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तीनों कृषि कानून वापस: पीएम मोदी की घोषणा पर झारखंड में किसने क्या प्रतिक्रिया दी ? पढ़ें रिपोर्ट

पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून (Three Agriculture Laws) वापस लेने का ऐलान किया है. इन कानूनों का काफी लंबे समय से विरोध हो रहा था. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां इस कानून के खिलाफ थी. इन तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने पर झारखंड के नेताओं (Leaders of Jharkhand) ने भी प्रतिक्रिया दी है.

Jharkhand leaders reaction on Jharkhand leaders reaction
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Published : Nov 19, 2021, 1:14 PM IST

रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों (Three Agriculture Laws) को निरस्त करने की घोषणा कर दी है. इसी शीतकालीन सत्र में कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी. 17 दिसंबर 2020 को तीनों कृषि कानून (Three Agriculture Laws) पास किए गए थे. उसी दिन से खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका विरोध होता आ रहा है. इसके विरोध में भारत बंद और रेल रोको आंदोलन भी चला. इस बीच गुरुनानक जी के प्रकाश पर्व के दिन यानी 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान की मांगों का हवाले देते हुए कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी. केंद्र सरकार के इस फैसले पर झारखंड के नेताओं की अलग प्रतिक्रिया आ रही है.

ये भी पढ़ें: सरकार का तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान : पीएम मोदी

झारखंड के कांग्रेस विधायक सह कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ट्वीट कर किसानों को बधाई दी है. उन्होंने लिखा है कि तानाशाही सरकार को आपके अहिंसक आंदोलन ने झुलने के लिए मजबूर कर दिया. केंद्र सरकार को सैंकड़ों किसानों की शहादत के सामने आखिर झुकना पड़ा.

  • देश के किसान भाइयों को बधाई.तानाशाही सरकार को आपके अहिंसक आंदोलन ने झुकने को मजबूर कर दिया.
    केन्द्र सरकार को सैंकड़ों किसानों की शहादत के सामने आख़िर झुकना पड़ा. सरकार उन किसानों के परिवारों से भी माफ़ी मांगनी चाहिए जिनकी जान इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन में गई है।

    — BADAL (@Badal_Patralekh) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भाजपा छोड़कर निर्दलीय विधायक बने सरयू राय ने ट्वीट कर लिखा है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य है. विलंब से उठाये गये इस सही कदम के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद.

  • तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य. विलंब से उठाये गये इस सही कदम के लिये प्रधानमंत्री @narendramodi को धन्यवाद. यह प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व के लचीलेपन का प्रमाण है.

    — Saryu Roy (@roysaryu) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं कांग्रेस विधायक सह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राजतंत्र की हार और लोकतंत्र की जीत करार दिया है. उन्होंने कहा कि तीन कानूनों को पीएम के उद्योगपति मित्रों को खुश करने के लिए लाया गया था. यह किसानों को गुलामी की ओर ले जाने वाला षडयंत्र था.

झामुमो विधायक सह मंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने लिखा है " टूट गया अभियान, जीत गया मेरे देश का किसान". वहीं सत्ताधारी दल झामुमो की ओर से ट्वीट किया गया है. पार्टी की ओर से लिखा गया है कि पूरे देश के कृषकों को नमन. आज दम्भ के समक्ष संघर्ष की जीत हुई है. तीनों काले कानून वापस.

सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया है. लिखा गया है कि आजाद भारत के इतिहास के सबसे मुश्किल आंदोलनों में शुमार किसान आंदोलन के आगे आखिरकार अहंकारी सरकार को झुकना ही पड़ा. सच को परेशान करने, प्रताड़ित करने की काफी कोशिशें की गईं लेकिन जीत सच की हुई.

  • आजाद भारत के इतिहास के सबसे मुश्किल आंदोलनों में शुमार 'किसान आंदोलन' के आगे आखिरकार अहंकारी सरकार को झुकना ही पड़ा। सच को परेशान करने, प्रताड़ित करने की काफी कोशिशें की गई, लेकिन आखिरकार जीत सच की ही हुई।#जीता_किसान_हारा_अभिमान pic.twitter.com/gWMB1lW2D0

    — Jharkhand Congress (@INCJharkhand) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

झारखंड भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने पीएम मोदी के ट्वीटर हैंडल से जारी राष्ट्र के नाम संबोधन वाले ट्वीट को रिट्वीट किया है. वहीं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज साबित हो गया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चलने वाली सरकार जनभावनाओं पर चलती है.

