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बहन की शादी के लिए लाखों का लिया था कर्ज, अब चुकाने के लिए किडनी बेचने पहुंचा रिम्स

राजधानी रिम्स में पैसों के लिए किडनी बेचने के लिए एक शख्स पहुंचा. दरअसल 3 साल पहले अपनी बहन की शादी के लिए 7 लाख रुपए कर्ज लिए थे. जिसे चुकाने के लिए उसे अपनी किडनी बेचने की नौबत आ गई.

Poor man sell to kidney for money in rims
किडनी बेचने रिम्स पहुंचा शख्स
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Published : Dec 11, 2019, 9:41 AM IST

रांचीः कर्ज का बोझ किसी भी इंसान को कुछ भी करने के लिए मजबूर कर सकता है. कुछ इसी तरह का मामला सूबे की राजधानी में देखने को मिला जहां एक शख्स अपनी किडनी बेचने के लिए पहुंचा था.

किडनी बेचने रिम्स पहुंचा शख्स

दरअसल, गिरिडीह जिले के जमुआ के रहने वाले रंजन दास मंगलवार को रिम्स पहुंचे थे, ये चाहते थे कि कोई उनकी किडनी खरीद ले. क्योंकि उन्होंने 3 साल पहले अपनी बहन की शादी करने के लिए 7 लाख का कर्ज लिया था. अब कर्ज लेने के बाद कर्जदार इनके घर पर रोज कर्ज की ताना देने आ रहे हैं जिस वजह से यह शख्स मजबूर और लाचार होकर अपनी किडनी बेचने के रांची के रिम्स पहुंच गया.

ये भी पढ़ें- रांची के 5 सीटों पर धारा 144 लागू, 48 घंटों तक बिना अनुमति के नहीं की जा सकेगी कोई सभा

हालांकि, रिम्स में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं होने की वजह से यह शख्स अपनी किडनी नहीं बेच सका. लेकिन ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि एक तरफ जहां झारखंड में हो रहे चुनाव में प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पानी की तरह करोड़ों रुपए बहा रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर इसी राज्य का एक शख्स अपनी जरूरतों को भी पूरा करने के लिए हजार रुपए तक की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है.

रांचीः कर्ज का बोझ किसी भी इंसान को कुछ भी करने के लिए मजबूर कर सकता है. कुछ इसी तरह का मामला सूबे की राजधानी में देखने को मिला जहां एक शख्स अपनी किडनी बेचने के लिए पहुंचा था.

किडनी बेचने रिम्स पहुंचा शख्स

दरअसल, गिरिडीह जिले के जमुआ के रहने वाले रंजन दास मंगलवार को रिम्स पहुंचे थे, ये चाहते थे कि कोई उनकी किडनी खरीद ले. क्योंकि उन्होंने 3 साल पहले अपनी बहन की शादी करने के लिए 7 लाख का कर्ज लिया था. अब कर्ज लेने के बाद कर्जदार इनके घर पर रोज कर्ज की ताना देने आ रहे हैं जिस वजह से यह शख्स मजबूर और लाचार होकर अपनी किडनी बेचने के रांची के रिम्स पहुंच गया.

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हालांकि, रिम्स में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं होने की वजह से यह शख्स अपनी किडनी नहीं बेच सका. लेकिन ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि एक तरफ जहां झारखंड में हो रहे चुनाव में प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पानी की तरह करोड़ों रुपए बहा रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर इसी राज्य का एक शख्स अपनी जरूरतों को भी पूरा करने के लिए हजार रुपए तक की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है.

Intro:राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कर्ज की बोझ बढ़ जाने की वजह से एक शख्स को अपने किडनी बेचने तक की जरूरत पड़ गई।Body:दरअसल गिरिडीह जिले के जमुआ का रहने वाला रंजन दास मंगलवार को रिम्स परिसर में इसलिए घूम रहा था ताकि कोई उसकी किडनी खरीद ले क्योंकि यह शख्स 3 साल पूर्व अपनी बहन की शादी करने के लिए 7 लाख का कर्ज लिया था।

अब कर्ज लेने के बाद कर्जदार इनके घर पर रोज कर्ज की ताना देने आ रहे हैं जिस वजह से यह शख्स मजबूर और लाचार होकर अपनी किडनी बेचने के लिए विवश हो गया।Conclusion:हालांकि रिम्स में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं होने की वजह से यह शख्स अपना किडनी नहीं बेच सका लेकिन ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि एक तरफ जहां झारखंड में हो रहे चुनाव में प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पानी की तरह करोड़ों रुपए बहा रहे हैं वहीं दूसरी ओर इसी राज्य का एक शख्स अपनी जरूरतो को भी पूरा करने के लिए हजार रुपए तक की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है।

बाइट- रंजन दास
पीटीसी हितेश कुमार चौधरी।
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