रांची: रामनवमी जुलूस के दौरान लोहरदगा में हुई हिंसा के बाद इस पर सियासत शुरू हो गई है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने इसे प्रायोजित बताते हुए लोहरदगा के विधायक और सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव पर निशाना साधा है. रघुवर दास ने डॉ रामेश्वर उरांव को ऐसी शक्तियों का संरक्षक बताया है जिसके कारण लोहरदगा में बार बार सांप्रदायिक हिंसा होती है.
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लोहरदगा हिंसा पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने रामेश्वर उरांव पर निशाना साधा है. रघुवर दास ने कहा कि पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि रामनवमी जुलूस के दिन कोई समुचित प्रशासनिक व्यवस्था नहीं की गई थी. वोटबैंक के कारण तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए रघुवर दास ने बहुसंख्यक समाज के धार्मिक आयोजन में जानबूझकर खलल डालने का आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लोहरदगा के अलावा राज्य के कई जगहों पर इस तरह की घटना हुई है.
रघुवर दास के बयान पर कांग्रेस और जेएमएम ने पलटवार किया है. अपने उपर लगे आरोप को खारिज करते हुए डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि रघुवर दास पीड़ितों से मिलने गये थे. लेकिन वहां प्रशासन ने उन्हें मिलने दिया ऐसे में वे क्या कर सकते हैं. अपने उपर लगे आरोपों पर उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाना आसान है, हकीकत इससे अलग है. उन्होंने रघुवर दास पर पलटवार करते हुए कहा कि सीएनटी एसपीटी एक्ट में बदलाव करने की कोशिश उन्हीं के कार्यकाल में हुई थी वो क्या भूल गये हैं.
इधर, झामुमो ने रघुवर दास के बयान पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी के अंदर जबरदस्त खेमेबाजी है. इसमें बाबूलाल, रघुवर दास और दीपक प्रकाश में होड़ मची हुई है. जेएमएम नेता मनोज पांडे ने कहा कि रामेश्वर उरांव पर अंगुली उठाना कहीं से भी उचित नहीं है. वह सहज हैं और पुलिस अधिकारी भी रह चुके हैं.