  • आज फिर साबित हो गया कि माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार जन भावनाओं पर चलती है।किसानों के चतुर्मुखी विकास के लिए कृषि सुधार कानून लाए थे।लेकिन कुछ किसान इसे समझ नहीं पाए।इसलिए उनकी भावनाओं का सम्मान करते तीनों कानून को वापस लिया जाएगा@BJP4India https://t.co/A9yPYEL14N

    — Pratul Shah Deo (@pratulshahdeo) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों (Three Agriculture Laws) को निरस्त करने की घोषणा कर दी है. इसी शीतकालीन सत्र में कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी. 17 दिसंबर 2020 को तीनों कृषि कानून (Three Agriculture Laws) पास किए गए थे. उसी दिन से खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका विरोध होता आ रहा है. इसके विरोध में भारत बंद और रेल रोको आंदोलन भी चला. इस बीच गुरुनानक जी के प्रकाश पर्व के दिन यानी 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान की मांगों का हवाले देते हुए कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी. केंद्र सरकार के इस फैसले पर झारखंड के नेताओं की अलग प्रतिक्रिया आ रही है.

ये भी पढ़ें: सरकार का तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान : पीएम मोदी

झारखंड के कांग्रेस विधायक सह कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ट्वीट कर किसानों को बधाई दी है. उन्होंने लिखा है कि तानाशाही सरकार को आपके अहिंसक आंदोलन ने झुलने के लिए मजबूर कर दिया. केंद्र सरकार को सैंकड़ों किसानों की शहादत के सामने आखिर झुकना पड़ा.

  • देश के किसान भाइयों को बधाई.तानाशाही सरकार को आपके अहिंसक आंदोलन ने झुकने को मजबूर कर दिया.
    केन्द्र सरकार को सैंकड़ों किसानों की शहादत के सामने आख़िर झुकना पड़ा. सरकार उन किसानों के परिवारों से भी माफ़ी मांगनी चाहिए जिनकी जान इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन में गई है।

    — BADAL (@Badal_Patralekh) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भाजपा छोड़कर निर्दलीय विधायक बने सरयू राय ने ट्वीट कर लिखा है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य है. विलंब से उठाये गये इस सही कदम के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद.

  • तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य. विलंब से उठाये गये इस सही कदम के लिये प्रधानमंत्री @narendramodi को धन्यवाद. यह प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व के लचीलेपन का प्रमाण है.

    — Saryu Roy (@roysaryu) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं कांग्रेस विधायक सह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राजतंत्र की हार और लोकतंत्र की जीत करार दिया है. उन्होंने कहा कि तीन कानूनों को पीएम के उद्योगपति मित्रों को खुश करने के लिए लाया गया था. यह किसानों को गुलामी की ओर ले जाने वाला षडयंत्र था.

झामुमो विधायक सह मंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने लिखा है " टूट गया अभियान, जीत गया मेरे देश का किसान". वहीं सत्ताधारी दल झामुमो की ओर से ट्वीट किया गया है. पार्टी की ओर से लिखा गया है कि पूरे देश के कृषकों को नमन. आज दम्भ के समक्ष संघर्ष की जीत हुई है. तीनों काले कानून वापस.

सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया है. लिखा गया है कि आजाद भारत के इतिहास के सबसे मुश्किल आंदोलनों में शुमार किसान आंदोलन के आगे आखिरकार अहंकारी सरकार को झुकना ही पड़ा. सच को परेशान करने, प्रताड़ित करने की काफी कोशिशें की गईं लेकिन जीत सच की हुई.

  • आजाद भारत के इतिहास के सबसे मुश्किल आंदोलनों में शुमार 'किसान आंदोलन' के आगे आखिरकार अहंकारी सरकार को झुकना ही पड़ा। सच को परेशान करने, प्रताड़ित करने की काफी कोशिशें की गई, लेकिन आखिरकार जीत सच की ही हुई।#जीता_किसान_हारा_अभिमान pic.twitter.com/gWMB1lW2D0

    — Jharkhand Congress (@INCJharkhand) November 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

झारखंड भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने पीएम मोदी के ट्वीटर हैंडल से जारी राष्ट्र के नाम संबोधन वाले ट्वीट को रिट्वीट किया है. वहीं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज साबित हो गया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चलने वाली सरकार जनभावनाओं पर चलती है.

  • आज फिर साबित हो गया कि माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार जन भावनाओं पर चलती है।किसानों के चतुर्मुखी विकास के लिए कृषि सुधार कानून लाए थे।लेकिन कुछ किसान इसे समझ नहीं पाए।इसलिए उनकी भावनाओं का सम्मान करते तीनों कानून को वापस लिया जाएगा@BJP4India https://t.co/A9yPYEL14N

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