रांची: राजधानी रांची में मौहाल जैसे-जैसे सुधर रहे हैं वैसे-वैसे सियासत भड़कती जा रही है. जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन दिल्ली से आकर कडरू के मदरसा हुसैनिया में एक प्रेस कांफ्रेंस करने की कोशिश की. मौके पर ग्रामीण एसपी नौशाद आलम और अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार पहुंचे और उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में ही रोक दिया. इस दौरान एक स्थानीय मुसलमान ने मौलाना पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया.
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शुक्रवार को रांची में हिंसक घटना के बाद माहौल तेजी से सुधर रहा है. इस बीच दिल्ली से रांची पहुंचे जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था, लेकिन मौके पर ग्रामीण एसपी नौशाद आलम और अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार पहुंचे और पीसी को रुकवा दिया. उन्होंने कहा कि पूरे शहर में 144 धारा लागू है ऐसे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करना कानूनी तौर पर जायज नहीं है.
इससे पहले मीडिया से बातचीत करते हुए मौलाना हकीमुद्दीन ने इस घटना में मारे गए लोगों के लिए सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस देश में अमन और शांति बिगड़ गई है. उन्होंने लोगों से देश भर में अमन और शांति बनाए रखने की अपील की है.
हालांकि जब वे मीडिया से बात कर रहे थे उसी दौरान एक स्थानीय व्यक्ति ने मौलाना हकीमुद्दीन पर गंभीर आरोप जड़ते हुए कहा कि रांची शहर की परेशानियों को बताने वाले बाहर से लोग क्यों आ रहे हैं. स्थानीय व्यक्ति ने आरोप लगाया कि बाहरी लोग आकर ही दंगा फसाद करवा रहे हैं. ऐसे लोग रांची शहर के अमन चैन को खराब करने आ रहे हैं. उसका कहना था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए जमावड़ा हो रहा है और इससे दंगा फैलता है. स्थानीय व्यक्ति ने आरोप लगाया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश से रांची में दंगा फैलाने की कोशिश हो रही है.