आयोजन को लेकर भी रांची रेल मंडल की यह तैयारी है .






Body:गौरतलब है कि 14 जुलाई को रांची रेल मंडल द्वारा रेलवे अवॉर्ड सेरेमनी का मेजवानी की जा रही है .इस सेरेमनी में केंद्रीय रेल मंत्री के अलावे रेलवे महकामा के तमाम लोग रांची पहुंचेंगे. इधर सोहराई आर्ट के जरिए रेलवे स्टेशन को सुंदर और आकर्षक बनाने की योजना रांची रेल मंडल द्वारा पहले ही बनाई गई थी .लेकिन इस कार्यक्रम को लेकर विभाग थोड़ा ज्यादा रेस है. इस योजना के पहले चरण में रांची और हटिया रेलवे रेलवे स्टेशन के दीवारों पर और चार दिवारी पर कलाकारों द्वारा सोहराई पेंटिंग के तहत विभिन्न प्रकार की आकृतियों का निर्माण किया जा रहा है. हटिया स्टेशन से बिरसा चौक तक सड़क के बीच स्थित डिवाइडर की पेंटिंग भी सोहराई पेंटिंग के जरिए ही की जा रही है. हटिया रेलवे स्टेशन की दीवारों पर काफी बेहतरीन सोहराई पेंटिंग आपको देखने को मिल जाएंगे .इस पेंटिंग के जरिए बिहार- झारखंड की कला संस्कृति से आम लोगों को अवगत कराने की कोशिश की जा रही है .जबकि दीवार पर की गई चित्रकारी से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश भी दिया जा रहा है. रांची रेल मंडल की यह बेहतरीन प्रयास है .रेल मंडल के परिचालन विभाग के वरीय अधिकारी नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि इसके जरिए लोगों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है और झारखंड की कला संस्कृति के बारे में लोग जान भी पा रहे हैं.


बाइट-नीरज कुमार,सीनियर अधिकारी,रांची रेल मंडल।


Conclusion:क्या है सोहराय कला:

झारखंड के हजारीबाग के गुफाओं से निकली यह कला गुफा चित्रों का ही आधुनिक रूप है . आज भी हजारीबाग के बादम क्षेत्र में इस्को पहाड़ों की गुफाओं में इस कला के नमूने देखे जा सकते हैं. कहा जाता है कि बादम राजाओं ने इस कला को काफी प्रोत्साहित किया था .जिसकी वजह से यह कला गुफाओं की दीवारों से निकलकर घरों की दीवारों में अपना स्थान बना पाने में सफल हुई थी .मिट्टी की दीवारों पर प्राकृतिक तरीके से बनाए जाने वाला यह चित्रण पूरी तरह से कलात्मक और स्पष्ट होता है .यह काफी प्राचीन कला है .इसमें प्रकृति संरक्षण, स्त्री- पुरुष संबंध जादू टोने टोटके जैसे प्रतिक चिन्हों का इस्तेमाल इस चित्रकारी में होती है. इसके अलावे शिव की विभिन्न आकृतियों और मानव आकृतियों का प्रयोग भी होता है .वहीं जंगली जानवरों के साथ साथ पेड़ पौधे और प्रकृति से जुड़े तमाम चित्रकारी इस कला में आपको देखने को मिलेंगे .झारखंड सरकार द्वारा भी सोहराई कला को प्रमोट किया जा रहा है.
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